Last Updated on June 26, 2025 16:02, PM by
Share Market Rise: भारतीय शेयर बाजारों में गुरुवार 26 जून को लगातार तीसरे दिन तगड़ी उछाल देखने को मिली। भू-राजनीतिक तनाव घटने और मजबूत संकेतों के चलते बाजार का सेंटीमेंट हाई रहा। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों कारोबार के दौरान 1 फीसदी उछल गए। सेंसेक्स जहां 910.93 अंक या 1.1 फीसदी उछलकर 83,666.44 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी 271.20 अंकों की छलांग लगातार 5,515.95 पर पहुंच गया, जो इसका का 9 महीने का सबसे उच्चतम स्तर है। निफ्टी पर इस तेजी की अगुवाई भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, टाटा स्टील, इटर्नल, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस और अदाणी पोर्ट्स जैसे दिग्गज शेयरों ने की।
शेयर बाजार की इस शानदार तेजी के पीछे के 6 प्रमुख कारण रहे-
1. ईरान-अमेरिका के बीच बातचीत की उम्मीदें
ईरान और इजरायल के बीच तनाव कम होने के संकेतों के बाद से ही बाजार में पिछले तीन दिनों से तेजी बनी हुई है। अब अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाटो सम्मेलन में बोलते हुए संकेत दिए कि ईरान के साथ अगले सप्ताह से परमाणु कार्यक्रम पर नए सिरे से बातचीत शुरू हो सकती है।
जियोजिय फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वीके विजयकुमार ने कहा, “इजराइल और ईरान के बीच सीजफायर के बाद ग्लोबल मार्केट्स में रिस्क लेन का सेंटीमेंट मजबूत हुआ है। हालांकि टैरिफ डील को लेकर अनिश्चितता अभी बाकी है और इस मुद्दे का हल न होने पर तेजी ब्रेक लग सकता है। बाजार की नजरें अब 9 जुलाई के आसपास के इवेंट्स पर होगी, जब टैरिफ डील पर 90 दिनों का लगी अस्थायी रोक खत्म हो जाएगी।”
2. मजबूत ग्लोबल संकेत
एशियाई बाजारों में भी आज काफी तेजी रही। जापान का निक्केई 225 और चीन का शंघाई कंपोजिट हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजारों में बीती रात मिलाजुला रुख रहा, लेकिन फ्यूचर्स ट्रेडिंग ने अमेरिकी बाजारों के लिए पॉजिटिव शुरुआत का संकेत दिया है।
3. भारतीय रुपये में मजबूी
भारतीय रुपया गुरुवार को शुरुआती कारोबार में 21 पैसा मजबूत होकर 85.87 डॉलर पर पहुंच गया। रुपये में मजबूती को आमतौर पर शेयर मार्केट के लिए पॉजिटिव संकेत माना जाता है क्योंकि इससे आयात की लागत घटती है और विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ता है।हालांकि, ट्रेडर्स ने बताया कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और FIIs की लगातार निकासी के चलते रुपये में तेजी सीमित रही।
4. घरेलू अर्थव्यवस्था में मजबूती
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने जून बुलेटिन में कहा कि ग्लोबल लेवल पर तमाम अस्थिरता के बावजूद देश के इंडस्ट्रियल्स और सर्विसेज सेक्टर स्थिर बने हुए हैं। बुलेटिन में कहा गया है, “ट्रेड पॉलिसी में अनिश्चितता और भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण ग्लोबल लेवल पर परिस्थितियां अस्थिर बनी हुई हैं। फिर भी भारत के मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल्स मजबूत बनी हुई हैं।”
5. हैवीवेट शेयरों में खरीदारी
भारती एयरटेल, HDFC बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे हैवीवेट शेयरों में 2% तक की तेजी ने मार्केट के सेंटीमेंट को मजबूत किया और इंडेक्स को ऊपर जाने में मदद की।
6. निफ्टी बैंक ने बनाया रिकॉर्ड
निफ्टी बैंक ने आज नया रिकॉर्ड बनाया और 52-सप्ताह के अपना नए उच्चतम स्तर 57,076.95 पर पहुंच गए। इसमें प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने अहम भूमिका निभाई। सबसे अधिक तेजी HDFC बैंक में देखने को मिली, जो 2 फीसदी से अधिक की छलांग लगाकर अपने नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। क निफ्टी 2025 में अब तक 12 प्रतिशत चढ़ चुका है।
एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स का कहना है कि निफ्टी का ओवरऑल आउटलुक भले ही पॉजिटिव बना हुआ हो, लेकिन बाजार में मोमेंटम की कमी के चलते निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, “अगर निफ्टी इंडेक्स में गिरावट आती है, तो इसे 25,173-25,127 तक के रेंज में सपोर्ट मिल सकता है। यह स्तर टूटने के बाद फिर अगला सपोर्ट लेवल 25,014-24,940 के आसपास हो सकता है। वहीं ऊपर की ओर इसमें 25,330 के आसपास कंसॉलिडेशन हो सकता है, इसके बाद यग 25,460-25,550 की ओर बढ़ सकता है।”