Last Updated on July 8, 2025 10:43, AM by
सेबी ने एक ऐसी रिपोर्ट पेश की है, जो हैरान करती है। इसमें ऐसी कई बातें बताई गई हैं जिन पर यकीन करना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। अगर आप शेयरों में ट्रेडिंग करते हैं तो यह रिपोर्ट आपके लिए काफी अहम है। रेगुलेटर की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) में रिटेल ट्रेडर्स को 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का लॉस हुआ। यह बहुत बड़ा अमाउंट है। सेबी ने पिछले साल भी ऐसी रिपोर्ट पेश की थी। उससे तुलना की जाए तो एफएंडओ में रिटेल इनवेस्टर्स का लॉस काफी बढ़ा है।
7 जुलाई को SEBI ने जो रिपोर्ट पेश की है, वह Future & Options (F&O) के डेटा पर आधारित हैं। इसमें कहा गया है कि FY25 में एफएंडओ के रिटेल ट्रेडर्स को 1.06 लाख करोड़ रुपये का लॉस हुआ। यह FY24 के लॉस से 41 फीसदी ज्यादा है। FY24 में एफएंडओ में रिटेल ट्रेडर्स को 74,812 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसका मतलब है कि सिर्फ एक साल में लॉस 41 फीसदी बढ़ा है। एफएंडओ सौदों में नुकसान का यह डेटा हैरान करता है। यह लॉस ऐसे रिटेल इनवेस्टर्स को हुआ है जो अपनी सेविंग्स के पैसे का इस्तेमाल ट्रेड्स के लिए करते हैं। कई रिटेल इनवेस्टर्स तो इसके लिए कर्ज तक लेते हैं।
रेगुलेटर की रिपोर्ट में यह भी कहा है कि FY25 में हर इनवेस्टर्स को औसत लॉस का अमाउंट भी बढ़ा है। यह FY24 के 86,728 रुपये से बढ़कर FY25 में 1.1 लाख रुपये हो गया। हालांकि, साल दर साल आधार पर एफएंडओ ट्रेडिंग करने वाले रिटेल इनवेस्टर्स की संख्या घटी है। FY24 के मुकाबले यह 20 फीसदी घटी है। हालांकि, दो साल पहले के मुकाबले यह 24 फीसदी ज्यादा है। प्रीमियम के लिहाज से रिटेल इनवेस्टर्स के टर्नओवर में भी 11 फीसदी कमी आई है। लेकिन, दो साल पहले के मुकाबले यह 36 फीसदी बढ़ा है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि डेरिवेटिव्स सेगमेंट में पिछले 4 सालों में रिटेल ट्रेडर्स को कुल करीब 3 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। यह जानकारी सेबी की रिपोर्ट से मिली है, जो व्यापक स्टडी पर आधारित है। इससे पता चलता है कि F&O मार्केट में ट्रेडिंग से रिटेल इनवेस्टर्स कितने पैसे गंवा रहे हैं। सेबी, मीडिया और मार्केट्स एक्सपर्ट्स के बार-बार एफएंडओ ट्रेडिंग से जुड़े रिस्क के बारे में बताने के बावजूद रिटेल इनवेस्टर्स काफी लॉस उठा रहे हैं।
पिछले साल सेबी ने डेरिवेटिव्स ट्रेड से जुड़े कई नियमों में बदलाव किए थे। ऐसा एक कमेटी की सिफारिश पर किया गया था। इसमें कॉन्ट्रैक्ट के लॉट की साइज बढ़ाने सहित कई उपाय शामिल थे। इसके बावजूद FY25 में रिटेल इनवेस्टर्स को होने वाला लॉस बढ़ा है। इसका मतलब है कि सेबी के कदमों का ज्यादा असर नहीं पड़ा है। आज भी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में बड़ी संख्या में रिटेल इनवेस्टर्स ट्रेडिंग कर रहे हैं और अपने पैसे गंवा रहे हैं।