Last Updated on August 25, 2025 14:08, PM by Pawan
0FIIs-DIIs Data: भारतीय शेयर बाजारों में कई महीनों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) बिकवाली कर रहे हैं. कुछ सेगमेंट्स में थोड़ी-बहुत खरीदारी हुई है, लेकिन बड़ी बिकवाली के सामने बहुत ही ज्यादा मामूली रही है, लेकिन इसके उलट घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) कमाल कर रहे हैं. पिछले 1 साल के आंकड़े कुछ ऐसा ही दिखा रहे हैं.
DIIs ने FIIs की निकासी का किया डबल निवेश
इंडस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 12 महीनों में सेकेंडरी मार्केट में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) का कुल निवेश रिकॉर्ड 80 अरब डॉलर रहा, जो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की 40 अरब डॉलर की निकासी से दोगुना है. ICICI Securities की एक रिपोर्ट के अनुसार, दलाल स्ट्रीट पर हालिया उतार-चढ़ाव के बावजूद, एफपीआई द्वारा की गई भारी बिकवाली के जवाब में डीआईआई द्वारा की गई प्रति-खरीदारी पिछले उदाहरणों की तुलना में अधिक है, जिसमें 2008 का वैश्विक वित्तीय संकट और 2022 की बिकवाली शामिल है.
डीआईआई ने इस वर्ष भारतीय शेयर बाजार में 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है, जो 2007 के बाद से पहले सात महीनों के दौरान कैश मार्केट में इस श्रेणी द्वारा किया गया सबसे बड़ा निवेश है.
FPIs की सेलिंग ने रिटर्न को किया हिट
इस मजबूत घरेलू समर्थन के बावजूद, हाल के महीनों में एफपीआई की आक्रामक बिकवाली ने भारतीय शेयर बाजार में रिटर्न को सीमित कर दिया है. पिछले 12 महीनों में सभी बाजार पूंजीकरणों के सूचकांकों ने स्थिर से लेकर नकारात्मक प्रदर्शन किया है. अप्रैल से जून तक एफपीआई का निवेश 1.2 से 2.3 अरब डॉलर के बीच रहा, जबकि जुलाई में यह रुझान उलट गया और निकासी 2.9 अरब डॉलर तक पहुंच गई, जबकि अगस्त में बिकवाली जारी रही.
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने बताया कि जुलाई 2025 में एफपीआई के पलायन से पहले, वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में सभी बाजार पूंजीकरणों में विदेशी निवेशक शुद्ध खरीदार थे. डीआईआई और एफआईआई ने शेयर जमा किए, जबकि प्रमोटरों, व्यक्तिगत निवेशकों (स्मॉलकैप को छोड़कर) और प्रत्यक्ष विदेशी निवेशकों ने इक्विटी आपूर्ति प्रदान की.
भारत से निकालकर कहां किया निवेश?
जुलाई 2025 में, एफपीआई ने भारत से 2.9 अरब डॉलर निकाले. इसके विपरीत, ताइवान ने 18.3 अरब डॉलर, जापान ने 16.1 अरब डॉलर और दक्षिण कोरिया ने 4.5 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित किया. अगस्त में, दक्षिण कोरिया के साथ-साथ भारत से भी निकासी हुई. जापान ने 12.5 अरब डॉलर और इंडोनेशिया ने 51.5 करोड़ डॉलर का निवेश आकर्षित किया.
2025 के केवल सात महीनों में डीआईआई ने 2024 के कुल निवेश में 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया, जिससे बाजार को आवश्यक समर्थन मिला. 2025 में डीआईआई निवेश सालाना आधार पर औसत निफ्टी बाजार पूंजीकरण के 2.2 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो 2007 के बाद से उच्चतम स्तर है.
