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खराब CIBIL स्कोर के कारण SBI में नहीं मिलेगी नौकरी! हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

खराब CIBIL स्कोर के कारण SBI में नहीं मिलेगी नौकरी! हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

अगर आप बैंक या किसी बैंक में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, तो सिर्फ परीक्षा पास करना और इंटरव्यू क्लियर करना काफी नहीं है। आपका CIBIL स्कोर भी अब उतना ही जरूरी हो गया है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें उम्मीदवार ने SBI की नौकरी पाने के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं, लेकिन उसकी खराब क्रेडिट हिस्ट्री ने उनके हाथ आनी नौकरी को छिन लिया।

मामला क्या था?

एक युवक, जो पहले ICICI बैंक और फिर HDFC बैंक में डिप्टी मैनेजर रह चुका था, उसने अपने छोटे भाई के बिजनेस में मदद करने के लिए कई पर्सनल लोन ले लिए। शुरू में बिजनेस अच्छा चला, लेकिन एक एक्सीडेंट के बाद बिजनेस में नुकसान हुआ और लोन चुकाना मुश्किल हो गया। नतीजतन वह कई लोन और क्रेडिट कार्ड की रकम समय पर नहीं चुका पाया।

बाद में इस शख्स ने SBI के सर्कल बेस्ड ऑफिसर (CBO) पद के लिए आवेदन किया। उसने परीक्षा पास की, इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट क्लियर किया और उसे अपॉइंटमेंट लेटर भी मिल गया। लेकिन जॉइनिंग से पहले जब SBI ने उसकी CIBIL रिपोर्ट देखी, तो कई डिफॉल्ट और वसूली से जुड़ी शिकायतें सामने आईं।

SBI ने क्या कहा?

SBI ने अपने नियमों के अनुसार, क्लॉज 1(E) का हवाला देते हुए कहा कि जिन उम्मीदवारों का लोन हिस्ट्री ठीक नहीं है या जो CIBIL स्कोर में खराब रिकॉर्ड रखते हैं, वे बैंक की नौकरी के योग्य नहीं हैं। बैंक का तर्क था कि बैंक कर्मचारी पब्लिक मनी यानी लोगों के पैसों से जुड़ा काम करते हैं, इसलिए उनका फाइनेंशियल अनुशासन भी मजबूत होना जरूरी है।

उम्मीदवार ने क्या किया?

इस उम्मीदवार ने मद्रास हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की। उसने कहा कि हालात ऐसे बन गए थे कि लोन चुकाना मुश्किल हो गया था, लेकिन उसकी मंशा खराब नहीं थी। उसने ये भी तर्क दिया कि SBI ने एक पत्र में कहा था कि लोन डिफॉल्ट को जॉइनिंग से पहले सुधारने का मौका दिया जा सकता है, इसलिए उसे भी यह अवसर मिलना चाहिए।

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

2 जून 2025 को मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया और कहा कि SBI का निर्णय सही है। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि बैंक कर्मचारी पब्लिक मनी से डील करते हैं। ऐसे में अगर किसी की अपनी फाइनेंशियल हिस्ट्री ठीक नहीं है, तो उस पर यह जिम्मेदारी देना खतरे से खाली नहीं है। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए SBI के फैसले को जायज ठहराया।

CIBIL रिपोर्ट में क्या था?

2017 से 2020 के बीच कई पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लिए गए।

EMI चुकाने में बार-बार देरी हुई और कुछ लोन write-off भी हो गए।

ICICI बैंक ने एक लोन पर केस भी दर्ज किया।

HDFC बैंक को क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट की वजह से ₹40,000 का नुकसान हुआ।

CIBIL रिपोर्ट में 50 से ज्यादा बार क्रेडिट इनक्वायरी दिखाई दी, जो बताता है कि उम्मीदवार लगातार लोन के लिए अप्लाई कर रहा था।

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