Last Updated on August 18, 2025 21:23, PM by Pawan
GST Reforms: जीएसटी दरों में सुधार के प्रस्ताव ने शेयर बाजारों में आज 18 अगस्त को जोश भर दिया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों करीब 1 फीसदी तक उछलकर बंद हुए। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने जीएसटी स्ट्रक्चर में से 12 पर्सेंट और 28 पर्सेंट के टैक्स स्लैब को हटाने का प्रस्ताव रखा है। इसकी जगह अब सिर्फ, 5% और 18% के टैक्स स्लैब होंगे। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से कंजम्प्शन को बड़ा उछाल आ सकता है। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि प्रस्तावित जीएसटी सुधारों से कम से कम 26 स्टॉक्स को सीधा फायदा मिल सकता है। ब्रोकरेज ने कहा कि ये सभी स्टॉक्स कुल 12 सेक्टर्स से आते हैं।
1. ऑटो सेक्टर
ब्रोकरेज ने इस सेक्टर की तीन कंपनियों को चुना है। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और अशोक लीलैंड। ब्रोकरेज ने कहा कि फिलहाल फोर-व्हीलर पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है। लेकिन नए टैक्स स्लैब में इसके घटकर 18 फीसदी होने की उम्मीद है। इससे मारुति सुजुकी और टाटा मोटर्स को फायदा मिल सकता है। इसके अलावा कमर्शियल व्हीकल पर भी जीएसटी को 28% से घटाकर 18% करने की चर्चा है। इससे अशोक लीलैंड को फायदा मिल सकता है।
2. बैंकिंग सेक्टर
मोतीलाल ओसवाल ने इस सेक्टर के भी तीन स्टॉक्स पर दांव लगाया है। ICICI बैंक, HDFC बैंक और IDFC फर्स्ट बैंक। ब्रोकरेज ने कहा कि GST सुधारों से कंज्म्शन को बढ़ावा मिलेगा। इकोनॉमी में तेजी आएगी। इससे आगे चलकर लोन यानी क्रेडिट की मांग बढ़ सकती है। क्रेडिट ग्रोथ दूसरी छमाही में डबल डिजिट में पहुंच सकता है, जिससे इन तीनों बैंकों को फायदा हो सकता है।
3. नॉन-बैकिंग फाइनेंस सेक्टर
ब्रोकरेज ने कहा कि GST सुधारों से कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के लिए EMI की बाध्यता कम होगी, जिससे इस सेगमेंट में NBFC लेंडिंग को फायदा मिलेगा। ब्रोकरेज ने बजाज फाइनेंस इस मौके का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है।
मोतीलाल ओसवाल ने इस सेगमेंट की 2 कंपनियों को चुना है। अल्ट्राटेक सीमेंट और जेके सीमेंट। ब्रोकरेज ने कहा कि सीमेंट पर अभी 28 फीसदी जीएसटी लगता है, लेकिन नए सुधारों में यह दर घटकर 18 फीसदी हो सकती है। इससे सीमेंट के दाम में 7.5 से 8 फीसदी की गिरावट आ सकती है। यह पूरे सीमेंट सेक्टर के लिए एक अच्छी खबर है।
5. कंज्यूमर स्टेपल्स
ब्रोकरेज ने इस सेक्टर की दो कंपनियों को चुना है- ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और हिंदुस्तान यूनिलीवर। मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि अभी इस सेक्टर के अधिकतर उत्पादों पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है, लेकिन इनके अधिकतर कच्चे माल 12 फीसदी के जीएसटी दायरे में आते हैं। कच्चे माल पर जीएसटी घटने से इनके इनपुट लागत में अच्छी कमी आ सकती है।
ब्रोकरेज ने इस सेक्टर की दो कंपनियों को चुना है वोल्टास और हैवेल्स। मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि फिलहाल रूम एसी पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है, जिसके घटकर 18 फीसदी पर आने की उम्मीद है। हैवैल्स का भी करीब 24 फीसदी रेवेन्यू एसी से भी आता है, ऐसे में इसे भी इससे फायदा मिलने की उम्मीद है।
7. EMS (इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज)
मोतीलाल ओसवाल ने इस सेक्टर की सिर्फ एक कंपनी, एंबर एंटरप्राइजेज को चुना है। ये फर्म कई कंपनियों को रूम एसी सप्लाई करती है। ऐसे में जीसटी दर घटने का भी इसे भी फायदा मिलने की उम्मीद है।
मोतीलाल ओसवाल ने इस सेक्टर की दो कंपनियों पर दांव लगाया है। लेमन ट्री होटल्स और इंडियन होटल्स। ब्रोकरेज ने कहा कि सरकार 7,500 रुपये से कम रुम रेंट वाले होटल रूम के लिए जीएसटी दरों को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर सकती है। चूंकि इंडियन होटल्स भी अपने जिंजर ब्रांड के साथ इसी कैटेगरी में कारोबार करती है। ऐसे में इन दोनों कंपनियों को इससे लाभ मिल सकता है।
9. इंश्योरेंस
मोतीलाल ओसवाल ने इस सेक्टर की चार कंपनियों को चुना है। निवा बूपा, मैक्स लाइफ, HDFC लाइफ और स्टार हेल्थ। ब्रोकरेज ने कहा कि सीनियर सिटीजंस की पॉलिसी पर अभी 18 फीसदी जीएसटी लगता है, लेकिन सुधारों के बाद इसके घटकर 5 फीसदी होने की उम्मीद है। इससे हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस बेचने वाली कंपनियों को लाभ हो सकता है।
10. लॉजिस्टिक्स
मोतीलाल ओसवाल ने इस सेक्टर की सिर्फ एक कंपनी को चुना है, डेल्हीवेरी। ब्रोकरेज ने कहा कि जीएसटी सुधारों से कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स की मांग बढ़ने की उम्मीद है, जहां से डेल्हीवेरी की कमाई का एक बड़ा हिस्सा आता है।
11. क्विक कॉमर्स
ब्रोकरेज ने इस सेक्टर की दो कंपनियों पर दांव लगाया है- इटरनल और स्विगी। ब्रोकरेज ने कहा कि कंजम्प्शन डिमांड में जो उछाल आएगी, उसका एक बड़ा हिस्सा क्विक कॉमर्स कंपनियों की ओर से पूरा किया जाएगा। ऐसे में इन दोनों कंपनियों को इससे लाभ हो सकता है।
मोतीलाल ओसवाल ने इस सेक्टर की तीन कंपनियों पर दांव लगाया है। रिलैक्सो, बाटा और कैंपस। ब्रोकरेज ने कहा कि 1000 रुपये से कम दाम वाले फूटवियर पर जीएसटी को पहले 5 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया था। इसके चलते इस सेगमेंट का एक बड़ा हिस्सा असंगठित कंपनियों के पास चला गया था। लेकिन अब इसके वापस 5 फीसदी किए जानेकी उम्मीद है, जिससे इन तीनों कंपनियों को बड़ा लाभ हो सकता है।
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