Last Updated on July 30, 2025 16:07, PM by Pawan
वारी एनर्जीज ने अमेरिकी बाजार में बिजनेस बढ़ाने के लिए गलत तरीके अपनाने के दावों का खंडन किया है। कंपनी पर प्रेडटॉरी प्राइसिंग जैसे तरीके का इस्तेमाल करने का आरोप है। अमेरिका में अथॉरिटीज कंपनी के खिलाफ एंटी-डंपिंग की जांच कर रही हैं। वारी एनर्जीज के लिए अमेरिका एक बड़ा बाजार रहा है। कंपनी अपने 44 फीसदी मॉड्यूल्स का एक्सपोर्ट करती है। वारी एनर्जीज के शेयरों में 30 जुलाई को हल्की तेजी दिखी। दोपहर में शेयर 0.25 फीसदी के उछाल के साीथ 3,180 रुपये पर चल रहा था।
वारी एनर्जीज ने आरोपों से इनकार किया
Waaree Energies के सीईओ अमित पैठणकर ने मनीकंट्रोल से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, “हम एक इंडियन कंपनी हैं जो इंडियन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड है। हमारे अकाउंट्स पारदर्शी और ऑडिटेड हैं। ये हर किसी के लिए उपलब्ध है। हमारे कई इनवेस्टर्स हैं जो हमसे प्रॉफिट की उम्मीद करते हैं-जो हम देते हैं। हमारा एबिड्टा गाइडेंस है, जिसे हमने पब्लिक किया है। हम इसके हिसाब से काम कर रहे हैं। ऐसे में प्रिडटरी प्राइसिंग के लिए कोई गुंजाइश नहीं बचती है।”
प्रेडटॉरी प्राइसिंग का मतलब
कई कंपनियां प्रेडटॉरी प्राइसिंग का इस्तेमाल करती हैं। जब कोई कंपनी बाजार में अपने प्रोडक्ट्स बहुत कम दाम पर बेचती है तो इस स्ट्रेटेजी को प्रेडटॉरी प्राइसिंग कहा जाता है। बाजार में अपने प्रोडक्ट्स का सेल्स बढ़ाना इसका मकसद होता है। अमेरिका में सोलर पैनल बनाने वाली कुछ कंपनियों ने कुछ विदेशी कंपनियों पर प्रेडटॉरी प्राइसिंग के आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की है। इनमें इंडिया, इंडोनेशिया और लाओस की कंपनियां शामिल हैं।
अमेरिकी सोलर कंपनियों ने की शिकायत
अमेरिकी सोलर पैनल बनाने वाली कंपनियों का आरोप है कि ये विदेशी कंपनियां अमेरिकी बाजार में बहुत कम कीमत पर अपने प्रोडक्ट्स बेच रही हैं। इसका मकसद अमेरिकी कंपनियों के बिजनेस को चोट पहुंचाना है। वारी एनर्जीज के अमरिका के टेक्सस में ब्रुकशायर में एक प्लांट है, जिसकी उत्पादन क्षमता 1.6 GW है। कंपनी अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग करती है, लेकिन वह कुछ उत्पाद इंडिया से इंपोर्ट भी करती है।
वारी एनर्जीज इंडिया से भी एक्सपोर्ट करती है
पैठणकर ने कहा कि अमेरिकी बाजार की जरूरत के हिसाब से काफी माल इंडिया से भी जाता है। अमेरिका और भारत में सरकारों की पॉलिसीज के हिसाब से भारत से इंपोर्ट की मात्रा बदलती रहती है। उन्होंने यह भी कहा कि जब किसी गुड्स की मैन्युफैक्चरिंग लोकल होती है तो उस पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने का सवाल नहीं पैदा होता है। हालांकि, अमेरिका में अथॉरिटीज लोकल मैन्युफैक्चरर्स के हित में इंडिया से आने वाले गुड्स पर ड्यूटी लगा सकती हैं।
