Last Updated on July 11, 2025 10:37, AM by
Bitcoin Tax: इस सप्ताह बिटकॉइन (Bitcoin Price Today) ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। यह क्रिप्टोकरेंसी गुरुवार को 1,12,694 डॉलर (करीब ₹96.61 लाख) तक पहुंच गई, जो अब तक का इसका उच्चतम स्तर है। जुलाई 2024 से अब तक इसमें 90% से ज्यादा की तेजी आई है।
हालांकि, भारत में बिटकॉइन समेत किसी भी क्रिप्टो एसेट को निवेश के लिए आधिकारिक मान्यता नहीं मिली है। भारतीय रेगुलेटरी एजेंसियों ने इन्हें अभी तक किसी एसेट क्लास के रूप में क्लासिफाइड नहीं किया है। बावजूद इसके, अगर किसी निवेशक ने बिटकॉइन से लाभ कमाया है, तो उसे आयकर कानून के तहत टैक्स देना अनिवार्य है।
बिटकॉइन की कमाई पर 30% फ्लैट टैक्स
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 115BBH के तहत बिटकॉइन को वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) के रूप में टैक्स किया जाता है। इसके तहत किसी भी ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% का फ्लैट टैक्स लगाया जाता है।
इस इनकम की गणना बिक्री मूल्य से खरीदी लागत घटाकर की जाती है। इस पर न तो कोई डिडक्शन मिलता है, न ही कोई छूट। साथ ही, इस तरह की कमाई से हुआ कोई नुकसान न तो किसी अन्य इनकम से सेट ऑफ किया जा सकता है और न ही अगले वर्षों में कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है।
मान लीजिए किसी निवेशक ने बिटकॉइन ₹6 लाख में खरीदा और कुछ महीनों बाद उसे ₹10.5 लाख में बेच दिया। इस ट्रांजैक्शन से उसे ₹4.5 लाख की शुद्ध कमाई हुई।
इस पर 30% की दर से टैक्स लगेगा:
₹4,50,000 × 30% = ₹1,35,000
यानी निवेशक को इस ट्रांजैक्शन पर ₹1.35 लाख टैक्स चुकाना होगा।
गिफ्ट में मिले बिटकॉइन पर भी टैक्स
अगर किसी शख्स को बिटकॉइन गिफ्ट या बेहद कम कीमत पर ट्रांसफर हुआ है, और उसकी फेयर मार्केट वैल्यू ₹50,000 से अधिक है, तो यह इनकम भी VDA के रूप में टैक्सेबल मानी जाएगी।
उदाहरण के तौर पर, अगर किसी व्यक्ति को किसी से ₹1 लाख मूल्य का बिटकॉइन बिना कोई भुगतान किए गिफ्ट में मिला है, तो पूरी रकम यानी ₹1 लाख उसकी आय मानी जाएगी। उस पर 30% टैक्स देना होगा।
इसी तरह, यदि आपने किसी से ₹1.90 लाख का बिटकॉइन केवल ₹1 लाख में खरीदा है, तो बाजार मूल्य और भुगतान की गई राशि के बीच का अंतर यानी ₹90,000 टैक्सेबल इनकम मानी जाएगी। उस पर भी 30% की दर से टैक्स लगेगा।
ITR में कहां और कैसे करें रिपोर्टिंग?
बिटकॉइन में तेजी भले ही ऐतिहासिक हो, लेकिन भारत में इसके टैक्स नियम बेहद सख्त हैं। गलत रिपोर्टिंग या जानकारी छिपाने की स्थिति में भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए क्रिप्टो से जुड़े मुनाफे की जानकारी सही तरीके से ITR में दाखिल करना जरूरी है।
क्रिप्टो से कमाई पर 30% फ्लैट टैक्स के अलावा TDS भी लगता है। हर क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर 1% टीडीएस (Section 194S) भी लागू होता है CoinDCX के Co-founder सुमित गुप्ता कहते हैं, ‘अगर एक्सचेंज TDS नहीं काटता या निवेशक TDS जमा नहीं करता, तो उस पर पेनल्टी या जेल तक की नौबत आ सकती है।’
वित्त वर्ष 2022-23 से आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म में VDA से होने वाली कमाई के लिए Schedule VDA नाम से अलग सेक्शन जोड़ा गया है। इसमें निवेशक को ट्रांजैक्शन की तारीख, खरीद मूल्य, बिक्री मूल्य और टैक्स की जानकारी देनी होती है।
अगर बिटकॉइन विदेशी वॉलेट या एक्सचेंज के माध्यम से होल्ड किया गया है, तो उसकी जानकारी Schedule FA (Foreign Assets) में देना भी अनिवार्य है।