Last Updated on August 28, 2025 21:41, PM by Pawan
Share Markets: अमेरिका के 50 प्रतिशत टैरिफ का भारतीय शेयर बाजारों पर पिछले दो दिनों से साफ असर नजर आ रहा है। सेंसेक्स और निफ्टी आज 28 अगस्त को लगातार दूसरे दिन भारी गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स आज 706 अंक या 0.9% गिरकर 80,080.57 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 211 अंकों का गोता लगाकर 24,500 के स्तर पर बंद हुआ। पिछले दो दिनों में सेंसेक्स 1,500 अंकों से ज्यादा टूट चुका है।
निफ्टी बैंक भी दबाव में रहा और 630 अंकों की गिरावट के साथ 53,820.35 पर बंद हुआ। लगभग सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में रहे, केवल कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ही हरे निशान में बंद हुआ।
शेयर बाजार की अब आगे कैसी रहेगी चाल?
एंजल वन के सीनियर एनालिस्ट ओशो कृष्णन का कहना है कि शेयर बाजार की गिरावट उम्मीद से ज्यादा रही। निफ्टी अपने 100-दिनों के EMA के नीचे फिसल गया है, जिससे चार्ट पर बेयरिश मोमेंटम बना हुआ है।
कृष्णन के मुताबिक, निफ्टी के लिए अब 24,350 का स्तर अहम सपोर्ट लेवल है। इसके नीचे जाने पर इंडेक्स 24,100 तक फिसल सकता है। वहीं, अगर निफ्टी में रिकवरी आती है तो 24,700 से 24,800 पर मजबूत रेजिस्टेंस मिलेगा। बैंक निफ्टी के लिए सपोर्ट 53,600–53,400 और रेजिस्टेंस 54,250–54,500 बताया गया है।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड, श्रीकांत चौहान का मानना है कि फिलहाल शॉर्ट-टर्म में बाजार कमजोर है, लेकिन क्विक पुलबैक रैली से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि मौजूदा लेवल पर बाजार ओवरसोल्ड स्थिति में है।
उनके मुताबिक, निफ्टी अगर 24,600 से ऊपर जाता है तो शॉर्ट-टर्म में 24,725 और 24,800 तक की तेजी देखी जा सकती है। वहीं, सेंसेक्स अगर 80,600 पार करता है तो 81,000–81,300 तक जाने की संभावना बन सकती है।
बजाज ब्रोकिंग के मुताबिक, निफ्टी 50 के टेक्निकल चार्ट्स फिलहाल करेक्शन जारी रहने के संकेत दे रहे हैं। निफ्टी ने लगातार दूसरी बड़ी “बेयर कैंडल” बनाई है। ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि निफ्टी का तत्काल सपोर्ट 24,400–24,350 पर है। इसके ऊपर टिके रहने पर इंडेक्स 24,400–24,900 की रेंज में कंसोलिडेट कर सकता है। लेकिन अगर यह लेवल टूटता है तो गिरावट तेज होकर 24,000–23,800 तक जा सकती है।
बैंक निफ्टी भी लोअर-हाई और लोअर-लो बना रहा है। इसके लिए अहम सपोर्ट 53,500–53,000 बताया गया है। वहीं, 55,000 के ऊपर जाए बिना अपसाइड ट्रेंड की संभावना नहीं बनती।
“डिप में खरीदने का मौका”
मार्केट एक्सपर्ट मधुसूदन केला ने कहा कि मौजूदा गिरावट अस्थायी है और निवेशकों को इसे लॉन्ग-टर्म निवेश के मौके की तरह देखना चाहिए। उन्होंने CNBC आवाज से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले भी कई संकटों को निर्णायक तरीके से संभाला है। मुझे नहीं लगता कि इतनी ज्यादा चिंता करने की जरूरत है।”
कुल मिलाकर, अमेरिकी टैरिफ से शेयर बाजार में करेक्शन जरूर आया है, लेकिन कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में भारत-अमेरिका ट्रेड डील की कोई पॉजिटिव खबर मिलते ही इंडेक्स में तेज रिकवरी संभव है।
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