Last Updated on June 21, 2025 9:49, AM by
शेयर बाजार में एक बार फिर से प्रमोटरों और संस्थागत निवेशकों की ओर से शेयर बेचने का सिलसिला तेजी पकड़ चुका है। बाजार में अप्रैल महीने के बाद से तेजी का दौर चालू है। प्रमोटर और बड़े निवेशक इसी तेजी का फायदा उठाकर अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने चेतावनी दी है कि इस तेजी के माहौल में छोटे निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। जेफरीज का कहना है कि प्रमोटरों के शेयर बेचने से स्टॉक मार्केट में शेयरों की सप्लाई बढ़ गई है, जिसके चलते भारतीय शेयर बाजार पर दबाव आ सकता है। खासतौर से मिडकैप शेयरों में एक्स्ट्रा सावधान रहने की जरूरत है।
जेफरीज के इक्विटी स्ट्रैटजी के ग्लोबल हेड, क्रिस्टोफर वुड ने भारतीय शेयर बाजार के वैल्यूएशन को लेकर भी चेतावनी दी है। क्रिस्टोफर वुड का कहना है कि निफ्टी-50 में अप्रैल के निचले स्तर 21,744 के निचले स्तर से अब तक लगभग 15% की तेजी आ चुकी है, जिसके चलते इसका वैल्यूएशन 12 महीने के फॉरवर्ड अर्निंग्स के आधार पर फिर से 20 के मल्टीपल से ऊपर चला गया है।
निफ्टी से भी ज्यादा रिटर्न मिडकैप इंडेक्स ने दिया है। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में इस दौरान लगभग 24% की तेजी आई है और इसका वैल्यूएशन अब 27 गुना तक पहुंच गया है।
क्रिस्टोफर वुड का कहना है कि, “शेयर बाजार की इस तेजी ने वैल्यूएशन को एक बार फिर से चिंता का विषय बना दिया है, खासतौर मिडकैप स्पेस में। इसी वजह से कंपनियों ने एक बार फिर इक्विटी प्लेसमेंट शुरू कर दिए हैं ताकि मौजूदा ऊंचे वैल्यूएशन का लाभ उठाया जा सके।” प्रमोटर और बड़े निवेशक भी इसीलिए शेयर बेच रहे हैं क्योंकि उन्हें उसका अच्छा वैल्यूएशन मिल रहा है।
पिछले कुछ महीनों में स्टॉक मार्केट में कई बड़े डील्स देखने को मिले है। सिंगापुर की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी सिंगटेल, की सब्सिडियरी फर्म Pastel Ltd ने हाल ही में भारती एयरटेल के 7 करोड़ से ज्यादा शेयर $1.5 अरब में बेचे है। ये पूरी डील 1814 रुपये प्रति शेयर के औसत भाव पर हुई थी। इसके अलावा, ITC की सबसे बड़ी शेयरधारक, ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको (BAT) ने अपनी 2.5% हिस्सेदारी बेचकर करीह 12,100 करोड़ रुपये की मोटी रकम जुटाई थी।
इसी महीने जून में विशाल मेगा मार्ट के प्रमोटर ग्रुप समायत सर्विसेज ने भी अपनी 20% हिस्सेदारी को $1.2 अरब डॉलर की एक डील में बेटा है। आंकड़ों के मुताबिक, मई में प्रमोटर्स और निवेशकों ने कुल $7.2 अरब डॉलर के शेयर बेचे जबकि जून में अब तक $6 अरब के शेयर बेचे जा चुके हैं। इससे शेयर मार्केट में स्टॉक्स की सप्लाई अब प्रमुख जोखिम बनकर सामने आ रही है।
जेफरीज ने कहा कि पहले के ट्रेंड से भी यह बात साफ होती है। भारतीय शेयर बाजार में जब सितंबर 2024 से पिछली गिरावट शुरू हुई थी, उस वक्त भी उससे पहले हर महीने औसतन 7 अरब डॉलर के शेयर बिकते थे।
कुल मिलाकर, शेयर बाजार में तेजी का माहौल है लेकिन जोखिम भी बढ़ रहे हैं। जानकारों का मानना है कि इस तेजी में आंख मूंदकर निवेश न करें। मिडकैप स्टॉक्स का वैल्यूएशन अब काफी ऊंचा हो चुका है और किसी भी समय मुनाफावसूली शुरू हो सकती है। साथ ही, बड़ी मात्रा में शेयर बिक्री से बाजार पर दबाव बन सकता है। ऐसे में सोच-समझकर और वैल्यूएशन को ध्यान में रखकर स्टॉक्स का चयन करें और सबसे जरूरी बात, प्रमोटर्स की ब्लॉक डील्स को नजरअंदाज न करें।