Last Updated on August 25, 2025 12:06, PM by Khushi Verma
Defence PSU Stock: डिफेंस सेक्टर की दिग्गज सरकारी कंपनी Mazagon Dock Shipbuilders को लेकर एक बड़ी खबर है. सरकार ने 70 हजार करोड़ रुपए के सबमरीन डील को मंजूरी दी है. बता दें कि ‘Project 75 India’ के तहत 6 सबमरीन्स को भारत में तैयार किया जाना है. इसमें डोमेस्टिक पार्टनर MDL यानी Mazagon Dock Shipbuilders जर्मन दिग्गज ThyssenKrupp Marine Systems के साथ मिलकर सबमरीन का निर्माण करेगी. इस खबर के सामने आने के बाद मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयर में एक्शन देखा जा रहा है और यह 2% की तेजी के साथ 2750 रुपए के पार कारोबार कर रहा है.
6 सबमरीन्स को डेवलप करने की मंजूरी
इस डील का मकसद भारतीय नौसेना की पनडुब्बी क्षमताओं को मजबूत करना और देश में युद्धपोतों और पनडुब्बियों के डिज़ाइन व निर्माण में स्वदेशी क्षमता विकसित करना है. ये 6 सबमरीन्स एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) टेक्नोलॉजी से लैस होंगी, जिससे वे समुद्र के भीतर तीन हफ्तों तक स्थाई रूप से रह सकेंगी. इसके साथ ही, भारत दो न्यूक्लियर अटैक सबमरीन्स का निर्माण भी कर रहा है जिसमें लार्सन एंड टुब्रो और सबमरीन बिल्डिंग सेंटर प्रमुख भूमिका निभाएंगे.
चाइनीज नेवी का तेजी से विस्तार
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय नौसेना अगले 10 वर्षों में अपने पुराने 10 सबमरीन्स को चरणबद्ध तरीके से रिटायर करेगी और उनकी जगह इन नई पनडुब्बियों से भरपाई करेगी. दरअसल चाइनीज नेवी अपनी कैपेसिटी का तेजी से विस्तार कर रही है. ऐसे में स्ट्रैटिजिक तौर पर इंडियन नेवी को मजबूत करने का यह बड़ा फैसला लिया गया है.
क्या है Project 75 India?
प्रोजेक्ट 75 इंडिया (P-75I) भारतीय नौसेना के लिए छह उन्नत डीज़ल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बियाँ तैयार करने की योजना है. इन पनडुब्बियों में एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक होगी, जो पनडुब्बियों को लगभग तीन हफ्ते तक पानी के अंदर रहने में सक्षम बनाएगी. यह प्रोजेक्ट देश में स्वदेशी डिजाइन और निर्माण क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित है, जिससे विदेशी निर्भरता कम होगी. यह योजना भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत बनाने और चीन और पाकिस्तान की बढ़ती नौसैनिक शक्ति का जवाब देने के लिए महत्वपूर्ण है.
Mazagon Dock Shipbuilders का क्या रोल है?
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (MDL) को इस प्रोजेक्ट में मुख्य भारतीय निर्माण इकाई के रूप में चुना गया है. Mazagon Dock Shipbuilders रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर जर्मनी की थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (ThyssenKrupp Marine Systems) के सहयोग से इन पनडुब्बियों का निर्माण करेगा. MDL का काम न केवल निर्माण करना है, बल्कि स्वदेशी तकनीक और डिजाइन को विकसित करके भारत को आत्मनिर्भर बनाना भी है. यह प्रोजेक्ट MDL की जहाज निर्माण क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ देश की डिफेंस प्रोडक्शन सिस्टम को भी सशक्त करेगा.
Mazagon Dock Shipbuilders Share Historical Performance
Duration | Absolute Change | Change % |
---|---|---|
1 Week | 17.80 | 0.65 % |
2 Weeks | 59.75 | 2.21 % |
1 Month | –128.95 | –4.47 % |
3 Months | –744.40 | –21.26 % |
6 Months | 634.40 | 29.88 % |
Year-to-Date | 513.15 | 22.86 % |
1 Year | 553.57 | 25.11 % |
2 Years | 1,838.47 | 199.99 % |
3 Years | 2,600.95 | 1,658.77 % |
5 Years | — | — |
10 Years | — | — |
Mazagon Dock Shipbuilders Share Performance
Mazagon Dock Shipbuilders का शेयर करीब दो फीसदी की तेजी के साथ 2750 रुपए पर कारोबार कर रहा है. इस शेयर के लिए 52 वीक्स हाई 3778 रुपए है जो इसने मई के महीने में बनाया था और यह इसका लाइफ हाई भी है. बता दें कि फरवरी महीने में इस स्टॉक ने 1918 रुपए का इस साल का लो बनाया था. पिछले एक महीने में शेयर ने -5%, तीन महीने में -21% का निगेटिव रिटर्न दिया है. इस साल अब तक शेयर ने नेट आधार पर 22% का रिटर्न दिया है. पिछले एक साल का रिटर्न 25%, दो साल का रिटर्न करीब 200% और तीन साल में 1650% रिटर्न दिया है.
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