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आने वाले हैं 1.6 लाख करोड़ रुपये के IPO, सबसे ज्यादा पैसे बैंकिंग और फाइनेंस कंपनियां जुटाएंगी

आने वाले हैं 1.6 लाख करोड़ रुपये के IPO, सबसे ज्यादा पैसे बैंकिंग और फाइनेंस कंपनियां जुटाएंगी

Last Updated on July 29, 2025 17:14, PM by

आईपीओ से पैसे जुटाने में बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर सबसे आगे है। 14 कंपनिया आईपीओ से 50,394 करोड़ रुपये जुटाने वाली हैं। आईपीओ से जुटाए जाने वाले कुल पैसे में बैंकिंग और फाइनेंस कंपनियों की सबसे ज्यादा 25-30 फीसदी हिस्सेदारी है। यूनिकस कंसल्टिंग की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। इससे यह संकेत मिलता है कि फाइनेंशियल सेक्टर खासकर एनबीएफसी को पूंजी की कितनी जरूरत है। एचडीबी फाइनेंशियल का आईपीओ आ चुका है। टाटा कैपिटल और क्रेडिला फाइनेंस का आईपीओ आने वाला है।

18 महीनों में सेबी को मिले आईपीओ के 160 अप्लिकेशंस

SEBI को पिछले 18 महीनों में आईपीओ के करीब 160 अप्लिकेशन मिले हैं। इन कपंनियों का आईपीओ से करीब 1.61 लाख करोड़ रुपये जुटाने का प्लान है। आईपीओ से पैसे जुटाने में बैंकिंग और फाइनेंस के बाद सोलर कंपनियां दूसरे पायदान पर हैं। सोलर से जुड़ी 9 कंपनियां आईपीओ से करीब 11,871 करोड़ रुपये जुटाने वाली हैं। इससे पता चलता है कि इनवेस्टर्स के बीच रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों के शेयरों की अच्छी मांग है।

सबसे ज्यादा 16 इंजीनियरिंग कंपनियां पेश करेंगी आईपीओ

अगर संख्या के लिहाज से देखा जाए तो सबसे ज्यादा इंजीनियरिंग सेगमेंट की 16 कंपनियां आईपीओ लॉन्च करने वाली हैं। ये कंपनियां आईपीओ से 10,645 करोड़ रुपये जुटाएंगी। आईटी सेक्टर की 8 कंपनियां आईपीओ से 6,534 करोड़ रुपये जुटाएगी। 8 फार्मा कंपनियां आईपीओ से 5,775 करोड़ रुपये जुटाने वाली हैं। रियल एस्टेट की 6 कंपनियां करीब 4,890 करोड़ रुपये जुटाने वाली हैं।

दूसरी तिमाही में 9 कंपनियों ने जुटाए 13851 करोड़ रुपये

साल 2025 की दूसरी तिमाही में 9 बड़ी कंपनियों ने आईपीओ से 13,851 करोड़ रुपये जुटाए। पहली तिमाही में कंपनियों ने आईपीओ से 15,984 करोड़ रुपये जुटाए थे। पहली और दूसरी तिमाही में इश्यू का औसत साइज और आईपीओ की संख्या करीब एक जैसी रही। दूसरी तिमाही में आईपीओ से पैसे जुटाने में प्राइमरी इश्यू की हिस्सेदारी 87 फीसदी रही, जबकि पहली तिमाही में 89 फीसदी पैसा ऑफर फॉर सेल के रास्ते आए।

80 फीसदी आईपीओ के शेयरों की लिस्टिंग प्रीमियम पर

इस साल (2025) की दूसरी तिमाही में 9 आईपीओ आए, जिनमें से 80 फीसदी शेयरों की लिस्टिंग गेंस के साथ हुई। औसत लिस्टिंग प्रीमियम 3.1 फीसदी रहा। पिछले कुछ सालों में आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी काफी बढ़ी है। इसकी एक बड़ी वजह अच्छी लिस्टिंग गेंस है। हालांकि, इनवेस्टर्स को पहले के मुकाबले कम लिस्टिंग गेंस हो रहा है।

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