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10-11 जून को बाजार में दिख सकता है तेज उतार-चढ़ाव: एक्सपर्ट से जानें निफ्टी के अहम स्तर और इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए खास समय

10-11 जून को बाजार में दिख सकता है तेज उतार-चढ़ाव:  एक्सपर्ट से जानें निफ्टी के अहम स्तर और इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए खास समय

Last Updated on June 8, 2025 15:10, PM by

 

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मुंबई3 मिनट पहले

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रिजर्व बैंक की ब्याज दरों में कटौती के बाद भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता काफी अहम होने वाला है। बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 जैसे इंडेक्स पिछले हफ्ते थोड़ा स्थिर हुए, लेकिन अब कई घरेलू और वैश्विक घटनाएं बाजार की दिशा तय करेंगी।

 

महंगाई के आंकड़े, अमेरिका की टैरिफ नीतियां और विदेशी निवेशकों का रुख जैसे फैक्टर बाजार को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा, वेल्थव्यू एनालिटिक्स के वीकली मार्केट आउटलुक में कुछ खास समय और स्तर बताए गए हैं, जो ट्रेडर्स के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि अगले हफ्ते बाजार में क्या हो सकता है…

1. टेक्निकल लेवल और इंपॉर्टेंट टाइम

निफ्टी 50 इस समय अहम स्तर पर है। वेल्थव्यू एनालिटिक्स के फाउंडर हरशुभ शाह ने वीकली मार्केट आउटलुक में कुछ खास स्तर और समय बताए गए हैं:

निफ्टी के अहम स्तर:

  • रेजिस्टेंस जोन: 24,978 → 25,085 → 25,320 → 25,435
  • सपोर्ट जोन: 24,856 → 24,676 → 24,535

रेजिस्टेंस: ये वह स्तर है जहां शेयर या इंडेक्स (जैसे निफ्टी) को ऊपर जाने में रुकावट आती है। इसे “छत” की तरह समझें, जहां बिकवाली बढ़ने से कीमत आसानी से ऊपर नहीं जा पाती।

उदाहरण: निफ्टी के लिए रेजिस्टेंस 24,978, 25,085, 25,320, 25,435 हैं। अगर निफ्टी इन स्तरों को पार करता है, तो तेजी की उम्मीद बढ़ती है।

सपोर्ट: ये वह कीमत का स्तर है जहां शेयर या इंडेक्स को नीचे गिरने से सहारा मिलता है। इसे “फर्श” की तरह समझें, जहां खरीदारी बढ़ने से कीमत आसानी से नीचे नहीं जाती।

उदाहरण: निफ्टी के लिए सपोर्ट 24,856, 24,676, 24,535 हैं। अगर निफ्टी इन स्तरों पर टिकता है, तो गिरावट रुक सकती है।

मोमेंटम अलर्ट:

  • 10 और 11 जून: इन दो दिनों में बाजार में तेज उतार-चढ़ाव और ट्रेडिंग के अच्छे मौके हो सकते हैं।
  • 16 जून (±1 ट्रेडिंग दिन): ये दिन निफ्टी और बैंक निफ्टी के लिए बहुत अहम होगा। इस दौरान बाजार की दिशा तय हो सकती है, जो अगले हफ्तों के लिए टोन सेट करेगा।

ट्रेडर्स को इन स्तरों और समय का इस्तेमाल इंट्राडे ट्रेडिंग में खरीदने, बेचने और बाजार में तेज हलचल यानी, मोमेंटम को पकड़ने के लिए कर सकते हैं।

2. महंगाई का डेटा: 4% से नीचे रहना बाजार के लिए अच्छा

इस हफ्ते भारत का रिटेल महंगाई डेटा (CPI) आएगा, जो बाजार के लिए बहुत अहम है। उम्मीद की जा रही है कि महंगाई रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के 4% (±2%) के दायरे में रहेगी। अगर ऐसा होता है तो ये बजार के लिए अच्छी खबर होगी।

अप्रैल में रिटेल महंगाई घटकर 3.16% पर आ गई थी। ये महंगाई का 69 महीनों का निचला स्तर है। जुलाई 2019 में महंगाई 3.15% रही थी। खाने-पीने के सामान की कीमतों में लगातार नरमी के कारण रिटेल महंगाई घटी थी।

