Last Updated on June 16, 2025 11:40, AM by
Global Market: गिफ्ट निफ्टी में हल्की बढ़त देखने को मिल रही है। एशिया और डाओ फ्यूचर्स में भी तेजी आई। लेकिन ईरान-इजरायल के संघर्ष के बीच अमेरिकी बाजार शुक्रवार को पौने दो परसेंट तक फिसले। शुक्रवार को बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। डाओ जोन्स करीब 2% गिरकर बंद हुआ। S&P500 इंडेक्स 1% से ज्यादा गिरकर बंद हुआ। नैस्डेक 1.25% से ज्यादा गिरकर बंद हुआ।
इजरायल-ईरान तनाव
दोनों ओर से संघर्ष रुकने के संकेत नहीं है । इजरायली हमले में 406 लोग मरे और 654 घायल हुए। ईरान, इजरायल का हवाई क्षेत्र तीसरे दिन बंद हुआ। इजराइल पर 270 से अधिक मिसाइलें दागीं। 22 मिसाइलें एयर डिफेंस सिस्टम को भेदा है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि इजरायल हमले बंद करे, हम भी रोक देंगे। एनर्जी इंफ्रा पर हमले का ग्लोबल असर होगा। ईरान हमले जारी रहे तो जवाब और निर्णायक, कठोर होगा।
इजरायल को US का साथ?
ट्रम्प ने इजरायल की योजना को वीटो किया। खामेनेई को मारने की योजना को वीटो किया। अली खामेनेई ईरान के सर्वोच्च नेता हैं। अमेरिकी अधिकारी ने AP को जानकारी दी है।
ईरान पर हमले का असर
ऑनशोर फेज पर हमले से 14 प्लेटफॉर्म में उत्पादन बंद हुआ। 12 मिलियन क्यूबिक मीटर/दिन गैस की सप्लाई घटी। साउथ पारस कतर के साथ साझा गैस क्षेत्र है। साउथ पारस से ईरान की दो तिहाई गैस की सप्लाई दी। इजरायली हमले से फज्र जाम में भी आग लगी। नार, कंगन ऑयल प्रोसेसिंग प्लांट पर भी हमला है। ईरानी अर्थव्यवस्था को $250 मिलियन/दिन का घाटा हुआ। इस्फ़हान में यूरेनियम कन्वर्जन प्लांट को गंभीर नुकसान रहा।
ईरान का बड़ा बयान
अब IAEA का और सहयोग नहीं करेंगे। परमाणु अप्रसार संधि का पालन नहीं करना चाहिए। NPT ने जांच स्वीकार करने के लिए बाध्य किया। ईरान के डिफेंस प्लांट के क्षेत्रों को लोग खाली कर दें । अगले आदेश तक ईरानी लोग वापस न लौटों।
इजरायल-ईरान तनाव पर ट्रंप
दोनों देश जल्द किसी समझौते पर पहुंचे। इजरायल, ईरान के बीच जल्द शांति होगी। अब तक कई दौर के कॉल, बैठकें हुईं। संघर्ष नियंत्रण से बाहर हो सकता है। ईरान से जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन परमाणु डील पर बातचीत को तैयार किया।
तेल की कीमतों का असर
भारत का इस संघर्ष में कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन इसके अप्रत्यक्ष प्रभाव ने शुक्रवार को बाजार को हिलाकर रख दिया। एक समय ब्रेंट क्रूड का भाव 13% तक बढ़ गया और यह 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया, जो कुछ ही दिनों पहले 60 डॉलर के आसपास था। तेल की बढ़ती कीमतें भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक हैं। महंगे कच्चे तेल की वजह से भारत का आयात बिल बढ़ता है, मुद्रास्फीति बढ़ती है और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से हाल ही में उठाए गए कदमों का असर कम हो सकता है।
एशियाई बाजार
इस बीच आज एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार देखने को मिल रहा है। गिफ्ट NIFTY 70.50 अंक की बढ़त दिखा रहा है। वहीं, निक्केई करीब 0.94 फीसदी की बढ़त के साथ 38,193.39 के आसपास दिख रहा है। वहीं, स्ट्रेट टाइम्स में 0.39 फीसदी की कमजोरी दिखा रहा है। ताइवान का बाजार 0.57 फीसदी गिरकर 21,946.12 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। जबकि हैंगसेंग फ्लैट नजर आ रहा है। वहीं, कोस्पी में 0.67 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार हो रहा है। वहीं शंघाई कम्पोजिट 0.09 फीसदी की बढ़त के साथ 3,379.95 के स्तर पर दिख रहा है।