Last Updated on June 2, 2025 10:55, AM by Pawan
इंडियन मार्केट्स अप्रैल के अपने निचले स्तर से काफी रिकवर कर चुके हैं। हालांकि, पिछले कई दिनों से बाजार के प्रमुख सूचकांक सीमित दायरे में दिख रहे हैं। एक दिन बाजार में अच्छी तेजी आती है तो दूसरे दिन तेज गिरावट आती है। 2 जून को शु्रुआती कारोबार में मार्केट पर दबाव दिखा। सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 0.90 फीसदी तक गिरावट दिखी। मार्केट के माहौल को समझने और निवेश के मौकों के बारे में जानने के लिए मनीकंट्रोल ने इनवैसेट पीएमएस के अनिरुद्ध गर्ग से बातचीत की। गर्ग ने आगे मार्केट की चाल के बारे में कई बातें बताईं।
गर्ग ने कहा कि भारत उभरते बाजारों में विदेशी निवेशकों के लिए पहली पसंद बना रहेगा। उन्होंने इसकी वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि डॉलर इंडेक्स में बड़ी कमजोरी आई है। इससे एक तरफ कैपिटल की कॉस्ट घटी है तो दूसरी तरफ विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) के लिए उभरते बाजार काफी अट्रैक्टिव हो गए हैं। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अर्निंग्स ग्रोथ भी अच्छी रहने की उम्मीद है। सरकार ने डिफेंस के आधुनिकीकरण पर फोकस बढ़ाया है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी सरकार को जोर बना हुआ है। इससे इकोनॉमी को सपोर्ट मिलेगा।
डिफेंस सेक्टर के बारे में उन्होंने कहा कि अच्छी खबरों का असर डिफेंस कंपनियों के शेयरों पर पहले ही पड़ चुका है। इसके बावजूद इस सेक्टर का आउटलुक पॉजिटिव बना हुआ है। सरकार डिफेंस कैपेसिटी को बढ़ा रही है। खासकर सरकार का जोर नेवी और मिसाइल सिस्टम को आधुनिक बनाने पर है। सरकार डिफेंस इक्विपमेंट्स का उत्पादन देश में ही करना चाहती है। इससे डिफेंस कंपनियों का भविष्य उज्ज्वल नजर आता है। Garden Reach Shipbuildeers सहित कई डिफेंस कंपनियों की ऑर्डरबुक स्ट्रॉन्ग है।
उन्होंने कहा कि Garden Reach Shipbuilders का मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 30,000 करोड़ रुपये का है, जबकि इसकी ऑर्डरबुक 25,000 करोड़ रुपये की है। कंपनी को हाल में और 25,000 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर्स मिले हैं। कंपनी को आगे और 40,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। दूसरी कंपनी Bharat Dynamics (BDL) है, जिसके आकाश मिसाइल सिस्टम ने गजब की मारक क्षमता दिखाई है। हाल में पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसी स्थिति में आकाश ने दुश्मन देश के ड्रोन हवा में मार गिराए। अब बीडीएल को दक्षिणपूर्व एशिया के कई देशों से ऑर्डर मिलने की उम्मीद बढ़ी है।
गर्ग ने कहा कि डिफेंस सिर्फ एक साइक्लिकल सेक्टर नहीं है, जिसका अट्रैक्शन पाकिस्तान के साथ हाल के टकराव की वजह से बढ़ा है। यह निवेशकों के लिए ऐसा सेक्टर है, जिसमें लंबी अवधि में पैसे बनाने के मौके हैं। जिस तरह से पिछले कुछ सालों में दुनिया में सिक्योरिटी को लेकर स्थितियां बदल रही हैं, उसमें डिफेंस कंपनियों के मौके बढ़े हैं। इंडिया में डिफेंस सेक्टर की कई कंपनियां इस मौके का पूरा फायदा उठाने की स्थिति में हैं।
