Last Updated on July 30, 2025 14:59, PM by
Why is Rupee Falling: ग्लोबल बाजारों में ट्रेड डील को लेकर बनी हुई टेंशन और भारतीय इक्विटी मार्केट से विदेशी संस्थागत निवेशकों के लगातार पैसे निकालने का असर भारतीय रुपये पर दिखाई दे रहा है. 30 जुलाई को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 5 महीने के निचले स्तर पर खुला और ट्रेडिंग सत्र के दौरान और भी कमजोर होकर ₹87.38 प्रति डॉलर तक गिर गया. यह रुपया में 0.62% की गिरावट है, जोकि मिड-मार्च के बाद पहली बार देखा जा रहा है. इसके पीछे कई ग्लोबल और घरेलू कारण जिम्मेदार हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने बिगाड़ा मूड
इस गिरावट की एक बड़ी वजह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टिप्पणी रही, जिसमें उन्होंने भारत पर 20-25% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी. ट्रंप के इस बयान के बाद भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है, जिससे रुपए में दबाव देखा गया.
मार्च में छुआ था 87 का स्तर
रुपया आज 87.12 पर खुला, लेकिन जल्द ही गिरावट के साथ 87.38 तक फिसल गया. इससे पहले 13 मार्च 2025 को रुपया 87 के पार खुला था.
रुपये में लगातार तीसरे महीने गिरावट
रुपये में ये लगातार तीसरे महीने गिरावट दिख रही है. जुलाई में रुपया अब तक 1.5% से ज्यादा गिर चुका है. तीसरे महीने लगातार रुपया कमजोर हो रहा है. यह दिसंबर 2022 के बाद सबसे कमजोर मासिक प्रदर्शन है.
गिरावट के पीछे क्या हैं बड़ी वजहें
1. ट्रेड डील-टैरिफ की टेंशन: भारत-अमेरिका के बीच कोई ट्रेड डील नहीं हो पा रही है और ट्रंप ने भी 20 से 25 पर्सेंट टैरिफ लगाने की धमकी दे दी है. ये तो चिंता की बात है ही इसके चलते तो प्रेशर बना ही है. इसके अलावा डॉलर और क्रूड की ओर से भी दबाव आ रहा है.
डॉलर इंडेक्स में मजबूती: जुलाई में डॉलर इंडेक्स 2% चढ़ चुका है. ये 2025 का सबसे मजबूत मासिक प्रदर्शन है.
क्रूड ऑयल की तेजी: कच्चा तेल 10 दिनों की ऊंचाई पर है और इस महीने 5% की बढ़त देखी गई है. इससे भारत का ट्रेड डेफिसिट बढ़ने का खतरा बढ़ता है, जो रुपए के लिए निगेटिव होता है.
FII की बिकवाली: घरेलू शेयर बाजारों में कमजोरी दिख रही है और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली आ रही है. पिछले 6 सत्रों में FIIs ने करीब ₹20,000 करोड़ की बिकवाली की है.
रुपये पर क्या है ब्रोकरेज फर्म्स का अनुमान?
ब्रोकरेज डॉलर/रुपया अनुमान
मोतीलाल ओसवाल ₹87.10
केडिया कमोडिटीज ₹87.40
पैराडाइम ₹87.25–₹87.50
निर्मल बंग ₹83.00 (पुराना अनुमान)
क्या आगे और टूटेगा रुपया?
यदि क्रूड में तेजी और डॉलर इंडेक्स में मजबूती बनी रहती है, तो रुपए पर दबाव और गहरा सकता है. वहीं, अमेरिका के चुनावी साल में ट्रंप के बयानों से भी अनिश्चितता बनी रह सकती है. फॉरेक्स ट्रेडर्स और निवेशकों को निकट भविष्य में 87.50 के ऊपर की संभावनाएं भी नजर आ रही हैं. रुपए में यह गिरावट सिर्फ तकनीकी या बाजार से जुड़ी नहीं है, बल्कि यह भूराजनीतिक बयानबाज़ी, ग्लोबल इकोनॉमिक ट्रेंड्स और घरेलू बाजारों में कमजोरी का मिश्रण है. आगे डॉलर की चाल, कच्चे तेल की कीमत और FIIs के रुख पर नजर रखना बेहद जरूरी होगा.