Last Updated on June 21, 2025 7:31, AM by
HDB Financial IPO: देश की प्रमुख नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी HDB Financial Services का ₹12,500 करोड़ का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) शुरुआती निवेशकों के लिए बड़ा झटका लेकर आया है। यह IPO देश के NBFC सेक्टर में अब तक के सबसे बड़े पब्लिक इश्यू में से एक माना जा रहा है।
लेकिन, इसके साथ ही करीब 49,336 शुरुआती इंडिविजुअल इनवेस्टर्स को अब अपने निवेश पर 48% तक का नुकसान (Notional Loss) झेलना पड़ सकता है। यह जानकारी कंपनी के लेटेस्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) में 19 जून 2025 को दर्ज की गई है।
₹1200 से ₹1350 में खरीदे थे शेयर
ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार, HDB Financial में 49,553 व्यक्तिगत शेयरधारक पहले से हिस्सेदारी रखते हैं। ये निवेशक कंपनी के अनलिस्टेड फेज में ₹1,200 से ₹1,350 प्रति शेयर की रेंज में शेयर खरीद चुके हैं।
अब जबकि IPO का प्राइस बैंड ₹700–₹740 प्रति शेयर तय किया गया है, इन निवेशकों को 38% से लेकर 48% तक का अनुमानित नुकसान हो सकता है। यह उनके एंट्री प्राइस पर निर्भर करेगा।
₹510 करोड़ तक की वैल्यू स्वाहा
अगर इंडिविजुअल इनवेस्टर्स ने 1 करोड़ शेयर ₹1,250 की दर से खरीदे थे, तो उनका कुल निवेश ₹1,250 करोड़ बैठता है। IPO के ऊपरी प्राइस बैंड ₹740 के हिसाब से देखें, तो उसकी वैल्यू घटकर ₹740 करोड़ रह जाएगी यानी लगभग ₹510 करोड़ का अनुमानित नुकसान (Notional Loss)।
ग्रे मार्केट की उम्मीदों से काफी कम है प्राइसिंग
इस प्राइसिंग ने ग्रे मार्केट में शेयर खरीदने वालों की उम्मीदों को भी तोड़ दिया है। अनलिस्टेड प्लेटफॉर्म पर पहले इन शेयरों की ट्रेडिंग ₹1,250–₹1,300 प्रति शेयर तक चल रही थी। ऐसे में कई निवेशकों ने प्री-IPO में बड़ी रकम झोंक दी थी।
HDB Financial के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO रमेश जी (Ramesh G) ने कहा, “IPO की प्राइसिंग एक सख्त संस्थागत डिस्कवरी प्रोसेस और इन्वेस्टर्स के फीडबैक पर आधारित है। अनलिस्टेड साइड पर जो कुछ हो रहा है, उसमें हम कुछ नहीं कर सकते। उस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है।”
HDFC Bank को होगा ₹9,373 करोड़ का मुनाफा
यह IPO दो हिस्सों में बांटा गया है- ₹2,500 करोड़ का फ्रेश इश्यू और 10,000 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (OFS)। पेरेंट कंपनी HDFC बैंक OFS के जरिए अपने 13.51 करोड़ शेयर बेच रही है।
HDFC Bank ने ये शेयर औसतन ₹46.4 प्रति शेयर की दर से खरीदे थे, और अगर यह IPO ₹740 के स्तर पर लिस्ट होता है, तो बैंक को लगभग ₹9,373 करोड़ का मुनाफा (टैक्स से पहले) होगा।
RBI के निर्देश के चलते हुई IPO की टाइमिंग
IPO ऐसे समय पर आ रहा है, जब RBI के ड्राफ्ट सर्कुलर के मुताबिक NBFCs को पेरेंट बैंकों पर अत्यधिक निर्भरता से बचने के लिए गाइडलाइन जारी की गई है।
RBI की एक पुरानी गाइडलाइन (अक्टूबर 2022) में यह भी कहा गया था कि अपर लेयर की NBFCs को 30 सितंबर 2025 तक लिस्ट होना जरूरी है। यही HDB के लिस्ट होने का प्रमुख कारण है, जैसा कि चेयरमैन अरिजीत बसु (Arijit Basu) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बताया है।
सब्सक्रिप्शन के लिए कब खुलेगा IPO
HDB फाइनेंशियल का आईपीओ 25 जून को खुलेगा और 27 जून को बंद होगा। भले ही इसमें संस्थागत निवेशकों की मजबूत मांग देखी जाए, लेकिन ग्रे मार्केट और सेकेंडरी ट्रेडिंग लेवल्स की तुलना में भारी डिस्काउंट पर इसकी प्राइसिंग शुरुआती निवेशकों के लिए बड़ा झटका है।
ऐसे में मुमकिन है कि रिटेल इनवेस्टर्स भविष्य में प्री-आईपीओ निवेश के प्रति अपना नजरिया बदल दें। इससे यह धारणा भी मजबूत होगी कि अनलिस्टेड मार्केट में प्री-IPO वैल्यूएशन हमेशा भरोसेमंद नहीं होते।
