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5 कारण, जो अमेरिकी शेयर बाजार में ला सकते हैं गिरावट, भारत पर भी होगा असर?

5 कारण, जो अमेरिकी शेयर बाजार में ला सकते हैं गिरावट, भारत पर भी होगा असर?

Last Updated on June 29, 2025 10:43, AM by

US Stock Markets: अमेरिकी शेयर बाजार ने 2025 के पहले छह महीनों में भारी उतार-चढ़ाव देखा। S&P 500 इंडेक्स जहां पहले अपने उच्चतम स्तर से 19% तक गिरा, वहीं उसने तेजी से रिकवरी करते हुए नया रिकॉर्ड भी बना लिया। लेकिन अब जब दूसरी छमाही की शुरुआत हो रही है, दुनिया के कुछ बड़े निवेशक बाजार की इस रैली को लेकर सावधान हो गए हैं। हालांकि इजराइल-ईरान संघर्षविराम और अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता के संकेतों ने हाल में थोड़ी राहत दी है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि दूसरी छमाही में 5 बड़े जोखिम शेयर बाजार पर दबाव डाल सकते हैं। आइए जानें वे कौन से 5 कारण हैं जो अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट ला सकते हैं:

1. टैरिफ डेडलाइन का खतरा

अमेरिका को 9 जुलाई की डेडलाइन तक अपने प्रमुख व्यापारिक साझेदार देशों से टैरिफ समझौते करने हैं। अगर समय पर कोई समझौता नहीं हुआ तो जिन देशों के साथ डील नहीं हुई, उनके उत्पादों पर 10% से अधिक टैरिफ लगाया जा सकता है। हालांकि UK ने समझौते पर दस्तखत कर लिए हैं और यूरोपीय यूनियन के साथ भी समझौते जल्द होने के संकेत हैं, लेकिन कनाडा के साथ डील तोड़ने की ट्रंप की धमकी ने निवेशकों को एक बार फिर सतर्क कर दिया है। UBS की रणनीतिकार एंथी त्सोवालि कहती हैं, “जब तक डील फाइनल नहीं होती, बाजारों में अस्थिरता बनी रहेगी।”

2. कमजोर कमाई और मुनाफे का दबाव

हालिया महीनों में कॉरपोरेट मजबूती ने बाजार को सहारा दिया, लेकिन आगामी दूसरी तिमाही के नतीजे असली परीक्षा होंगे। एक हालिया सर्वे के अनुसार, अमेरिका की कंपनियों के CEO hiring और खर्च को लेकर पहले से ज्यादा नकारात्मक हैं। फेडरेटेड हर्मीज की पोर्टफोलियो मैनेजर लुईस डडली के मुताबिक, “जैसे-जैसे कारोबारी माहौल चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है, मुनाफे की उम्मीदें भी घट सकती हैं।” इससे बाजार की दिशा सीधी या स्थिर रह सकती है।

3. भूराजनीतिक जोखिम बरकरार

इजराइल और ईरान के बीच शांति से तेल की कीमतें तो गिरी हैं, लेकिन ईरान के परमाणु कार्यक्रम और अमेरिका-चीन के रिश्तों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। सैंटेंडर एसेट मैनेजमेंट के रणनीतिकार फ्रांसिस्को सिमोन कहते हैं, “भले ही कुछ राहत दिख रही है, लेकिन रणनीतिक रूप से जोखिम ऊंचा ही बना रहेगा।” निवेशक यह भी देख रहे हैं कि अमेरिका-चीन के ताजा व्यापार फ्रेमवर्क में रेयर अर्थ एक्सेस और चिप टेक्नोलॉजी को लेकर क्या सहमति बनी है।

4. अमेरिकी कर्ज और फेडरल रिज़र्व की भूमिका

अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग हाल में कम हुई है और ट्रंप की नई टैक्स और खर्च नीति से आने वाले सालों में ट्रिलियनों डॉलर का कर्ज बढ़ सकता है। कोलंबिया थ्रेडनीडल इनवेस्टमेंट्स के नील रॉबसन कहते हैं, “बाजार में भारी गिरावट की संभावना कम है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है।” इसके अलावा, फेडरल रिजर्व के अगले चेयरमैन को लेकर अनिश्चितता भी मंडरा रही है। ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह 3-4 विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। कुछ निवेशकों को डर है कि अगला चेयरमैन शायद उतना स्वतंत्र नहीं हो जितना अब तक होता आया है।

5. बाजार का ऊंचा वैल्यूएशन

S&P 500 इंडेक्स इस समय आने वाले 12 महीनों की कमाई के मुकाबले 22 गुना के वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहा है, जो कि 10 साल के औसत 18.6 से काफी ऊपर है। कई निवेशकों को लगता है कि यह वैल्यूएशन काफी महंगा है, खासकर तब जब अमेरिका की आर्थिक हालत कमजोर होती है। इनवेस्को एसेट मैनेजमेंट के डेविड चाओ कहते हैं, “अगर अमेरिका की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई तो वैल्यूएशन में और गिरावट संभव है।” उनके अनुसार, अमेरिका के बाहर के बाजार सस्ते हैं और वहां निवेश के मौके बेहतर हो सकते हैं।

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