Last Updated on June 27, 2025 11:42, AM by
जून सीरीज 26 जून को मजबूती के साथ खत्म हो गई। अब नजरें जुलाई सीरीज पर हैं। 27 जुलाई को इसकी शुरुआत मजबूती के साथ हुई। मनीकंट्रोल ने बताया था कि निफ्टी के लिए जून का महीना आम तौर पर अच्छा रहता है। 26 जून को ऐसी ही हुआ। निफ्टी सीरीज लगातार चौथे महीने पॉजिटिव ट्रेंड के साथ खत्म हुआ। अच्छी बात यह है कि जुलाई सीरीज का ट्रेंड भी पॉजिटिव रहने की उम्मीद है।
निफ्टी अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से सिर्फ 700 प्वाइंट्स दूर
जुलाई सीरीज का आगाज ऐसे वक्त हुआ है, जब Nifty अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से सिर्फ 700 प्वाइंट्स दूर है। निफ्टी ने पिछले साल 27 सितंबर को ऊंचाई का यह रिकॉर्ड बनाया था। अगर इतिहास पर गौर किया जाए तो पिछले 10 साल में सिर्फ 2 बार जुलाई एफएंडओ सीरीजी ने निगेटिव रिटर्न दिया है। पिछले सालों के डेटा तो जुलाई में निफ्टी के लिए अच्छे संकेत दे रहे हैं, लेकिन एक बड़ा तथ्य यह है कि 2017 के बाद से लगातार पांच बार एफएंडओ सीरीज की क्लोजिंग पॉजिटिव नोट के साथ नहीं हुई है।
जुलाई सीरीज की शुरुआत में रोलओवर औसत से ज्यादा
Nifty की जुलाई सीरीज की शुरुआत 79.5 फीसदी रोलओवर के साथ हुई। इसके मुकाबले पिछले 3 सीरीज में औसत रोलओवर 79.1 फीसदी रहा है। इसका मतलब है कि इस बार का रोलओवर बीते तीन चार महीनों में सबसे ज्यादा है। नई सीरीज की शुरुआत में निफ्टी में ओपन इंटरेस्ट 4 महीनों के हाई पर है। यह इस साल मार्च के बाद से सबसे ज्यादा है। यह भी जुलाई के लिए पॉजिटिव संकेत है।
विदेशी संस्थागत निवेशक शॉर्ट्स कवर कर रहे
मार्केट के लिए अच्छी बात यह है कि लॉन्ग सिस्टम में लौट रहे हैं। विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) अपने शॉर्ट्स कवर कर रहे हैं। नई सीरीज की शुरुआत में FII की लॉन्ग पोजीशंस जून के मुकाबले ज्यादा हैं और अप्रैल और मई सीरीज की शुरुआत के करीब बराबर है। क्लाइंट्स की लॉन्ग पोजीशन 53 फीसदी है। जून सीरीज के समापन के साथ इस वित वर्ष की पहली तिमाही खत्म हो गई है।
अमेरिका के साथ डील मार्केट के लिए अच्छी खबर
जुलाई की शुरुआत से कंपनियां अपने बिजनेस अपडेट्स देने शुरू करेंगी। उसके बाद जून तिमाही के नतीजों का सीजन शुरू होगा। मार्केट के लिए अच्छी खबर यह है कि अमेरिका के साथ ट्रेड डील करीब फाइनल हो चुकी है। इसका ऐलान जल्द होने वाला है। अमेरिका और भारत 9 जुलाई से पहले ट्रेड डील कर लेना चाहते हैं। इसके बाद से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होना है। ऐसे में जुलाई में विदेशी निवेशकों के रुख पर मार्केट का चाल काफी हद तक निर्भर करेगी।