Last Updated on August 16, 2025 11:05, AM by
रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी है। इसके शेयरहोल्डर्स की संख्या करीब 48 लाख है। लेकिन पहली तिमाही के रिजल्ट के बाद कंपनी का शेयर करीब 7 फीसदी गिर चुका है। अब निवेशकों की नजर 29 अगस्त को होने वाली रिलायंस की एजीएम पर है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
उन्होंने कहा, “रिलायंस के शेयर का RSI 36.88 पर है, जो दिखाता है कि शेयर ओवरसोल्ड जोन में है। लेकिन, अभी तक इसमें सुधार का कोई संकेत नहीं मिला है।” विठलानी ने कहा कि इसका ADX लगभग 32 है जो यह दिखाता है कि अभी भी शेयर में गिरावट का ट्रेंड बना हुआ है। अगर शेयर का भाव 1,375 रुपये से नीचे जाता है, तो इसमें और गिरावट आ सकती है और यह 1,320 रुपये से 1,300 रुपये तक जा सकता है। उन्होंने बताया कि 1,408 रुपये पर पहला रेजिस्टेंस है और 1,423 रुपये पर दूसरा रेजिस्टेंस है। अगर शेयर का भाव लगातार 1,423 रुपये से ऊपर बना रहता है, तो यह सुधार का शुरुआती संकेत हो सकता है।
सेंट्रम ब्रोकिंग के हेड वाइस प्रेसिडेंट (इक्विटी रिसर्च टेक्निकल एंड डेरिवेटिव्स) नीलेश जैन का मानना है कि रिलायंस का शेयर अभी कंसोलिडेशन के दौर में है। शॉर्ट टर्म में शेयर थोड़ा कमजोर दिख रहा है लेकिन रिलायंस को एक पोजीशनल बेट के तौर पर खरीदना शुरू किया जा सकता है। 1,325 रुपये पर सपोर्ट और 1,450 रुपये पर रेजिस्टेंस है। रिलायंस के शेयर बुधवार को 1,384 रुपये पर बंद हुए थे। मैक्वेरी और मॉर्गन स्टेनली ने रिलायंस पर आउटपरफॉर्म और ओवरवेट रेटिंग बरकरार रखी है।
कहां तक जाएगी कीमत
वहीं, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज और नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज जैसे घरेलू ब्रोकरेज हाउस ने इसे खरीदने का सुझाव दिया है। इन ब्रोकरेज हाउस ने क्रमश: 1,500 रुपये, 1,617 रुपये, 1,700 रुपये और 1,767 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। मैक्वेरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शेयर की कीमत में कुछ समय के लिए गिरावट आ सकती है। नुवामा का मानना है कि रिलायंस का न्यू एनर्जी बिजनेस कंपनी के लिए लॉन्ग टर्म ग्रोथ का इंजन साबित होगा। गुरुवार को कंपनी का शेयर 0.53% गिरावट के साथ 1375.30 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।
