Last Updated on July 6, 2025 8:50, AM by
Money Mistakes: 20 से 30 की उम्र का दौर जिंदगी के सबसे निर्णायक साल होते हैं। यह करियर की रफ्तार और जीवन की नई जिम्मेदारियों के बीच वो वक्त होता है, जब निवेश की नींव रखी जाती है। लेकिन, यही वह दौर भी है जब कई फाइनेंशियल फैसले जल्दबाजी या जानकारी की कमी के कारण गलत दिशा में चले जाते हैं। यहां 10 ऐसी आम गलतियों की बात हो रही है, जो युवाओं को लंबे वक्त में भारी पड़ सकती हैं।
1. देर से शुरुआत
इस उम्र में करियर सेट करना, पढ़ाई का लोन चुकाना, घूमना-फिरना या शादी जैसे खर्च अहम होते हैं। ऐसे में निवेश को प्राथमिकता नहीं दी जाती। लेकिन इसी देरी के चलते कंपाउंडिंग का सबसे बड़ा फायदा छूट जाता है, जो कि लंबी अवधि में बड़े रिटर्न का आधार होता है। शुरुआत भले छोटी हो, लेकिन समय पर की गई पहल आर्थिक रूप से कहीं अधिक असरदार हो सकती है।
2. जल्दी मुनाफे की चाह
क्रिप्टो, ऑप्शन्स ट्रेडिंग या डबल रिटर्न देने वाली योजनाएं कुछ युवाओं को लुभाती हैं। यहां जल्दी मुनाफा तो दिखता है, लेकिन इसके साथ जोखिम भी उतना ही बड़ा होता है। बिना मजबूत फाइनेंशियल बेस के ऐसे कदम नुकसान की ओर ले जा सकते हैं, खासकर तब जब पूरे फंड को ऐसे हाई रिस्क प्रोडक्ट्स में लगाया जाए।
3. एक ही जगह निवेश
कुछ लोग केवल स्टॉक्स, कुछ सिर्फ म्यूचुअल फंड्स या कुछ केवल रियल एस्टेट पर भरोसा करते हैं। लेकिन अगर उस एक सेक्टर में गिरावट आती है, तो पूरा पोर्टफोलियो प्रभावित होता है। यही कारण है कि निवेश को इक्विटी, डेट, गोल्ड और दूसरे एसेट क्लासेस में फैलाना जरूरी माना जाता है।
4. बिना लक्ष्य के निवेश
जब यह तय ही न हो कि निवेश किस मकसद के लिए हो रहा है, तो सही प्रोडक्ट चुनना और जरूरी अनुशासन बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। उदाहरण के लिए, घर खरीदने, रिटायरमेंट या बच्चों की पढ़ाई जैसे लक्ष्य अगर तय हों, तो उनके लिए सही समयावधि और जोखिम के अनुसार प्लानिंग की जा सकती है।
5. टैक्स की अनदेखी
स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड्स बेचने पर लगने वाला शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स, कई बार प्लानिंग में छूट जाता है। साथ ही, टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स को चुनते समय भी यह नहीं देखा जाता कि वो पुराने टैक्स सिस्टम में फायदा देंगे या नए में। नतीजा यह होता है कि बचत की बजाय अतिरिक्त टैक्स देना पड़ता है।
6. इमरजेंसी फंड की कमी
नौकरी छूट जाए, मेडिकल इमरजेंसी आ जाए या किसी और निजी कारण से आमदनी रुक जाए। ऐसी स्थिति में अगर तुरंत कैश की व्यवस्था नहीं है, तो निवेश को नुकसान में बेचने की नौबत आ सकती है। यही वजह है कि किसी भी लंबी योजना से पहले कम से कम 3 से 6 महीने का खर्च एक सुरक्षित जगह पर रखना जरूरी माना जाता है।
7. गलत सलाह पर भरोसा
सोशल मीडिया, यूट्यूब या दोस्त-रिश्तेदारों की बातों से प्रेरित होकर बिना गहराई से परखे निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि ट्रेंडिंग निवेश विकल्प बिना किसी ठोस बैकिंग के सिर्फ चर्चा के बल पर लोकप्रिय हो जाते हैं, लेकिन बाद में उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते।
8. खुद को देर से समझना
30 की उम्र पार करते ही यह सोचना कि अब देर हो गई, कई लोगों को निवेश से दूर कर देता है। सच यह है कि निवेश की शुरुआत कभी भी की जा सकती है, बशर्ते उसमें नियमितता और समझदारी हो। 30 की उम्र में अगर अच्छी कमाई शुरू हो चुकी है, तो निवेश की क्षमता भी अधिक होती है, जिससे कम समय में बड़ा फाइनेंशियल बेस तैयार किया जा सकता है।
9. रिव्यू नहीं करना
SIP शुरू करने के बाद उसे ‘सेट एंड फॉरगेट’ की तरह छोड़ देना आकर्षक लगता है, लेकिन वक्त के साथ न तो लक्ष्य वही रहते हैं, न ही जोखिम उठाने की क्षमता। इसलिए समय-समय पर पोर्टफोलियो की समीक्षा करना जरूरी माना जाता है, ताकि जरूरत के अनुसार बदलाव किए जा सकें।
10. खुद पर निवेश भूल जाना
कोर्स करना, स्किल्स बढ़ाना, सेहत पर ध्यान देना- ये सभी वो निवेश हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से कमाई और निर्णय क्षमता को बेहतर बनाते हैं। लेकिन अक्सर लोग इसे खर्च मान लेते हैं, जबकि यह फ्यूचर इनकम ग्रोथ का सबसे मजबूत जरिया बन सकता है।