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Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न खुद फाइल करें या सीए से फाइल कराएं? जानिए क्या है एक्सपर्ट का जवाब

Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न खुद फाइल करें या सीए से फाइल कराएं? जानिए क्या है एक्सपर्ट का जवाब

Last Updated on August 16, 2025 8:11, AM by

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आईटीआर फाइलिंग में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ा रहा है। उसकी कोशिश इस प्रोसेस को आसान बनाने की है। इससे आईटीआर फाइल करना अब पहले से काफी आसान हो गया है। कई लोग खुद अपना रिटर्न फाइल कर रहे हैं। कुछ लोग इसलिए खुद फाइल नहीं करते, क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर रिटर्न फाइल करने में गलती हुई तो इनकम टैक्स का नोटिस आ जाएगा। सवाल है कि क्या आपको रिटर्न खुद फाइल करना चाहिए? मनीकंट्रोल ने इस सवाल का जवाब टैक्स एक्सपर्ट से जानने की कोशिश की।

एक्सपर्ट का कहना है कि अगर किसी टैक्सपेयर की इनकम के ज्यादा स्रोत नहीं हैं तो वह खुद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकता है। खासकर सैलरीड टैक्सपेयर्स खुद रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इसकी वजह यह है कि सैलरीड टैक्सपेयर्स का टैक्स पहले से कटा होता है। एंप्लॉयर टैक्स काटने के बाद एंप्लॉयी के बैंक अकाउंट में सैलरी का पैसा ट्रांसफर करते हैं। वित्त वर्ष खत्म होने के बाद एंप्लॉयर की तरफ से एंप्लॉयीज को फॉर्म 16 जारी किया जाता है। इसमें टीडीएस, ग्रॉस इनकम, टैक्सबेल इनकम, डिडक्शन आदि की जानकारी होती है।

अगर आप नौकरी करते हैं और आपकी सालाना इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है तो आप आईटीआर फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। इनकम टैक्स का नियम कहता है कि अगर किसी व्यक्ति की इनकम के स्रोत सैलरी, इंटरेस्ट इनकम और डिविडेंड इनकम है तो वह आईटीआर-1 का इस्तेमाल कर सकता है। साथ ही अगर लिस्टेड शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस है तो टैक्सपेयर आईटीआर-1 का इस्तेमाल कर सकता है। इसे सरल भी कहा जाता है। यह सबसे आसान आईटीआर फॉर्म है।

अगर आप खुद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहते हैं तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल (https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/) पर जाना होगा। इस पर आपको लॉग-इन करना होगा। आपका पैन आपका आईडी होगा। फिर आपको पासवर्ड डालना पड़ेगा। उसके बाद आपको ई-फाइल में जाकर इनकम टैक्स रिटर्न को सेलेक्ट करना होगा। यहां आपको फाइल इनकम टैक्स रिटर्न का ऑप्शन दिखेगा।

इनकम टैक्स रिटर्न पर क्लिक करने के बाद आपके सामने नया पेज ओपन होगा। इस पर आपको एसेसमेंट ईयर का चुनाव करना होगा। फिर ऑनलाइन मोड को सेलक्ट करने के बाद कंटिन्यू पर क्लिक करना होगा। उसके बाद इंडिविजुअल सेलेक्ट करने का बाद आईटीआर-1 को सेलेक्ट करना होगा। फिर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की वजह को सेलेक्ट करना होगा। उसके बाद पर्नसल डिटेल, इनकम डिटेल, चुकाया गया टैक्स आदि को भरना होगा। आजकल इनमें से कई जानकारियां पहले से भरी हुई होती हैं। आपको सिर्फ उनको चेक कर कनफर्म करना होता है।

यह याद रखना जरूरी है कि इनकम टैक्स रिटर्न को सब्मिट करने के बाद उसे वेरिफाय करना जरूरी है। रिटर्न फाइलिंग के 30 दिन के अंदर आपको इसे वेरिफाय करना होगा। आप नेट बैंकिंग या आधार ओटीपी की मदद से अपने रिटर्न को ई-वेरिफाय कर सकते हैं। डेडलाइन के अंदर वेरिफाय नहीं करने पर आपकी मेहनत बेकार हो जाएगी। टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि रिटर्न को सब्मिट करने के बाद ही उसे ई-वेरिफाय कर देना चाहिए।

एक्सपर्ट का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति की इनकम के कई स्रोत हैं और बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम होती है तो वह इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए सीए की मदद ले सकता है। अगर आपने कोई प्रॉपर्टी बेची है जिस पर कैपिटल गेंस हुआ है तो आप रिटर्न फाइल करने के लिए सीए की मदद ले सकते हैं। इसकी वजह यह है कि पहले कैपिटल गेंस का सही कैलकुलेशन करना होगा। फिर उस पर टैक्स का कैलकुलेशन करना होगा। खुद यह कैलकुलेशन करने में गलती हो सकती है।

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