Last Updated on June 18, 2025 14:58, PM by
Stock Market Down: भारतीय शेयर बाजारों में आज 18 जून को तेज उठापटक देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी ने कारोबार की शुरुआत हरे निशान में की। लेकिन दोपहर तक इन्होंने अपनी पूरी बढ़त गंवा दी और बाजार लाल निशान में फिसल गया। सेंसेक्स दिन के उच्च स्तर से 591 अंक या 0.61% टूटकर 81,267.96 अंक तक आ गया। वहीं निफ्टी दिन के हाई से 186 अंक या 0.73% गिरकर 24,760.65 के स्तर पर आ गया। ईरान-इजराइल तनाव और ग्लोबल बाजारों से मिले कमजोर संकेतों ने मार्केट के सेंटीमेंट पर असर डाला। निफ्टी पर अदाणी पोर्ट्स, नेस्ले इंडिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसे शेयरों में 2% तक की गिरावट देखने को मिली।
शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे 5 बड़ी वजहें रहीं-
1) इजराइल-ईरान संघर्ष:
ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष बुधवार को अपने छठवें दिन में चला गया। दोनों देशों ने बुधवार को एक दूसरे के खिलाफ मिसाइल हमले किए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से बिना शर्त आत्मसमर्पण करने की अपील दोहराई और चेतावनी दी कि अमेरिका का सब्र का बांध खत्म हो रहा है। इससे मिडिल ईस्ट में अस्थिरता बढ़ने और क्रूड ऑयल की ग्लोबल सप्लाई के प्रभावित होने की आशंका बढ़ी है, जिसके चलते मार्केट पर दबाव देखा गया।
2) कमजोर ग्लोबल संकेत
एशियाई बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स 1% से अधिक गिर गया। वहीं भारतीय शेयर बाजार में कारोबार शुरू होने से पहले अमेरिकी फ्यूचर्स में भी गिरावट देखने को मिली। दुनियाभर के बाजारों में सतर्क माहौल ने घरेलू शेयरों पर दबाव बढ़ा दिया।
3) अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक पर नजर
निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। कयास हैं कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व लगातार चौथी बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। हालांकि फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयानों से शेयर बाजार को आगे की पॉलिसी का संकेत मिल सकता है। इसी कारण घरेलू बाजारों में भी सतर्कता दिखी।
4) फार्मा स्टॉक्स पर दबाव
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि फार्मा इंपोर्ट्स पर जल्द ही टैरिफ लागू होने वाले हैं। ट्रंप के इस बयान के बाद फार्मा शेयरों में भारी बिकवाली का दबाव देखने को मिला। निफ्टी फार्मा इंडेक्स में भी कमजोरी देखी गई।
5) रुपये में कमजोरी
मंगलवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 30 पैसे टूटकर 86.34 पर बंद हुआ। ईरान-इजराइल तनाव के कारण क्रूड ऑयल के दाम में तेजी और डॉलर के मजबूत होने से भारतीय रुपया दबाव में रहा। शेयर बाजार की कमजोरी ने भी रुपये की गिरावट को बढ़ाया है।