वहीं अप्रैल महीने में थोक महंगाई 2.05% से घटकर 0.85 % पर आ गई थी। ये महंगाई का 13 महीनों का निचला स्तर है। रोजाना की जरूरत के सामान और खाने-पीने की चीजों की कीमतों के घटने से महंगाई घटी थी।

RBI ने महंगाई अनुमान घटाया

3. अमेरिका के टैरिफ: मजबूत अर्थव्यवस्था के कारण ज्यादा असर नहीं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियां वैश्विक बाजारों के लिए चुनौती बनी हुई हैं। अप्रैल 2025 में 90 दिन के लिए टैरिफ रोकने से कुछ राहत मिली थी, लेकिन अब नई टैरिफ नीतियों की आशंका है। 4 दिन पहले अमेरिका में स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर 50% टैरिफ लागू था।

हालांकि, भारत की घरेलू खपत वाली अर्थव्यवस्था उसे टैरिफ के प्रभाव से कुछ हद तक बचाती है, लेकिन वैश्विक सप्लाई चेन में रुकावट मूड खराब कर सकती है। वहीं चीन और वियतनाम जैसे देशों की तुलना में भारत, कम टैरिफ वाला देश है, इसलिए विदेशी निवेशकों (FII) का पैसा भारत में आ सकता है।

4. विदेशी निवेशकों का रुख: FIIs ने ₹3565 करोड़ के शेयर बेचे

बीते हफ्ते विदेशी निवेशकों यानी, FIIs ने ₹3,565 करोड़ के शेयर बेचे। लेकिन घरेलू निवेशकों यानी, DIIs ने खरीदारी करके इस दबाव को संभाल लिया। DIIs ने कैश सेगमेंट में ₹25,513 करोड़ का निवेश किया, जिससे बाजार को सहारा मिला।

एंजेल वन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, FIIs के पास भारतीय शेयरों में सिर्फ 18.8% हिस्सेदारी है, जबकि अन्य उभरते बाजारों में ये 30% है। यानी, भारत में और विदेशी पैसा आने की काफी गुंजाइश है।

FIIs को केमिकल्स, टेलीकॉम, और फाइनेंशियल सेक्टर काफी पसंद आ रहे हैं। भारत की खपत-आधारित ग्रोथ, तगड़ा कैपेक्स साइकिल, और ज्यादा रिटर्न देने वाली कंपनियां इसे निवेश के लिए शानदार जगह बनाती हैं।

5. आईपीओ एक्शन: 4 नए इश्यू आएंगे, नई लिस्टिंग नहीं

इस हफ्ते एक मेनबोर्ड सेगमेंट में ओसवाल पंप्स का आईपीओ, सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा। वहीं SME सेगमेंट में तीन नए इश्यू सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेंगे। इनमें सचिरोम लिमिटेड, जैनिक पावर एंड केबल्स लिमिटेड और मोनोलिथिश इंडिया के आईपीओ शामिल है। बाजार में इस हफ्ते कोई नहीं लिस्टिंग नहीं होगी।

ब्याज दरों में कटौती से बाजार में सकारात्मक रुख

RBI की ब्याज दरों में 0.50% की कटौती के कारण बाजार में सकारात्मक रुख बना हुआ है। रेलिगेयर ब्रोकिंग के रिसर्चर अजीत मिश्रा ने कहा कि हमारा नजरिया बाजार को लेकर सकारात्मक है, और हम सलाह देते हैं कि जब तक निफ्टी 24,600 के नीचे निर्णायक रूप से न टूटे, तब तक ‘गिरावट पर खरीदारी’ की रणनीति अपनाएं।

पिछले हफ्ते सेंसेक्स 737 अंक और निफ्टी 252 अंक चढ़ा

2-6 जून 2025 यानी, बीते हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन हफ्ता पॉजिटिव नोट पर खत्म हुआ। निफ्टी 50 और सेंसेक्स ने शुरुआती गिरावट के बाद आखिरी दो दिनों में शानदार रिकवरी दिखाई। पूरे हफ्ते में सेंसेक्स 737 अंक और निफ्टी 252 अंक चढ़ा।

हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार 6 जून को RBI की 50 बेसिस पॉइंट की रेपो रेट कटौती और 100 बेसिस पॉइंट CRR कट से बाजार में तेजी आई। सेंसेक्स 747 अंक चढ़कर 82,189 और निफ्टी 252 अंक चढ़कर 25,003 के स्तर पर बंद हुआ। ब्याज दरों में कटौती से रियल्टी, बैंकिंग, और ऑटो सेक्टर में तेजी आई।

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