Last Updated on July 8, 2025 17:14, PM by Pawan
Defence Stocks: देश की रक्षा क्षमताओं को मज़बूत करने की दिशा में भारत ने बड़ा कदम उठाया है. सूत्रों से मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, Bharat Forge, Tata Advanced Systems (TASL), BEML और Mazagon Dock को रक्षा मंत्रालय से बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स मिल सकते हैं. इससे इन कंपनियों के कारोबार में जबरदस्त ग्रोथ की संभावना बन रही है.
Bharat Forge और Tata Advanced Systems बनाएंगे ATAGS
सूत्रों के अनुसार, Bharat Forge और Tata Advanced Systems मिलकर ATAGS (Advanced Towed Artillery Gun System) का निर्माण करेंगे. यह गन DRDO के साथ मिलकर डिवेलप की गई है और इसकी खासियत है 155 mm 52 कैलिबर की ताकतवर फायरिंग क्षमता. भारतीय सेना को लगभग 1500 ATAGS की जरूरत है.
इस दिशा में पहला बड़ा कदम भी उठ चुका है—Bharat Forge और TASL ने मिलकर 307 ATAGS यूनिट का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है. यह पूरी डील लगभग ₹25,000 करोड़ की हो सकती है. हालांकि, Bharat Forge और TASL की ओर से इस खबर पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
BEML और Bharat Forge मिलकर बनाएंगे Gun Mounted System
दूसरी बड़ी खबर BEML और Bharat Forge को लेकर है. DRDO ने इनके साथ मिलकर एक नया 55 mm 52 कैलिबर Gun Mounted System डिवेलप किया है. इसमें BEML ने प्लेटफॉर्म तैयार किया है जबकि Bharat Forge ने गन बनाई है.
भारतीय सेना ने हाल ही में 300 गन माउंटेड सिस्टम के लिए RFP (Request for Proposal) जारी किया है. इस डील का संभावित मूल्य ₹4,500 करोड़ बताया जा रहा है. रक्षा सूत्रों के मुताबिक, यह डिलीवरी पूरी होने के बाद और 400 यूनिट्स का ऑर्डर भी संभव है, जिससे यह संख्या 700 तक पहुंच सकती है.
Mazagon Dock को भी मिल सकती है Submarine डील
रक्षा क्षेत्र की एक और अहम कंपनी Mazagon Dock को भी बड़ी सफलता मिल सकती है. रक्षा मंत्रालय के साथ कंपनी की 3 नई सबमरीन के निर्माण की डील लगभग तय मानी जा रही है. इस डील की अनुमानित कीमत ₹15,000 करोड़ बताई जा रही है. Mazagon Dock इस प्रोजेक्ट में फ्रांस की Naval Group के साथ मिलकर काम करेगी. इससे कंपनी की डिफेंस कैटेगरी में मौजूदगी और भी मजबूत होगी.
रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत की नीति के तहत देश की बड़ी कंपनियों को अब सीधे तौर पर रक्षा परियोजनाओं में भागीदारी का मौका मिल रहा है. Bharat Forge, BEML और Mazagon Dock जैसी कंपनियों के लिए ये डील्स न केवल मुनाफे का सौदा साबित हो सकती हैं बल्कि भारत की सामरिक शक्ति को भी नई ऊंचाई देंगी. निवेशकों और बाज़ार की नजर अब इन कंपनियों पर रहेगी.
