Last Updated on August 17, 2025 15:28, PM by
पिछले सप्ताह निफ्टी और सेंसेक्स ने लगातार छह हफ्तों से जारी गिरावट का सिलसिला तोड़ते हुए करीब 1 प्रतिशत की मजबूती के साथ क्लोजिंग दी. हालांकि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बिकवाली जारी रखी और कैश मार्केट में लगभग 10,000 करोड़ रुपए के शेयर बेचे. इसके उलट घरेलू संस्थागत निवेशकों ने लगभग 19,000 करोड़ रुपए की खरीदारी कर बाजार को सपोर्ट दिया. पिछले सप्ताह फार्मा और ऑटो शेयरों ने रिकवरी को लीड किया जबकि एफएमसीजी सेक्टर पिछड़ गया. हालांकि अगला हफ्ता काफी चुनौतीपूर्ण रह सकता है.
ट्रंप-पुतिन मुलाकात का दिख सकता है असर
इस सप्ताह का सबसे बड़ा ट्रिगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक है. शुक्रवार को अलास्का में हुई इस मुलाकात में भले ही युद्धविराम की घोषणा नहीं हुई लेकिन यूक्रेन संघर्ष पर प्रगति के संकेत मिले. इससे वैश्विक बाजारों का सेंटीमेंट सकारात्मक हो सकता है.
मोदी का जीएसटी 2.0
भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी 2.0 सुधारों का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि दिवाली तक रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स दरों को घटाकर व्यवस्था को ज्यादा व्यावसायिक और उपभोक्ता-अनुकूल बनाया जाएगा. विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से बाजार का भरोसा बढ़ेगा और कंज्यूमर सेंटिमेंट को मजबूती मिलेगी.
वॉल स्ट्रीट और FII-DII का रुझान
वैश्विक संकेतों में अमेरिकी बाजार का असर भी देखने को मिलेगा. पिछले सप्ताह डॉव हरे निशान में बंद हुआ जबकि एसएंडपी 500 और नैस्डैक पर दबाव बना रहा. मजबूत रिटेल सेल्स डेटा के बावजूद कमजोर औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों ने टेक शेयरों पर असर डाला.
भारत में एफआईआई और डीआईआई की गतिविधियां बाजार की चाल तय करने में अहम रहेंगी. एफआईआई ने बिकवाली जारी रखी थी लेकिन डीआईआई ने मजबूत खरीदारी से उसे बैलेंस किया. विश्लेषकों का कहना है कि इस ट्रेंड पर पैनी नज़र रखना जरूरी है.
कॉर्पोरेट एक्शन से बढ़ेगी हलचल
इस सप्ताह 100 से ज्यादा कंपनियां डिविडेंड, राइट्स इश्यू, स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर जैसे कॉर्पोरेट एक्शन लाने वाली हैं. इससे स्टॉक-विशेष हलचल तेज हो सकती है और शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स को मौके मिल सकते हैं.
क्रूड ऑयल की राहत
कच्चे तेल की कीमतें ट्रंप-पुतिन वार्ता के बाद थोड़ी नरम हुई हैं. इससे भारत जैसे आयातक देश के लिए राहत की स्थिति बनी है. एनालिस्ट मानते हैं कि अगर यह राहत बनी रहती है तो रुपए और बाजार दोनों को सपोर्ट मिल सकता है