Last Updated on August 21, 2025 17:13, PM by Pawan
IDBI Bank divestment: IDBI Bank के विनिवेश की दिशा में एक बहुत बड़ी और निर्णायक खबर सामने आई है. IDBI बैंक को खरीदने के लिए जिन बड़ी-बड़ी पार्टियों ने दिलचस्पी दिखाई थी, उन्होंने अपनी ‘ड्यू डिलिजेंस’ यानी गहन जांच-पड़ताल की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है. यह ऐलान सरकार के विनिवेश विभाग DIPAM (निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग) के सचिव, अरुणेश चावला ने किया है.
इस एक खबर के आते ही शेयर बाजार में IDBI बैंक के शेयर रॉकेट बन गए और दिन के कारोबार में 8% से भी ज्यादा उछलकर ₹98.16 पर पहुंच गए. यह इस बात का साफ संकेत है कि देश की सबसे बड़ी बैंकिंग डील्स में से एक अब अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रही है.
क्या है यह ‘ड्यू डिलिजेंस’?
‘ड्यू डिलिजेंस’ एक भारी-भरकम शब्द लग सकता है, लेकिन इसका मतलब बहुत सीधा है. जब कोई बड़ी कंपनी किसी दूसरी कंपनी को खरीदती है, तो वह खरीदने से पहले उस कंपनी की पूरी ‘कुंडली’ खंगालती है. वह यह जांचती है कि कंपनी के खाते साफ-सुथरे हैं या नहीं, उस पर कितने कर्ज हैं, उसकी संपत्तियां कहां-कहां हैं, और क्या कोई कानूनी पेंच तो नहीं फंसा है. इसी पूरी जांच-पड़ताल की प्रक्रिया को ‘ड्यू डिलिजेंस’ कहते हैं.
DIPAM सचिव अरुणेश चावला ने कहा, “योग्य पार्टियों ने ड्यू डिलिजेंस की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है, और हम इस पूरी प्रक्रिया को अगले महीने तक समाप्त करने की उम्मीद कर रहे हैं.”
अब तक कहां पहुंची है बिक्री की प्रक्रिया?
यह डील कई महीनों से चल रही है. सबसे पहले सरकार और LIC ने मिलकर IDBI बैंक में अपनी 60.72% की बड़ी हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया. इसके बाद, देश-विदेश की कई बड़ी कंपनियों और फाइनेंशियल ग्रुप्स ने बैंक को खरीदने में अपनी रुचि दिखाई (Expression of Interest). इसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इन इच्छुक पार्टियों की शुरुआती जांच-पड़ताल की और उन्हें ‘फिट एंड प्रॉपर’ यानी योग्य पाया. फिर, इन सभी योग्य खरीदारों को बैंक के ‘डेटा रूम’ का एक्सेस दिया गया, जहां उन्हें बैंक की सभी गोपनीय वित्तीय और कानूनी जानकारियां मुहैया कराई गईं. इसी डेटा के आधार पर खरीदारों ने अपनी गहन जांच-पड़ताल की, जो अब लगभग पूरी हो चुकी है.
अरुणेश चावला ने कहा, “इस प्रक्रिया का EoI (रुचि पत्र) वाला हिस्सा पूरी तरह से पूरा हो चुका है… अब हम ड्यू डिलिजेंस अभ्यास को पूरा करने के एक उन्नत चरण में हैं.”
अब आगे क्या होगा? जानें अंतिम चरण का पूरा प्लान
DIPAM सचिव के अनुसार, अब इस प्रक्रिया का अगला और अंतिम चरण, यानी RFP (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) स्टेज शुरू होगा. इस चरण में, सरकार इन सभी योग्य खरीदारों से अपनी अंतिम वित्तीय बोली (Financial Bid) जमा करने के लिए कहेगी. यानी, वे बताएंगे कि वे बैंक की 60.72% हिस्सेदारी के लिए कितना पैसा देने को तैयार हैं. अरुणेश चावला ने उम्मीद जताई है कि यह पूरी प्रक्रिया इसी वित्तीय वर्ष के अंत तक समाप्त हो जाएगी.
सरकार के लिए क्यों इतनी जरूरी है यह डील?
IDBI बैंक की यह बिक्री मोदी सरकार की विनिवेश रणनीति के लिए ‘कोहिनूर’ की तरह है. सरकार ने इस वित्तीय वर्ष (2025-26) में सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर ₹47,000 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है. सरकार ने पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में ही ₹20,000 करोड़ का विनिवेश पूरा कर लिया है. IDBI बैंक की बिक्री से सरकार को एकमुश्त बड़ी रकम मिलेगी, जिससे उसे अपना वार्षिक विनिवेश लक्ष्य हासिल करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी.
IDBI बैंक में किसकी कितनी हिस्सेदारी?
वर्तमान में, IDBI बैंक में सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की संयुक्त रूप से लगभग 95% हिस्सेदारी है. इसी में से 60.72% हिस्सेदारी को बेचा जा रहा है, जिसमें सरकार और LIC, दोनों का हिस्सा शामिल है.
निष्कर्ष (Conclusion)
कई देरी और अनिश्चितताओं के बाद, IDBI बैंक की बिक्री की प्रक्रिया का अपने अंतिम चरण में पहुंचना एक बहुत बड़ा और सकारात्मक विकास है. यह न केवल सरकार को अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा, बल्कि यह भारतीय बैंकिंग सेक्टर में सुधारों की प्रक्रिया को भी एक नई गति देगा. DIPAM सचिव का यह बयान कि “सारे तकनीकी दस्तावेज तैयार हैं” और प्रक्रिया अगले महीने तक पूरी हो जाएगी, यह दिखाता है कि सरकार इस ऐतिहासिक डील को लेकर कितनी गंभीर है. अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि कौन सी बड़ी पार्टी अंतिम बोली जीतती है और IDBI बैंक का नया ‘मालिक’ कौन बनता है.
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
सवाल 1: IDBI बैंक में कितनी हिस्सेदारी बेची जा रही है?
जवाब: सरकार और LIC मिलकर बैंक में अपनी कुल 60.72% हिस्सेदारी बेच रहे हैं.
सवाल 2: विनिवेश (Divestment) का क्या मतलब होता है?
जवाब: जब सरकार किसी सरकारी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी का कुछ या पूरा हिस्सा किसी निजी कंपनी को बेचती है, तो उसे विनिवेश कहते हैं.
सवाल 3: इस खबर से IDBI बैंक के शेयर क्यों बढ़े?
जवाब: DIPAM सचिव के बयान से यह संकेत मिला कि बैंक की बिक्री की प्रक्रिया में आ रही बाधाएं दूर हो गई हैं और यह डील अब जल्द ही पूरी हो सकती है. इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा.
सवाल 4: सरकार विनिवेश क्यों करती है?
जवाब: सरकार विनिवेश कई कारणों से करती है, जैसे – सरकारी खजाने के लिए पैसा जुटाना, कंपनी के प्रबंधन में सुधार लाना, और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों से बाहर निकलकर शासन पर अधिक ध्यान केंद्रित करना.
सवाल 5: IDBI बैंक के ग्राहकों के खाते और FD का क्या होगा?
जवाब: ग्राहकों पर इसका कोई तत्काल असर नहीं पड़ेगा. उनके खाते, FD, और लोन पहले की तरह ही चलते रहेंगे. बैंक के नए प्रबंधन के आने के बाद भी, सभी सेवाएं RBI के नियमों के तहत ही संचालित होंगी.
