Last Updated on June 19, 2025 10:36, AM by Pawan
Editor’s Take: मौजूदा बाज़ार में हर निवेशक के ज़ेहन में यही सवाल घूम रहा है—क्या अब समय डरने का है या टिके रहने का? युद्ध के हालात, फेड की नीतियां, एफआईआई-डीआईआई की चाल और निफ्टी की रेंज—इन सबके बीच बाज़ार की दिशा तय होनी बाकी है. ऐसे में ज़रूरी है कि निवेशक हालात की गंभीरता को समझें और फैसले सोच-समझकर लें.
बाज़ार में युद्ध भड़कने का डर कितना जायज़?
ईरान और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर है. ट्रंप प्रशासन का रवैया बेहद आक्रामक है—अमेरिका किसी भी वक़्त ईरान पर हमला कर सकता है. तैयारी पूरी है, अब सिर्फ आदेश बाकी है. वहीं, ईरानी सुप्रीम लीडर ने सरेंडर से साफ इनकार कर दिया है और अमेरिका को गंभीर अंजाम भुगतने की चेतावनी दे डाली है. दोनों देश किसी भी वक्त सीधा टकराव कर सकते हैं. हालांकि, ट्रंप की रणनीति पहले धमकाने और फिर नरमी दिखाने की भी रही है. सवाल ये है कि क्या इस बार भी वही होगा या वाकई युद्ध के हालात बनेंगे? बाज़ार की दिशा अब ट्रंप के अगले कदम पर निर्भर करती है.
फेड से राहत नहीं, बल्कि चिंता
फेडरल रिज़र्व की चिंता दोतरफा है—महंगाई बढ़ने का खतरा और ग्रोथ में गिरावट. टैरिफ वॉर का असर साफ दिखाई दे रहा है और महंगाई बढ़ने लगी है. इसके बावजूद, फेड ने दरों में दो बार कटौती की संभावना को बरकरार रखा है. लेकिन उनके बयानों से कोई खास राहत की उम्मीद नज़र नहीं आ रही, जो बाज़ार के लिए चिंता का कारण है.
बाज़ार में कुछ बड़ा होने की तैयारी?
निफ्टी पिछले 34 ट्रेडिंग सेशनों से 24400 के नीचे नहीं गया, लेकिन 25225 का स्तर भी पार नहीं कर पाया. इस लंबे रेंजबाउंड ट्रेडिंग के बाद अब एक बड़ा मूव आना तय है. ईरान-अमेरिका-इज़रायल के तनाव के बीच बाजार किस दिशा में रेंज तोड़ेगा, यह अहम होगा. 24400 के नीचे बंद होने पर कमजोरी और 25150 के ऊपर बंद होने पर तेज़ी का रास्ता खुलेगा.
एफआईआई और घरेलू फंड्स क्या संकेत दे रहे हैं?
22वें दिन भी घरेलू संस्थागत निवेशकों ने छोटे स्तर पर ही सही, लेकिन लगातार खरीदारी की है. वहीं, एफआईआईज़ ने भी इस तनावपूर्ण माहौल में बिकवाली नहीं की है, जो बाज़ार के लिए राहत की बात है. फिलहाल बिकवाली का दबाव केवल ट्रेडर्स की तरफ से दिखाई दे रहा है.
मुनाफ़ा बुक करें या रुकें?
अनिल सिंघवी की सलाह है कि शॉर्ट टर्म निवेशकों और ट्रेडर्स को अपनी पोजिशन हल्की रखनी चाहिए. वहीं, मीडियम टर्म निवेशक 24400 के नीचे बंद होने तक पोजिशन होल्ड रख सकते हैं. अगर किसी निवेशक के पास अच्छा मुनाफ़ा है तो उसका एक हिस्सा बुक कर लेना समझदारी होगी—पूरा नहीं, थोड़ा.
