Uncategorized

ब्रिटेन के साथ ट्रेड डील से पहले बाजार में भारी गिरावट, निवेशकों के 2.42 लाख करोड़ स्वाहा

ब्रिटेन के साथ ट्रेड डील से पहले बाजार में भारी गिरावट, निवेशकों के 2.42 लाख करोड़ स्वाहा

Last Updated on July 24, 2025 16:54, PM by

शेयर मार्केट में आज गिरावट रही। बाजार बंद होने के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच ट्रेड डील हुई। लेकिन उससे पहले ही निवेशकों को 2.42 लाख रुपये की चपत लग चुकी थी। सबसे ज्यादा नुकसान में आईटी शेयर रहे…

शेयर मार्केट में आज भारी गिरावट रही।
 
नई दिल्ली: गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई। IT कंपनियों के शेयरों में कमजोरी के कारण ऐसा हुआ। उनकी कमाई उम्मीद से कम रही और दुनिया भर में भी बाजार का माहौल अच्छा नहीं था। ब्रिटेन के साथ फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट होने की उम्मीद से भी बाजार को कोई सहारा नहीं मिला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 680 अंक से ज्यादा गिर गया जबकि निफ्टी50 भी 25,050 के स्तर से नीचे चला गया। आखिरकार सेंसेक्स 542.47 अंक यानी 0.66% गिरकर 82,184.17 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी50 इंडेक्स भी 157.80 अंक यानी 0.63% गिरकर 25,062.10 अंक पर लुढ़क गया।इस गिरावट से BSE में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 2.42 लाख करोड़ रुपये घटकर 457.93 लाख करोड़ रुपये रह गया। टेक महिंद्रा में तीन फीसदी और रिलायंस इंडस्ट्रीज में दो फीसदी गिरावट रही। निफ्टी IT इंडेक्स में 2% की गिरावट आई। यह सबसे ज्यादा गिरने वाला सेक्टर रहा। इसके बाद रियल एस्टेट, FMCG, फाइनेंशियल सर्विसेज और PSU बैंकों में भी गिरावट आई। ये सभी 0.5% से 1.2% तक गिरे। छोटे और मझोले शेयरों में भी कमजोरी रही। निफ्टी मिडकैप100 (Nifty Midcap100) 0.5% और स्मॉलकैप100 (Smallcap100) 0.86% नीचे रहे।

बाजार में गिरावट के तीन मुख्य कारण थे:

1) IT शेयरों में गिरावट:

IT कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट आई। निफ्टी IT इंडेक्स 2% तक गिर गया। कोफोर्ज और परसिस्टेंट सिस्टम्स के शेयर 9% और 8% तक गिर गए। इन्फोसिस के शेयर भी 1% से ज्यादा गिरे, क्योंकि Q1 के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं थे। कोफोर्ज का EBIT मार्जिन 12.7% रहा, जो उम्मीद से कम था। परसिस्टेंट सिस्टम्स भी ग्रोथ के टारगेट को पूरा नहीं कर पाई। कंपनी ने वेतन वृद्धि को एक तिमाही के लिए टाल दिया। डील 520 मिलियन डॉलर पर स्थिर रही, जबकि पिछली तिमाही में यह 517.5 मिलियन डॉलर थी. इससे डिमांड को लेकर चिंता बढ़ गई है.

2) ट्रंप की फेड (Fed) यात्रा से बाजार में डर:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फेडरल रिजर्व के दौरे की खबर से भी निवेशकों का मूड खराब हो गया। यह एक अप्रत्याशित घटना थी, जिससे फेड चेयर जेरोम पॉवेल के साथ तनाव बढ़ गया। उम्मीद है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक अपनी आने वाली मीटिंग में ब्याज दरों को स्थिर रखेगा, लेकिन राजनीतिक दबाव से बाजार में और डर बढ़ गया।

3) अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता:

भारत और अमेरिका के बीच अगस्त की समय सीमा से पहले अंतरिम व्यापार समझौते की उम्मीदें कम हो गई हैं। दो सरकारी सूत्रों के अनुसार, बातचीत अभी भी अटकी हुई है। यह बातचीत कृषि और डेयरी उत्पादों पर टैरिफ में कटौती को लेकर है। अप्रैल में, राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय आयात पर 26% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, लेकिन उन्होंने बातचीत के लिए इसे रोक दिया था। वह रोक 1 अगस्त को खत्म हो रही है। भारत को अभी तक कोई औपचारिक टैरिफ लेटर नहीं मिला है, जबकि 20 से ज्यादा अन्य देशों को मिल चुका है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top