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Income Tax Return: अगर एनआरआई को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस हुआ है तो क्या उसे इस पर टैक्स चुकाना होगा?

Income Tax Return: अगर एनआरआई को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस हुआ है तो क्या उसे इस पर टैक्स चुकाना होगा?

Last Updated on August 2, 2025 14:44, PM by

नॉन-रेजिडेंट इंडियन (एनआरआई) के लिए टैक्स के नियम थोड़े अलग हैं। एनआरआई को शेयरों या म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने की इजाजत है। एक एनआरआई इंडिया में परिवार के सदस्यों के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करता रहता है। आम तौर पर वह अपने एनआरओ अकाउंट से यह ट्रांसफर करता है। सवाल है कि क्या इस तरह के ट्रांजेक्शन को आईटीआर में दिखाना जरूरी है? अगर इनकम टैक्स रिटर्न में ऐसे ट्रांजेक्शन की जानकारी देना जरूरी है तो इसके नियम क्या हैं? मनीकंट्रोल ने ये सवाल टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन से पूछा।

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स के नियम

जैन ने कहा कि अगर किसी एनआरआई को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस हुआ है तो उसे ITR-2 का इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने कहा कि एनआरआई को लिस्टेड शेयरों में हुए शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस को 2.5 लाख रुपये की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट में शॉर्टफॉल के साथ सेट-ऑफ करने की इजाजत नहीं है। इसका मतलब है कि अगर टैक्स पहले से डिडक्ट नहीं हुआ है तो उसे पूरे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर 15 फीसदी के रेट से टैक्स चुकाना होगा। आम तौर पर ब्रोकरेज फर्म के लिए एनआरआई को हुए कैपिटल गेंस पर टीडीएस काटना जरूरी है। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि अगर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस 23 जुलाई, 2024 के बाद हुआ है तो उस पर 20 फीसदी के रेट से टैक्स लगेगा।

पत्नी के अकाउंट पर पैसे ट्रांसफर करने पर टैक्स के नियम

उन्होंने कहा कि जहां तक एनआरआई के अपने एनआरओ अकाउंट से पत्नी के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने का मामला है तो उसके एनआरआई स्टेटस की वजह से इस पर किसी तरह का फर्क नहीं पड़ेगा। इनकम टैक्स का नियम कहता है कि अगर एक वित्त वर्ष में किसी व्यक्ति को 50,000 रुपये से ज्यादा कीमत के गिफ्ट्स मिलते हैं तो उसे उस व्यक्ति की इनकम माना जाता है। लेकिन, पत्नी सहित कुछ खास रिश्तों को दिया गया गिफ्ट टैक्स के दायरे में नहीं आता है चाहे गिफ्ट का अमाउंट कितना भी हो।

इनकम क्लबिंग के नियम

जैन ने बताया कि अगर एनआरआई अपनी पत्नी के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करता है तो उसे गिफ्ट या लोना माना जा सकता है। अगर यह गिफ्ट है तो इस गिफ्ट के पैसे से होने वाली इनकम एनआरआई की इनकम में जोड़ दी जाएगी। क्लबिंग का यह प्रावधान तब भी जारी रहेगा जब उस एसेट्स को दूसरे रूप में बदल दिया जाता है। हालांकि, यह प्रावधान सिर्फ गिफ्ट में दिए गए अमाउंट पर लागू होता है। अगर पहले से क्लब इनकम के इनवेस्टमेंट से कोई इनकम होती है तो उस पर यह लागू नहीं होता है।

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