Last Updated on July 13, 2025 10:40, AM by
एक हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल ने HDFC बैंक के 4 अधिकारियों पर क्रेडिट सुइस के एडिशनल टियर-1 (AT-1) बॉन्ड की मिससेलिंग यानी गलत तरीके से बिक्री के आरोप में शिकायत दर्ज कराई है। यह शिकायत आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की नागपुर ब्रांच में कराई गई है। मनीकंट्रोल ने इस शिकायत की एक कॉपी देखी है। शिकायत दर्ज कराने वाले निवेशक का नाम नरेंद्र सिंगरू है, जो एशियन डेवलपमेंट बैंक में सीनियर एडवाइजर हैं। नरेंद्र सिंगरू ने AK एंड पार्टनर्स नाम की एक लॉ फर्म के जरिए यह शिकायत दर्ज कराया है। यह लॉ फर्म भविष्य में दूसरे पीड़ित क्रेडिट सुइस AT-1 बॉन्डधारकों की तरफ से भी इसी तरह की शिकायतें दर्ज करा सकती है।
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया, “इस मामले में चंडीगढ़ और गुड़गांव में और शिकायतें दर्ज होने की संभावना है।” नागपुर पुलिस की EOW शाखा ने शिकायतकर्ता से पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा है। हालांकि HDFC बैंक ने साफ किया है कि उसे अभी तक इस मुद्दे पर कोई समन नहीं मिला है।
निवेशकों की सूची में और कौन-कौन शामिल?
नरेंद्र सिंगरू के अलावा तीन अन्य पीड़ित निवेशकों का भी इसमें नाम आ रहा है। इनमें MTN गिनी बिसाऊ के सीईओ अशुतोष तिवारी, कोका कोला के सीनियर डायरेक्टर पंकज सिन्हा, GARAVA इन्वेस्टमेंट एंड कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर और डायरेक्टर वरुण महाजन शामिल हैं। अशुतोष तिवारी फिलहाल साउथ अफ्रीका में रहते हैं और वरुण महाजन दुबई में रहते हैं।
बताया जाताहै कि इन चारों निवेशकों ने HDFC बैंक की ओर से बेचे गए क्रेडिट सुइस के एटी-1 बॉन्ड में कुल लगभग ₹20 से ₹25 करोड़ का निवेश किया था। सूत्रों का कहना है कि इन्हें 10 से 13% रिटर्न का वादा किया गया था।
AT-1 बॉन्ड क्या है?
एडिशनल टियर-1 बॉन्ड को आमतौर पर हाई रिस्स और हाई रिटर्न वाला निवेश माना जाता हैं। इन्हें समझदारी से चुनने की आवश्यकता होती है और बैंक की जिम्मेदारी होती है कि निवेशकों को इनके जोखिमों की पूरी जानकारी दी जाए। हालांकि, इन निवेशकों का दावा है कि HDFC बैंक ने इन बॉन्ड्स को बेचते समय इससे जुड़े जोखिमों का खुलासा नहीं किया और उन्हें गैर-पारदर्शी तरीके से बेच दिया गया।
UAE में भी बढ़ सकती है जांच
दुबई के एक अंग्रेजी अखबार, खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, HDFC बैंक को UAE में भी रेगुलेटरी जांच का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर पर NRI और हाई नेट वर्थ निवेशकों को एडिशनल टियर-1 बॉन्ड बेचने के तरीके को लेकर