भारत डेडलाइन के प्रेशर में कोई व्यापार समझौता नहीं करता है, राष्ट्रहित सबसे ऊपर है। यह बात वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कही है। मंत्री ने कहा कि अमेरिका के साथ होने जा रहे व्यापार समझौते को तभी मंजूर किया जाएगा, जब यह पूरी तरह से फाइनल हो जाएगा, उचित रूप से निष्कर्ष निकल आएंगे और जब यह राष्ट्र के हित में होगा। बता दें कि अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत करने के बाद भारतीय टीम वॉशिंगटन से लौट आई है। ट्रेड डील पर बातचीत आखिरी दौर में है और समझौता 9 जुलाई से पहले फाइनल हो सकता है। एग्रीकल्चर और ऑटो सेक्टर में कुछ मसलों को अभी भी सुलझाए जाने की जरूरत है, इसलिए चर्चा जारी है।
अमेरिका की ओर से इस साल 2 अप्रैल को भारत समेत कई देशों के लिए बेहद हाई दर वाले रेसिप्रोकल टैरिफ घोषित किए गए थे। लेकिन फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 9 अप्रैल को राहत दी और 90 दिनों के लिए टैरिफ को बेस रेट 10 प्रतिशत पर बरकरार रखा। यह 90 दिनों की अवधि 9 जुलाई 2025 को खत्म हो रही है। भारत से अमेरिका जाने वाले सामानों के लिए रेसिप्रोकल टैरिफ की रेट 26 प्रतिशत रखी गई है।
वाशिंगटन जाने की कोई योजना नहीं
गोयल के मुताबिक, “देश का हित हमेशा सबसे ऊपर होना चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए अगर कोई डील होती है तो भारत हमेशा विकसित देशों के साथ सौदा करने के लिए तैयार है।” यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और अमेरिका के बीच 9 जुलाई 2025 तक अंतरिम व्यापार समझौता हो सकता है, गोयल का जवाब रहा कि भारत कभी भी डेडलाइन या टाइम फ्रेम के आधार पर कोई ट्रेड डील नहीं करता है। जब सौदा ठीक से हो जाएगा, पूरी तरह से फाइनल हो जाएगा और देश के हित में होगा, तब हम इसे मंजूर करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल ट्रेड पर बातचीत के लिए वॉशिंगटन जाने का कोई प्लान नहीं है।
कई देशों के साथ FTA पर हो रही बातचीत
पीयूष गोयल ने यह भी बताया कि भारत, यूरोपीय संघ, ओमान, अमेरिका, न्यूजीलैंड, चिली और पेरू समेत कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट या FTA) पर बातचीत कर रहा है। अमेरिका के साथ FTA तभी हो सकता है, जब फायदा दोनों देशों को हो।
