Last Updated on August 13, 2025 18:01, PM by
मार्केट्स के अच्छे दिन जल्द लौटने वाले हैं। पिछले साल सितंबर के आखिर से इंडियन मार्केट्स में दबाव में है। बीते एक साल में सेंसेक्स का रिटर्न सिर्फ 2 फीसदी रहा है। निफ्टी भी इस दौरान सिर्फ 1.99 फीसदी चढ़ा है। इसका असर इनवेस्टर्स के आत्मविश्वास पर पड़ा है। बीते हफ्ता मार्केट्स में गिरावट का लगातार छठा हफ्ता था। हालांकि, 11 अगस्त से मार्केट की चाल बदली हुई दिख रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडियन मार्केट्स ने पहले भी कई बार इनवेस्टर्स को सरप्राइज किया है।
जून तक सेंसेक्स नई ऊंचाई पर पहुंच जाएगा
मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि अगले साल जून तक Sensex 1,00,000 प्वाइंट्स तक पहुंच सकता है। इंडियन मार्केट्स में तेजी लौटने की कुछ ठोस वजहें दिख रही हैं। क्रूड ऑयल की कीमतों में नरमी है। टैरिफ को लेकर तस्वीर जल्द साफ हो जाने की उम्मीद है। इंडिया और चीन को छोड़ ज्यादातर देशों के साथ अमेरिका डील कर चुका है। इंडिया में सरकार का फोकस रिफॉर्म्स पर है। इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ अच्छी है। RBI के अक्टूबर की मॉनेटरी पॉलिसी में इंटरेस्ट रेट्स में कमी करने की उम्मीद है। मानसून की अच्छी बारिश से इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में डिमांड बढ़ने का अनुमान है। इसका पॉजिटिव असर कंपनियों की अर्निंग्स पर पड़ेगा।
15 अगस्त को ट्रंप-पुतिन की मुलाकात पर नजरें
मार्केट्स की नजरें 15 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात पर लगी हैं। यह मुलाकात अलास्का में होने वाली है। दोनों शीर्ष नेताओं के बीच यूक्रेन की लड़ाई खत्म करने की संभावनाओं पर बातचीत होगी। अगर यूक्रेन युद्ध खत्म करने को रूस तैयार हो जाता है तो इससे जियोपॉलिटिकल टेंशन घटेगा। इसका पॉजिटिव असर ग्लोबल इकोनॉमी पर पड़ेगा। क्रूड सहित कई कमोडिटीज की कीमतों में गिरावट आ सकती है। इससे इंडिया सहित ग्लोबल स्टॉक मार्केट्स में तेजी देखने को मिल सकती है।
दूसरी छमाही अर्निंग्स ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद
इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ बेहतर रहने की उम्मीद है। अर्निंग्स में अच्छी ग्रोथ से इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशन अट्रैक्टिव हो जाएगी। विदेशी फंडों के इंडिया में बिकवाली करने की वजह ज्यादा वैल्यूएशन बताई जा रही है। इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशन लंबी अवधि की औसत वैल्यूएशन से अभी थोड़ा ज्यादा है। वैल्यूएशन अट्रैक्टिव होते ही विदेश फंडों का रुख बदलेगा। वे इंडियन मार्केट्स में निवेश करना शुरू कर सकते है। इससे मार्केट में तेजी आएगी।
अमेरिका के साथ अगले 2-3 महीनों में हो सकती है डील
कई चैलेंजेज के बावजूद इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ FY26 में 6 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान है। इंडिया दुनिया में 6 फीसदी से ज्यादा ग्रोथ वाली इकलौती बड़ी अर्थव्यवस्था है। यह ग्रोथ आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका इंडियन मार्केट्स की ज्यादा समय तक अनदेखी नहीं कर सकता। भारत भी डील के लिए अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखने के पक्ष में है। इस महीने के आखिर में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल बातचीत के लिए इंडिया आने वाला है। अनुमान है कि अगले 2-3 महीनों में अमेरिका के साथ डील हो जाएगी। यह इंडियन स्टॉक मार्केट्स के लिए अच्छी खबर होगी।
