Last Updated on June 3, 2025 21:33, PM by Pawan
कॉम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) में Currant Sea Investments B.V. की तरफ से 9.99% हिस्सेदारी खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बता दें कि CCI यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी दो कंपनियों के बीच बड़ा मर्जर या अधिग्रहण बाजार में प्रतिस्पर्धा को नुकसान न पहुंचाए.
इस निवेश के तहत Currant Sea कंपनी IDFC First Bank के 81.26 करोड़ (81,26,94,722) से ज्यादा CCPS (Compulsorily Convertible Cumulative Preference Shares) खरीदेगी. यह पूरी हिस्सेदारी फुली डायल्यूटेड बेसिस पर होगी.
इस डील के क्या हैं मायने?
इस मंजूरी के बाद अब Currant Sea Investments कंपनी आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में बड़ी हिस्सेदारी खरीद सकेगी. इससे बैंक को नई फंडिंग मिलेगी, जिसे वह अपने बिजनेस को बढ़ा सकता है और साथ ही नए प्रोडक्ट्स पर खर्च भी कर सकता है. यह निवेश बैंक के लिए लंबी अवधि में फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे उसकी आर्थिक हालत और बाजार में स्थिति मजबूत होगी.
क्या है Currant Sea Investments?
Currant Sea Investments B.V. एक निवेश होल्डिंग कंपनी है जो नीदरलैंड्स में रजिस्टर्ड है. यह कंपनी अलग-अलसग देशों में फाइनेंशियल सेक्टर में निवेश करती है.
IDFC First Bank क्या करता है?
IDFC First Bank भारत का एक प्राइवेट बैंक है जो ग्राहकों को कई तरह की सेवाएं देता है. बैंक की तरफ से लोगों को सेविंग्स और करंट अकाउंट खोलने की सुविधा मिलती है. साथ ही पर्सनल लोन, बिजनेस लोन और क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी दी जाती है. इतना ही नहीं, बैंकस म्यूचुअल फंड और इंश्योरेंस प्रोडक्ट भी बेचता है.
इसके अलावा कॉरपोरेट बैंकिंग, एमएसएमई बैंकिंग और एनआरआई बैंकिंग जैसी सेवाएं भी आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की तरफ से ग्राहकों को दी जाती हैं. बैंक की तरफ से फास्टैग जारी करना, कैश मैनेजमेंट, ट्रेड फाइनेंस, फॉरेक्स और वेल्थ मैनेजमेंट जैसी सेवाएं भी ग्राहकों को ऑफर की जाती हैं.
