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₹90,970 करोड़ के मारुति सुजुकी मर्जर प्लान पर बड़ा अपडेट, NCLT ने दी राहत, नहीं होगी शेयरहोल्डर्स की मीटिंग

₹90,970 करोड़ के मारुति सुजुकी मर्जर प्लान पर बड़ा अपडेट, NCLT ने दी राहत, नहीं होगी शेयरहोल्डर्स की मीटिंग

 

Suzuki Motors Amalgamation: देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी में शामिल मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्याधिकरण (NCLT) से बड़ी राहत मिली है. कंपनी को अपनी सब्सिडियरी  सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड के खुद से विलय की योजना के पहले प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. एनसीएलटी की नई दिल्ली बेंच ने अपने आदेश में इसे मंजूरी दी है. आपको बता दें कि इस योजना को स्कीम ऑफ अमलगमेशन का नाम दिया गया है. बुधवार को कारोबारी सत्र के दौरान सुजुकी इंडिया का शेयर गिरावट के साथ बंद हुआ.

मीटिंग से दी छूट, जारी नहीं होंगे नए शेयर

सुजुकी मोटर गुजरात, मारुति की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है. NCLT ने अपने फैसले में विलय प्रस्ताव पर विचार के लिए दोनों कंपनियों के इक्विटी शेयरहोल्डर्स, सुरक्षित लेनदारों और असुरक्षित लेनदारों की मीटिंग बुलाने की जरूरत को खत्म कर दिया है. एनसीएलटी ने कई वजह को आधार बनाकर मीटिंग आयोजित करने से छूट दे दी है. NCLT ने तर्क दिया कि सुजुकी मोटर गुजरात, मारुति की 100% सब्सिडियरी है. विलय के बाद मारुति सुजुकी कोई नए शेयर जारी नहीं करेगी. ऐसे में मौजूदा शेयरहोल्डर्स को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

कंपनी के पास कोई सुरक्षित लेनदारी नहीं

सुजुकी मोटर गुजरात, सुजुकी इंडिया लिमिटेड के पास कोई भी सुरक्षित लेनदार नहीं हैं. असुरक्षित लेनदारों के मामले में, NCLT ने कहा है कि मारुति सुजुकी की वित्तीय स्थिति बेहद मजबूत है. वहीं, विलय के बाद कंपनी की कुल अनुमानित नेट वर्थ 90,970 करोड़ रुपए होगी. यह राशि सभी देनदारियों को चुकाने के लिए जरूरत से कहीं ज्यादा है. ऐसे में उनके हितों पर कोई भी गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा.  NCLT के आदेश के मुताबिक कंपनी को इस विलय योजना की जानकारी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC), इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों सहित कई रेगुलेटरी अथॉरिटी को देनी होगी. ये अथॉरिटी एक महीने के अंदर योजना पर अपनी आपत्तियां या सुझाव दे सकते हैं.

सालभर में 2.97% टूटा शेयर

डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, इस विलय के कंपनी को कई फायदे होंगे. सभी ग्रुप का स्ट्रक्चर सरल होगा. ऑपरेशन की क्षमता में भी बढ़तोरी होगी. इसके अलावा बेहतर तालमेल भी स्थापित होगा. अलग-अलग कंपनियों को बनाए रखने से जुड़े एडमिनिस्ट्रेटिव खर्चों में भी कमी आएगी. बुधवार को कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 0.31 फीसदी या 39 अंकों के साथ 12,481 रुपए पर बंद हुआ. कंपनी का शेयर सालभर में 2.97% तक टूट चुका है.

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