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Share Market Rises: शेयर बाजार में इन 5 वजहों से भारी तेजी, सेंसेक्स 900 अंक उछला, सीजफायर की खबर से निवेशक झूमे

Share Market Rises: शेयर बाजार में इन 5 वजहों से भारी तेजी, सेंसेक्स 900 अंक उछला, सीजफायर की खबर से निवेशक झूमे

Last Updated on June 24, 2025 11:42, AM by

Share Market Rises: भारतीय शेयर बाजारों में आज 24 जून को तेज उछल गया। इजराइल और ईरान के बीच युद्ध विराम समझौते की खबरों से निवेशकों के सेंटीमेंट का मजबूत हुआ। इस समझौते के कारण क्रूड ऑयल की कीमतों में तेज गिरावट आई और भू-राजनीतिक तनावों को लेकर बनी चिंता कम हुई। कारोबार के दौरान बीएसई सेंसेक्स 955 अंक उछलकर 82,852.62 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी ने 286.05 अंको की छलांग लगाकर 25,257.95 का स्तर छू लिया। इस तेजी में अदाणी पोर्ट्स, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज, श्रीराम फाइनेंस, अल्ट्राटेक सीमेंट और अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 5% तक की बढ़त दर्ज की गई, जो निफ्टी गेनर्स रहे।

शेयर बाजार में आज की इस तेजी के पीछे 5 प्रमुख वजहें रहीं-

1. इजराइल-ईरान संघर्ष विराम की खबरें

शेयर बाजार में आज की तेजी के पीछे सबसे बड़ी वजह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक दावा रहा, जिसमें उन्होंने कहा कि इजराइल और ईरान के बीच संघर्षविराम को लेकर समझौता हो गया है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर लिखा कि इजराइल और ईरान के बीच संघर्षविराम अगले 12 घंटों में लागू हो जाएगा। इससे मिडिल ईस्ट में पिछले 12 दिनों से जारी भूराजनीतिक तनाव और ग्लोबल बाजारों में अनिश्चितता के माहौल पर विराम लगने की उम्मीद बनी। इस खबर ने उन निवेशकों को राहत दी जो क्रूड ऑयल की सप्लाई बाधित होने और महंगाई बढ़ने की आशंका से चिंतित थे।

 

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वीके विजयकुमार ने बताया, “पश्चिम एशिया में हुए हालिया नाटकीय घटनाओं और राष्ट्रपति ट्रंप के संघर्षविराम के ऐलान से संकेत मिलता है कि इस संघर्ष का सबसे बुरा दौर अब खत्म हो चुका है।”

2. कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट

डोनाल्ड ट्रंप के संघर्षविराम के ऐलान के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट देखी गई। ब्रेंट क्रूड के वायदा भाव 5.5 डॉलर या करीब 7.2% गिरकर 71.48 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए। वहीं अमेरिकी WTI क्रूड भी इतनी ही गिरावट के साथ 68.51 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। भारत अपनी तेल जरूरतों का 80% से अधिक आयात करता है, ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से देश की आयात लागत कम होती है, जिससे महंगाई पर भी काबू बना रहता है।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के सीनियर वीपी (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने कहा, “तेल की कीमतों में गिरावट और WTI फ्यूचर्स के 66.50 डॉलर तक आने से यह संकेत मिल रहा है कि मिडिल ईस्ट में तनाव कम होने की संभावना है। इससे बाजार का रुख तेजी की ओर मुड़ रहा है।”

इस खबर का असर ऑयल मार्केट कंपनियों के शेयरों पर भी दिखा। IOC, BPCL और HPCL के शेयरों में 5% तक की बढ़त दर्ज की गई, जबकि Oil India के शेयर 3% गिर गए।

3. S&P ने भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाया

S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को भारत की वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% कर दिया। इसके पीछे सामान्य मानसून की उम्मीद, क्रूड की कीमतों में नरमी और मॉनिटरी पॉलिसी में संभावित बदलाव जैसे कारण बताए गए। इससे बाजार में निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ, क्योंकि यह देश की आर्थिक मजबूती और रिकवरी की ओर इशारा करता है।

4. ग्लोबल मार्केट्स से मजबूत संकेत

अंतरराष्ट्रीय बाजारों से भी भारतीय शेयर बाजारों को आज अच्छे संकेत मिले। एशियाई बाजारों में साउथ कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225, शंघाई का SSE कंपोजिट इंडेक्स और हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स सभी हरे निशान में कारोबार कर रहे थे।

इसके अलावा अमेरिकी बाजार भी सोमवार को तेजी के साथ बंद हुए थे और मंगलवार सुबह भारतीय समयानुसार 10 बजे तक वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स भी हरे निशान में ट्रेड कर रहे थे। इन ग्लोबल पॉजिटिव संकेतों ने भारतीय बाजार की तेजी को और मजबूत किया।

5. रुपये में मजबूती

भारतीय रुपया मगंलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिका डॉलर के मुकाबले 65 पैसे मजबूत होकर 86.13 पर पहुंच गया। कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट और इजराइल-ईरान संघर्षविराम की उम्मीदों के चलते भारतीय रुपये में मजबूती देखने को मिली। इसके अलावा डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और घरेलू शेयर बाजार में मजबूती के चलते भी रुपये को सपोर्ट मिला।

एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रेटजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा, “शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और क्लोजिंग के समय खिंचाव के बावजूद, कल बने इनसाइड बार फॉर्मेशन से यह उम्मीद बनी हुई है कि मौजूदा तेजी का रुख आगे भी जारी रह सकता है।”

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि बाजार में फिलहाल तेजी की रफ्तार कमजोर है, लेकिन निफ्टी आने वाले दिनों में 25,200 से 25,460 के दायरे की ओर बढ़ सकता है। वहीं, नीचे की ओर 24,940 के स्तर पर मजबूत सपोर्ट देखने को मिल सकता है।

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