Last Updated on August 23, 2025 7:35, AM by
GST Council Meeting: GST (Goods and Services Tax) काउंसिल की 56वीं मीटिंग 3 सितंबर से दिल्ली में होगी। यह दो दिन की मीटिंग 4 सितंबर को खत्म होगी। मीटिंग के दौरान GST सिस्टम में प्रस्तावित बदलावों को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। मीटिंग में GST की दरों को तर्कसंगत बनाने, कंपंजेशन सेस, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST को लेकर गठित मंत्री समूह की सिफारिशों पर विचार किया जाएगा।
मीटिंग सुबह 11 बजे शुरू होगी और इसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। GST से जुड़े मामलों में आखिरी फैसला GST काउंसिल ही लेती है। काउंसिल में मेंबर के तौर पर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल हैं।
सरकार की इस साल दिवाली तक GST रेट्स को मौजूदा 4 स्लैब्स से घटाकर केवल 2 स्लैब तक सीमित करने की तैयारी है। केंद्र सरकार ने रिवाइज्ड GST व्यवस्था के तहत 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की 2 दरों का प्रस्ताव रखा है, यानि कि 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के स्लैब खत्म हो जाएंगे। साथ ही लग्जरी थिंग्स और नुकसानदेह चीजों (Sin Goods) पर 40 प्रतिशत की विशेष दर का प्रस्ताव है। GST रेट्स में कटौती से रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली चीजें सस्ती हो जाने की बात कही जा रही है।
PM मोदी ने 15 अगस्त को किया था GST में बदलाव का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त की सुबह लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए दिवाली तक अगली पीढ़ी के GST सुधार लागू करने की घोषणा की थी। कहा था कि यह नागरिकों के लिए दिवाली का तोहफा होगा। फिलहाल जरूरी फूड आइटम्स पर शून्य प्रतिशत GST लगाया जाता है। रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों पर 5 प्रतिशत, स्टैंडर्ड आइटम्स पर 12 प्रतिशत और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स और सर्विसेज पर 18 प्रतिशत GST लगता है। लग्जरी और सिन गुड्स पर 28 प्रतिशत GST है। कुछ चीजों पर कंपंजेशन सेस भी लगाया गया है। कंपंजेशन सेस व्यवस्था 31 मार्च, 2026 को खत्म हो रही है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि GST के मौजूदा 12 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में शामिल 99 प्रतिशत सामानों को रिवाइज्ड GST व्यवस्था में 5 प्रतिशत वाले स्लैब में डाल दिया जाएगा। इसी तरह 28 प्रतिशत रेट वाली कैटेगरी में आने वाली लगभग 90 प्रतिशत चीजों को संशोधित GST व्यवस्था में 18 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में डाला जाएगा।
