आंवले में एक्सिऑक्सिडेंट के गुण पाए जाते हैं। इसीलिए पिछले कुछ सालों में आंवले की मांग तेजी से बढ़ी है। इसी का फायदा उठाकर कुछ किसान आंवले की खेती से मोटी कमाई कर रहे हैं। ऐसे ही एक किसान हैं अहमदाबाद जिले के मीरौली गांव के कृपेशभाई अंबालाल पंड्या। पंड्या ने बागवानी खेती से अपनी आमदनी में जबरदस्त इजाफा किया है। इतना ही नहीं, आज उनकी आमदनी लाखों में है।
बी.कॉम. तक पढ़ाई करने के बाद उन्होंने पहले नौकरी की थी। लेकिन फिर पुश्तैनी खेती को आगे बढ़ाने का फैसला किया। आज वे 6 बीघा जमीन पर बागवानी फसलों की खेती करते हैं, जिसमें मुख्य रूप से आंवला शामिल है।
करीब 10-15 साल पहले कृपेशभाई ने NA-7 किस्म के कलमी आंवला के 60-70 पौधे लगाए थे। हर सीजन में एक-एक पेड़ से कम से कम 3,000 से 4,000 रुपये तक का उत्पादन होता है। वे आंवला का खुदरा और थोक दोनों तरह से बिक्री करते हैं।
अहमदाबाद की कई सोसाइटी में वे सीधे रिटेल में आंवला बेचते हैं, जबकि अधिक उत्पादन होने पर जामालपुर मार्केट में थोक में बेचते हैं। आमतौर पर आंवला का भाव 50 रुपये प्रति किलो रहता है, जिससे इन 60-70 पेड़ों से हर साल 2.5 से 3 लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है।
कृपेशभाई ने बताया कि आंवला की खेती में एक बार पौधे लगाने के बाद ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं होती। कई बार तो गर्मियों में सिंचाई भी न की जाए तो भी पौधे चल जाते हैं। उत्पादन शुरू होने के बाद ही लेबर का थोड़ा खर्च आता है। बाकी फसलों की तुलना में यह खेती काफी आसान और कम मेहनत वाली है।
इसके अलावा, कृपेशभाई आंवला से वैल्यू एडिशन भी करते हैं। वे आंवला कैंडी और सूखे आंवले के उत्पाद बनाकर भी बेचते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त मुनाफा होता है। उनके पास गोरस इमली और देसी आंवला के पौधे भी हैं, जिन्हें वे सीजन में रिटेल में बेचकर और आमदनी कमा लेते हैं।
कैसे करें आंवले की खेती?
आंवले की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे बेहतर होती है। इसका PH लेवल 6 से 8 के बीच में होना चाहिए। मिट्टी तैयार करने के लिए खेत की जुताई करते हैं। मिट्टी को भुरभुरा और जमीन को समतल कर लें। इसके साथ ही सिंचाई और अतिरिक्त पानी खेत से बाहर निकलने की भी जगह हो।
आंवले की खेती के लिए सही तापमान 20 से 30 डिग्री होता है। इसकी खेती मानसून के बाद जुलाई से सितंबर के बीच होती है। एक एकड़ जमीन में करीब 120 से लेकर 180 पौधे लगाए जा सकते हैं। पौधों के बीच में 6X6 की दूरी रखना जरूरी है। इसमें खाद का इस्तेमाल जुलाई-अगस्त में रोपाई और फिर फरवरी मार्च में किया जाता है।
आंवले का पेड़ 4-5 साल में तैयार होकर फल देने लगता है। आंवला तोड़ने का समय अक्तूबर से लेकर दिसंबर के बीच होता है। एक एकड़ में करीब 8 से 10 टन आंवला उगाया जा सकता है।
