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AIS Vs 26AS : टैक्स फाइलिंग से पहले जानें फार्म 26AS और फार्म AIS का फर्क, रिटर्न फाइल करने में गलतियों से बचें

AIS Vs 26AS : टैक्स फाइलिंग से पहले जानें फार्म 26AS और फार्म AIS का फर्क, रिटर्न फाइल करने में गलतियों से बचें

Last Updated on June 7, 2025 14:04, PM by

Income Tax Return : अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं जो यहां हम बताने जा रहे है कि कैसे आप टैक्स रिटर्न फाइल करते समय होने वाली गलतियों से बचें, जिससे की आपको टैक्स आयकर विभाग से नोटिस न मिले। टैक्स के हर छोटे-बड़े नियम का ब्योरा देने लिए हमारे साथ हैं जाने-माने टैक्स एक्सपर्ट शरद कोहली। टैक्स गुरू के दर्शक टैक्सेशन से संबधित सभी टर्म्स को अच्छे से जानते हैं जैसे फार्म 26AS और फार्म AIS। लेकिन बहुत से टैक्सपेयर्स इन दोनों का बारीकी से फ़र्क़ नहीं समझ पाते, जबकि दोनों में ही इंफॉर्मेशनअपने आप इकट्ठा होकर आ जाती है। शरद कोहली ने इन दोनों का फ़र्क़ बारीकी से समझाया है जिसे जानना बेहद ज़रूरी है।

शरद कोहली ने बताया कि फॉर्म 26AS TRACES पोर्टल के जरिए जारी किया जाता है। वहीं, AIS (Annual Information Statement) इनकम टैक्स कम्प्लायंस पोर्टल पर उपलब्ध होता है। फॉर्म 26AS में टीडीएस, टीसीएस, एडवांस टैक्स, सेल्फ-असेसमेंट टैक्स और रिफंड का विवरण मिलता है। जबकि AIS में फॉर्म 26AS में दिए गए सारे विवरणों के साथ ही बैंक ब्याज,डिविडेंड, म्यूचुअल फंड लेनदेन, स्टॉक ट्रेड, संपत्ति सौदे और बहुत कुछ मिलता है।

इनमें दी गई जानकारियों के स्तर की बात करें तो फॉर्म 26AS में टैक्स से जुड़ी जानकारी की समरी मिलती है। वहीं, फॉर्म AIS में विभिन्न वित्तीय लेनदेन की विस्तृत जानकारी और मदों पर आधारित विवरण दिया जाता है। यह नया और एडवांस सिस्टम हैं। इसमें सीधे फीड बैक दे सकते हैं। इससे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन का रिव्यू और ट्रैक करना संभव है। इसे SFT जारी करता है। थर्ड पार्टी से SFT अपटेड होने पर AIS अपडेट हो जाता है।

 

फॉर्म 26AS का उपयोग मुख्य रूप से यह जांचने के लिए किया जाता है कि काटा गया कर आपके खाते में सही तरीके से जमा हुआ है या नहीं। यह पुराना फॉर्म है। वहीं, AIS सभी प्रमुख वित्तीय गतिविधियों की समीक्षा करने में आपकी मदद करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ITR दाखिल करते समय कुछ भी छूट न जाए।

क्या आप फीड बैक दे सकते हैं? इसका जवाब है कि फॉर्म 26AS में फीड बैक नहीं दिया जा सकता। वहीं, AIS के मामले में अगर कोई लेनदेन गलत प्रतीत होता है तो आप फीडबैक पेश कर सकते हैं। फॉर्म 26AS टीडीएस या कर भुगतान की रिपोर्ट किए जाने पर अपडेट किया जाता है। वहीं, AIS ज्यादा बार अपडेट किया जाता है तथा आपके फीडबैक के आधार पर इसमें बदलाव हो सकते हैं।

शरद ने कहा कि टैक्स फाइलिंग से पहले इन दोनों फॉर्मों के अंतर को अच्छे से समझ लेना चाहिए। फॉर्म 26AS में टैक्स से जुड़ी हर जानकारी मिलेगी। AIS और 26AS में टैक्स डाटा की दो तस्वीरें मिलती हैं। रिटर्न फाइलिंग से पहले AIS और 26AS से टैक्स डाटा चेक करें। AIS में दी गई गलत जानकारी को फीडबैक देकर सुधार लें। AIS को ज्यादा प्राथमिकता दें इसे अनदेखा ना करें।

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