Last Updated on July 25, 2025 18:23, PM by Pawan
भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते के बावजूद, शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई, सेंसेक्स 721 अंक लुढ़का। विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी व्यापार वार्ता में प्रगति की कमी और वित्तीय क्षेत्र में चिंताएं गिरावट का कारण बनीं। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और कमजोर वैश्विक संकेतों ने भी बाजार पर दबाव डाला।
भारत-अमेरिका सौदे पर गतिरोध ने बिगाड़ा मूड
भारत और अमेरिका के बीच सौदे की बातचीत में गतिरोध को लेकर अनिश्चितता ने भी निवेशकों के मूड को खराब किया है। 1 अगस्त की डेडलाइन से पहले कृषि और डेयरी शुल्कों पर बातचीत गतिरोध में फंसी हुई है। भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल बिना किसी प्रगति के वाशिंगटन से लौटा है। वाशिंगटन से औपचारिक संचार की कमी ने भी निराशा बढ़ाई है।
वहीं, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली ने दबाव पर बनाया हुआ है। एफआईआई लगातार भारतीय शेयर बेच रहे हैं। सिर्फ चार सत्रों में उन्होंने 11,572 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। इस लगातार बिकवाली से बाजार का शॉर्ट-टर्म ढांचा कमजोर हुआ है।
विदेशी बाजारों का कमजोर रुख भी पड़ा भारी
कमजोर वैश्विक संकेत और मुनाफावसूली भी शुक्रवार को गिरावट की वजह बनी। एशियाई बाजारों में नरमी रही। जापान का निक्केई, हांगकांग का हैंग सेंग, एएसएक्स 200 और शंघाई कंपोजिट सभी में गिरावट आई। निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पॉलिसी मीटिंग, अमेरिकी रोजगार डेटा और बड़ी तकनीकी कंपनियों (जैसे ऐपल, अमेजन, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट) की इनकम जैसे प्रमुख रिस्क ईवेंट का इंतजार कर रहे हैं। इससे वैश्विक स्तर पर सतर्कता का माहौल है।
कैसी रही आज बाजार की चाल?
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 721.08 अंक यानी 0.88 फीसदी टूटकर एक महीने के निचले स्तर 81,463.09 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 786.48 अंक गिरकर 81,397.69 अंक पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला निफ्टी भी बिकवाली के दबाव में 225.10 अंक यानी 0.90 फीसदी लुढ़ककर एक महीने के निचले स्तर 24,837 अंक पर पहुंच गया। सेंसेक्स के 30 शेयरों में सिर्फ दो शेयर बढ़कर बंद हुए। बाकी सबमें गिरावट रही। बजाज फाइनेंस के बाद सबसे ज्यादा बिकवाली पावर ग्रिड और इन्फोसिस में देखी गई।
