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फोनपे IPO के लिए अगस्त में ड्राफ्ट पेपर्स फाइल करेगी: इश्यू से ₹13,014 करोड़ जुटाने का प्लान, इससे वैल्यूएशन ₹1.25 लाख करोड़ होने की उम्मीद

फोनपे IPO के लिए अगस्त में ड्राफ्ट पेपर्स फाइल करेगी:  इश्यू से ₹13,014 करोड़ जुटाने का प्लान, इससे वैल्यूएशन ₹1.25 लाख करोड़ होने की उम्मीद

Last Updated on June 23, 2025 18:34, PM by Pawan

 

अमेरिकी रिटेल दिग्गज कंपनी वॉलमार्ट की डिजिटल पेमेंट कंपनी फोनपे अपने IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफर) के लिए अगस्त में सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर्स (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस यानी DRHP) फाइल कर सकती है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट्स के मुताबिक, फोनपे अपने IPO के जरिए 1.5 बिलियन डॉलर यानी लगभग 13,014 करोड़ रुपए जुटाने की प्लानिंग कर रही है।

 

इस IPO से भारत की डिजिटल पेमेंट कंपनी फोनपे की वैल्यूएशन करीब 15 बिलियन डॉलर यानी लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। फोनपे ने अपने IPO को मैनेज करने के लिए बड़े नामों को चुना है, जिनमें कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेपी मॉर्गन चेस, सिटीग्रुप और मॉर्गन स्टेनली शामिल हैं।

कंपनी का बोर्ड भी मजबूत है, जिसमें वॉलमार्ट के बड़े अधिकारी जैसे जॉन डेविड रेनी, डोना मॉरिस और लेह हॉपकिंस के साथ-साथ फोनपे के को-फाउंडर्स समीर निगम और राहुल चारी शामिल हैं।

IPO से पहले नाम बदलकर फोनपे लिमिटेड किया

2 महीने पहले फोनपे ने खुद को प्राइवेट से पब्लिक कंपनी में बदला है। कंपनी ने 16 अप्रैल को प्रमोटर्स की जनरल मीटिंग में फोनपे प्राइवेट लिमिटेड से बदलकर फोनपे लिमिटेड कर दिया है।

फोनपे ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) को भेजे गए दस्तावेज में इसकी जानकारी दी थी। ये प्रोसेस भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग के लिए जरूरी कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है। फोनपे ने फरवरी में IPO की प्लानिंग शुरू की थी।

इससे पहले कंपनी ने दिसंबर 2022 में सिंगापुर से भारत में अपना मुख्यालय शिफ्ट किया था। इसके साथ ही कंपनी ने अपने नॉन-पेमेंट बिजनेस को अलग सब्सिडियरी कंपनियों बांट दिया था।

बाजार में फोनपे की स्थिति

भारत में UPI का बाजार तेजी से बढ़ा है, लेकिन अब इसकी ग्रोथ धीमी हो रही है। मई 2025 में UPI ने 18.68 बिलियन ट्रांजैक्शंस रिकॉर्ड किए, जिनकी वैल्यू 25.14 लाख करोड़ रुपए थी। फोनपे और गूगल पे मिलकर UPI ट्रांजैक्शंस का 80% से ज्यादा हिस्सा संभालते हैं, जबकि पेटीएम जैसे अन्य प्लेयर्स पीछे हैं।

फोनपे के सामने क्या चुनौतियां हैं?

फोनपे की कमाई का ज्यादातर हिस्सा पेमेंट्स से आता है, जिसके चलते IPO से पहले उसकी वैल्यूएशन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। उदाहरण के लिए पेटीएम की मार्केट वैल्यू 6.5 बिलियन डॉलर है और फोनपे की तुलना उससे हो सकती है।

साथ ही UPI ट्रांजैक्शंस पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) लागू करने की मांग को सरकार ने ठुकरा दिया है, जिससे फिनटेक कंपनियों को रेवेन्यू बढ़ाने में चुनौती मिल सकती है।

फोनपे के लिए आगे की राह

फोनपे का यह IPO प्लान भारत के फिनटेक सेक्टर में एक बड़ा कदम है। अगर यह IPO सफल होता है, तो यह कंपनी को और विस्तार करने और नए क्षेत्रों में निवेश करने का मौका देगा। साथ ही वॉलमार्ट की मजबूत बैकिंग और फोनपे की बाजार में पकड़ इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बना सकती है।

क्या है फोनपे?

फोनपे भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए डिजिटल पेमेंट की दुनिया में सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक है। मई 2025 में फोनपे ने 8.68 बिलियन ट्रांजैक्शंस प्रोसेस किए, जिनकी कुल वैल्यू 12.56 लाख करोड़ रुपए थी। यह UPI मार्केट का लगभग आधा हिस्सा है।

कंपनी के 60 करोड़ यूजर्स हैं और यह रोजाना 31 करोड़ ट्रांजैक्शंस को हैंडल करती है। फोनपे न सिर्फ पेमेंट्स में बल्कि क्रेडिट, इंश्योरेंस और स्टॉकब्रोकिंग जैसी फाइनेंशियल सर्विसेज में भी कदम रख चुकी है, लेकिन इसकी कमाई का 95% हिस्सा अभी भी पेमेंट्स से आता है।

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