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कभी भी पलटी मार सकते हैं ट्रंप, यह भारत में शेयर खरीदने का सही समय… दिग्गज एनालिस्ट ने दी सलाह

कभी भी पलटी मार सकते हैं ट्रंप, यह भारत में शेयर खरीदने का सही समय… दिग्गज एनालिस्ट ने दी सलाह

Last Updated on August 18, 2025 14:37, PM by Pawan

 

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। लेकिन दिग्गज एनालिस्ट क्रिस्टोफर वुड का कहना है कि ट्रंप कभी भी अपने रुख से पलट सकते हैं। यह भारतीय बाजार में खरीदारी करने का समय है।

एनालिस्ट का कहना है कि ट्रंप कभी भी अपने रुख से पलट सकते हैं।
 
नई दिल्ली: जेफरीज के बड़े एनालिस्ट क्रिस्टोफर वुड का कहना है कि भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के दबाव में नहीं आना चाहिए। उन्होंने जेफरीज के ग्राहकों को सलाह दी है कि वे मौजूदा हालात को देखते हुए भारतीय शेयर बाजार में खरीदारी करें और बिकवाली से दूर रहें। वुड ने यह भी कहा कि ट्रम्प जिस तरह से दुनिया की कुछ सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के खिलाफ जा रहे हैं, उससे ब्रिक्स देशों में डॉलर पर निर्भरता कम होगी।वुड ने अपने मशहूर न्यूजलेटर ग्रीड एंड फियर में लिखा है कि जेफरीज भारत से होने वाले इम्पोर्ट पर 50% टैरिफ लगाने की बात को भारतीय इक्विटी बेचने का कारण नहीं मानता है। बल्कि यह खरीदने का एक कारण हो सकता है, क्योंकि उनका मानना है कि ट्रंप जल्द ही इस रुख से पीछे हट जाएंगे, जो अमेरिका के हित में नहीं है। इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप के सामने खड़े होने में ही फायदा है। जेफरीज हमेशा से ही अपने पोर्टफोलियो में भारत को लेकर काफी उत्साहित रहा है। उन्होंने बताया कि जेफरीज इंडिया की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल में भारतीय बाजार का प्रदर्शन पिछले एक साल में सबसे खराब रहा है। 

बाजार में सुधार

वुड ने अपने न्यूजलेटर में लिखा, “यह कोई हैरानी की बात नहीं है क्योंकि कोरिया वैल्यू-अप पर तेजी से आगे बढ़ा है जबकि ताइवान हाइपरस्केलर्स द्वारा किए जा रहे भारी पूंजीगत व्यय का जश्न मना रहा है। भारत के लिए समस्या उच्च वैल्यूएशन और भारी इक्विटी सप्लाई रही है। यही वजह है कि हम एशिया पैसिफिक एक्स-जापान रिलेटिव-रिटर्न पोर्टफोलियो में भारत में मामूली ओवरवेट ही रख रहे हैं।”

खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय बाजार में सुधार देखने को मिला है। वुड ने कहा कि अब भारत में बेचना बहुत देर हो चुकी है क्योंकि वैल्यूएशन अब 10 साल के औसत 63% पीई (प्राइस-अर्निंग) प्रीमियम के करीब है। जेफरीज के रणनीतिकार ने यह भी कहा कि ब्रिक्स देशों के फिर से एक साथ आने की वजह अमेरिका है। उन्होंने न्यूजलेटर में लिखा, “यह पिछले कुछ दिनों में बहुत स्पष्ट हो गया है कि ट्रंप चीन, रूस, भारत और ब्राजील को एक साथ लाने में सफल रहे हैं। वास्तव में, ब्रिक्स एक समूह के रूप में फिर से सक्रिय हो गया है।

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