Last Updated on July 17, 2025 12:37, PM by
पिछले कई हफ्तों से मार्केट में कंसॉलिडेशन दिख रहा है। निफ्टी और सेंसेक्स सीमित दायरे में चढ़ और उतर रहे हैं। ऐसे में इनवेस्टर्स को मार्केट की दिशा के बारे में पता नहीं चल रहा है। मनीकंट्रोल ने मार्केट की दिशा और अभी निवेश के मौकों के बारे में जानने के लिए नीलेश शाह से बातचीत की। शाह कोटक महिंद्रा एएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। उनका मानना है कि मध्यम अवधि के लिहाज से अभी सीमेंट, केमिकल्स और कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी सेक्टर्स अट्रैक्टिव दिख रहे हैं।
स्थितियां इंडिया के फेवर में
शाह को सीमेंट सेक्टर में वाल्यूम बढ़ने की उम्मीद है। उनका मानना है कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ा रही है। उधर, रियल एस्टेट में डिमांड बढ़ रही है। इससे सीमेंट की वॉल्यूम ग्रोथ अच्छी रह सकता है। उन्होंने कहा कि कई चीजें फेवरेबल दिख रही हैं। इनफ्लेशन काफी कम हो गया है। इंटरेस्ट रेट्स घट रहे हैं। साथ ही सरकार ने इनकम टैक्स में लोगों को बड़ी राहत दी है। इससे डिस्क्रेशनरी कंजम्प्शन में रिकवरी दिख सकती है।
क्विक कॉमर्स सेक्टर में मौके
उन्होंने क्विक कॉमर्स सेक्टर को भी लंबी अवधि के लिहाज से अट्रैक्टिव बताया। इसकी कई वजहें हैं। इंडिया में शहरों में रहने वाले लोगों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। डिजिटल सेवाओं के इस्तेमाल में लोग दिलचस्पी दिखा रहे हैं। लोग सुविधा को तरजीह दे रहे हैं। इस सेक्टर की कंपनियों के सामने बहुत बड़ा बाजार है।
2030 तक क्विक कॉमर्स की तेज ग्रोथ
इंडिया के रिटेल मार्केट में क्विक कॉमर्स की एंट्री अभी शुरुआती अवस्था में है। इसका मतलब है कि इस सेक्टर की कंपनियों के लिए टियर 2 और टियर 3 शहरों में ग्रोथ के काफी मौके हैं। इस सेक्टर की बड़ी कंपनियां बिजनेस में इनवेस्ट कर रही हैं। ऐसे में 2030 तक इस सेक्टर की ग्रोथ स्ट्रॉन्ग रह सकती है।
इंडिया तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी
शाह ने कहा कि अभी इंडिया रेगिस्तान में एक नखलिस्तान (Oasis) की तरह है। इसका मतलब है कि जब पूरी दुनिया में अनिश्चितता है तब इंडियन इकोनॉमी तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि ग्लोबल रिस्क की अनदेखी नहीं की जा सकती।
FY26 में अर्निंग्स पर नजर रखने की जरूरत
उन्होंने कहा कि जियोपॉलिटिकल टेंशन और टैरिफ को अनिश्चितता बढ़ने का असर ग्रोथ और सेंटिमेंट पर पड़ेगा। टैरिफ को लेकर तस्वीर तभी साफ होगी, जब बड़े देशों के साथ अमेरिकी की डील हो जाएगी। जहां तक इंडिया का बात है तो FY26 की कॉर्पोरेट अर्निंग्स पर नजर रखनी होगी। अर्निंग्स बढ़ने की उम्मीद है।