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Jane Street Timeline: कैसे और कब SEBI के रडार पर आया शेयर बाजार में मैनिपुलेशन का मामला? जानें पूरी टाइमलाइन | Zee Business

Jane Street Timeline: कैसे और कब SEBI के रडार पर आया शेयर बाजार में मैनिपुलेशन का मामला? जानें पूरी टाइमलाइन | Zee Business

Last Updated on July 6, 2025 9:37, AM by

 

Jane Street: बाजार के रेगुलेटर SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने एक अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म ‘जेन स्ट्रीट ग्रुप’ (Jane Street Group) और उससे जुड़ी सभी संस्थाओं पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है. यह कहानी है हजारों करोड़ रुपये की अवैध कमाई और मैनिपुलेशन की.

क्या है जेन स्ट्रीट केस? SEBI ने क्यों लिया इतना बड़ा एक्शन?

सेबी की ओर से अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट से जुड़े सभी लोगों और कंपनियों को भारतीय शेयर बाजार में किसी भी तरह के सौदे (खरीद-बिक्री) करने से रोक दिया गया है. संबंधित बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि इन सभी के बैंक खाते तुरंत फ्रीज कर दिए जाएं. यानी, इन खातों से कोई भी पैसा नहीं निकाला जा सकता (No Debit Allowed).

क्यों हुई यह कार्रवाई?

इस कार्रवाई की मुख्य वजह है ₹4,843 करोड़ की अवैध कमाई का आरोप. SEBI का मानना है कि जेन स्ट्रीट ने कैश मार्केट और वायदा बाजार (Futures & Options) में हेरफेर करके यह रकम गैरकानूनी तरीके से कमाई है. सेबी ने इस पूरी रकम को जब्त करने का आदेश भी दिया है और इसे एक एस्क्रो अकाउंट (Escrow Account) में रखने को कहा है.

कैसे किया गया यह पूरा खेल? कमाई का तरीका समझिए

जेन स्ट्रीट एक हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (HFT) फर्म है. ये कंपनियां सेकंड के भी हजारवें हिस्से में करोड़ों के सौदे करने के लिए एडवांस्ड कंप्यूटर एल्गोरिदम का इस्तेमाल करती हैं. आरोप है कि जेन स्ट्रीट ने इसी टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल किया. ग्रुप पर आरोप है कि इन्होंने इंडेक्स और डेरिवेटिव्स मार्केट में जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया, जिससे उन्हें फायदा हो. इसे बाजार को धोखा देना या मैनिपुलेट करना कहते हैं.

SEBI ने जेन स्ट्रीट के 21 खास सौदों की जांच की, जिनमें से 18 सौदे अकेले बैंक निफ्टी में किए गए थे. इससे पता चलता है कि उनकी रणनीति एक खास इंडेक्स पर केंद्रित थी. जानकारी के मुताबिक, जेन स्ट्रीट ने पिछले दो सालों में सिर्फ इंडेक्स ट्रेडिंग से ₹36,000 करोड़ की कमाई की थी. यह आंकड़ा दिखाता है कि उनका ऑपरेशन कितना बड़ा और प्रभावशाली था.

मुनाफे का चौंकाने वाला आंकड़ा: घाटे से सीधे हजारों करोड़ तक

जेन स्ट्रीट की कमाई के आंकड़े हैरान करने वाले हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने सिर्फ 2024 में भारतीय बाजार से ₹19,780 करोड़ से ₹25,800 करोड़ के बीच कमाई की. इसी साल वैश्विक बाजारों से इसकी कमाई भारतीय कमाई से 10 गुना ज्यादा थी.

अब भारत में जेन स्ट्रीट की इकाई, JSI Investments के वित्तीय आंकड़ों को देखिए:

मार्च 2022: कंपनी ₹6 करोड़ के घाटे में थी.

मार्च 2024: कंपनी ₹25 करोड़ के मुनाफे में आ गई.

वित्त वर्ष 2024: कंपनी की कुल आय ₹478 करोड़ थी.

यह आंकड़े दिखाते हैं कि कंपनी ने कितनी तेजी से भारतीय बाजार में अपनी पकड़ बनाई और मुनाफा कमाया.

SEBI के एक्शन की पूरी टाइमलाइन: कब, क्या हुआ?

यह एक्शन एक दिन में नहीं लिया गया. SEBI और NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पिछले एक साल से इस मामले पर नजर रखे हुए थे.

    • अप्रैल 2024: मीडिया में जेन स्ट्रीट के एक कानूनी विवाद की खबरें आईं. इसमें कंपनी की गोपनीय ट्रेडिंग रणनीतियों के गलत इस्तेमाल का आरोप था. यहीं से SEBI ने मामले का विश्लेषण शुरू किया.

 

    • 23 जुलाई 2024: SEBI ने NSE को जेन स्ट्रीट ग्रुप की ट्रेडिंग गतिविधियों की जांच करने का आदेश दिया.

 

    • अगस्त 2024: SEBI ने जेन स्ट्रीट के अधिकारियों से पूछताछ की. 30 अगस्त को जेन स्ट्रीट ने अपने सौदों पर सफाई पेश की.

 

    • 13 नवंबर 2024: NSE ने अपनी जांच रिपोर्ट SEBI को सौंपी.

 

    • दिसंबर 2024: SEBI ने पाया कि साप्ताहिक इंडेक्स ऑप्शन की एक्सपायरी वाले दिन बाजार में असामान्य रूप से बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव हो रहा था. कुछ संस्थाएं, खासकर एक्सपायरी के दिन बहुत बड़े जोखिम वाले सौदे कर रही थीं.

 

    • 4 फरवरी 2025: अधिकारियों ने पाया कि पहली नजर में जेन स्ट्रीट ग्रुप SEBI के धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध (PFUTP) नियमों का उल्लंघन कर रहा है.

 

    • 6 फरवरी 2025: SEBI के निर्देश पर NSE ने जेन स्ट्रीट को एक चेतावनी पत्र जारी किया और उन्हें ऐसी धोखाधड़ी वाली ट्रेडिंग पैटर्न को रोकने के लिए कहा.

 

    • 21 फरवरी 2025: जेन स्ट्रीट ने चेतावनी पत्र पर अपना जवाब भेजा.

 

    • 15 मई 2025: जांच में पाया गया कि चेतावनी के बावजूद, जेन स्ट्रीट ग्रुप ने अपनी गतिविधियां नहीं रोकीं और वे लगातार इंडेक्स ऑप्शंस में बहुत बड़े सौदे करते रहे. इसके बाद SEBI ने यह कठोर कदम उठाया.

 

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