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IDBI Bank disinvestment: बीते छह महीने में 32% चढ़ा है स्टॉक, क्या विनिवेश के बाद शेयरों में तेजी जारी रहेगी?

IDBI Bank disinvestment: बीते छह महीने में 32% चढ़ा है स्टॉक, क्या विनिवेश के बाद शेयरों में तेजी जारी रहेगी?

Last Updated on June 28, 2025 15:09, PM by

मनीकंट्रोल ने अंतिम बार मार्च 2025 में आईडीबीईआई बैंक के स्टॉक का विश्लेषण किया था। तब से यह स्टॉक 30 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है। यह सच है कि इस दौरान स्टॉक मार्केट्स में रिकवरी आई है। लेकिन, आईडीबीआई बैंक के शेयरों में तेजी की कुछ अपनी वजहें भी रही हैं। वित्त वर्ष 2025 में अच्छी अर्निंग्स ग्रोथ इनमें से एक है। इसके अलावा एनएसडीएल का आईपीओ और आईडीबीआई बैंक में प्रस्तावित विनिवेश भी एक वजह है।

शेयरों पर एनएसडीएल के आईपीओ का असर

NSDL के आईपीओ के जुलाई तक आ जाने की उम्मीद है। इसका असर IDBI Bank के आईपीओ पर पड़ रहा है। एनएसडीएल के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स के मुताबिक, आईडीबीआई बैंक की एनएसडीएल में बड़ी हिस्सेदारी है, जो करीब 26.10 फीसदी है। इसके बाद NSE की 24 फीसदी, HDFC Bank की 8.95 फीसदी और SBI की 5 फीसदी हिस्सेदारी है। आईडीबीआई बैंक आईपीओ में एनएसडीएल में अपनी करीब 15 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहता है। यह जानकारी डीआरएचपी में शामिल है। एनएसडीएल में हिस्सेदारी बेचने से मिले पैसे से आईडीबीआई बैंक की पूंजी बढ़ेगी।

 

आईडीबीआई बैंक के प्रदर्शन में हो रहा सुधार

IDBI Bank का हालिया प्रदर्शन अच्छा रहा है। इसकी बुक साफसुथरी है। सरकार और LIC की तरफ से मिले पैसे से पूंजी के मामले में इसकी स्थिति मजबूत हुई है। FY25 में इसका रिटर्न ऑन एसेट (RoA) 1.98 फीसदी रहा। हालांकि, नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) घटकर 3.7 फीसदी रहा। एडवान्सेज की ग्रोथ अच्छी रही। बैंक ने अपने दबाव वाले एसेट के लिए काफी प्रोविजनिंग कर रखी है, जिससे इसे मुनाफा बढ़ाने में मदद मिलेगी।

आईडीबीआई में विनिवेश की प्रक्रिया पकड़ रही रफ्तार

IDBI Bank की डिसइनवेस्टमेंट की प्रक्रिया अक्टूबर 2022 में शुरू हुई थी। अब जाकर इसने रफ्तार पकड़ी है। खबरों के मुताबिक, आईडीबीआई बैंक के लिए बोली लगाने में एमिरेट्स एनबीडी सबसे आगे है। RBI ने एमिरेट्स एनडीबी को इंडिया में अपनी सब्सिडियरी बनाने की मंजूरी दे दी है। इससे आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी खरीदने में उसकी दिलचस्पी और बढ़ गई है।

बोली लगाने में ये कंपनियां सबसे आगे

कनाडा के प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर प्रेम वत्स की फेयरफैक्स इंडिया होल्डिंग्स ने भी आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। इसके अलावा Kotak Mahindra Bank और Oaktree Capital भी हिस्सेदारी खरीदना चाहते हैं। खबरों में बताया गया है कि इनमें से सभी ने आरबीआई के ‘फिट एंड प्रॉपर’ एसेसेमेंट को क्लियर कर लिया है।

आईडीबीआई बैंक के शेयरों में 27 जून को उछाल

अभी आईडीबीआई बैंक के शेयर की कीमत 100.93 रुपये चल रही है। इसका मतलब है कि इसके शेयरों में FY27 की अनुमानित बुक वैल्यू के 1.5 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। बैंक के आरओए को देखते हुए यह वैल्यूएशन ठीक लगती है। लेकिन, दूसरे सरकारी बैंकों के स्टॉक्स के मुकाबले आईडीबीआई बैंक के शेयर की कीमत ज्यादा लगती है। सरकार आईडीबीआई बैंक में 30.24 फीसदी और LIC 30.48 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। इससे बैंक का नियंत्रण नए इनवेस्टर के पास होगा।

RBI नियमों में दे सकता है कुछ छूट

कोई स्ट्रेटेजिक फॉरेन इनवेस्टर इंडिया में किसी बैंक में 15 फीसदी से ज्यादा निवेश नहीं कर सकता। लेकिन, आरबीआई ने जापान की सुमिटोमों मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन को यस बैंक में 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की इजाजत दी थी। इसलिए उम्मीद की जा सकती है कि आईडीबीआई के मामले में भी विदेशी निवेशकों को रियायत मिल सकती है। RBI ने पिछले कई सालों से बैंकिंग लाइसेंस देने में काफी सावधानी बरती है।

क्या विनिवेश के बाद शेयरों में तेजी आएगी?

आईडीबीआई बैंक की लोन बुक 2,00,000 करोड़ रुपये की है। इसमें रिटेल की हिस्सेदारी 70 फीसदी है। रिटेल एसेट्स में होम लोन की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है। बैंक का क्रेडिट-डिपॉजिट रेशियो 70 फीसदी तक पहुंच गया है। यह बैंकिंग इंडस्ट्री के औसत से अच्छा है। आईडीबीआई बैंक में संभावित खरीदारों की दिलचस्पी दिखाने की बड़ी वजह इसका 3,00,000 करोड़ रुपये का डिपॉजिट है। बैंक के प्रमोटर्स में बदलाव होने के बाद नया प्रमोटर्स आईडीबीआई की ग्रोथ बढ़ाने की कोशिश करेगी। इससे इसके शेयरों में तेजी आ सकती है।

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