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Co-Location Capacities: BSE और NSE में रैक बढ़ाने की होड़, बढ़ती डिमांड बनी वजह; कितना है चार्ज

Co-Location Capacities: BSE और NSE में रैक बढ़ाने की होड़, बढ़ती डिमांड बनी वजह; कितना है चार्ज

Last Updated on June 1, 2025 9:44, AM by

NSE और BSE, ब्रोकर्स के सर्वर्स के लिए अपने यहां उपलब्ध रैक की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। ऐसा को-लोकेशन क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से मार्केट पार्टिसिपेंट्स की ओर से मांग लगातार बढ़ रही है। को-लोकेशन, एक्सचेंज ट्रेडिंग सिस्टम तक तेज एक्सेस की पेशकश करती है। को-लोकेशन सुविधा के तहत स्टॉकब्रोकर एक तय फीस का पेमेंट करके स्टॉक एक्सचेंज में अपना सर्वर रख सकते हैं। इससे उन्हें उन अन्य पार्टिसिपेंट्स से कुछ सेकंड पहले प्राइस डेटा तक एक्सेस मिलती है, जो रैक के नजदीक नहीं होते हैं।

अगर मांग बनी रहती है तो को-लोकेशन सुविधा से एक्सचेंजों के लिए रेवेन्यू जनरेट होने की उम्मीद है। हालांकि एक्सचेंज इसे रेवेन्यू के सोर्स से ज्यादा एक प्रोडक्ट की पेशकश के रूप में देखते हैं। लेटेस्ट डेटा के अनुसार, NSE के पास लगभग 1,300 फुल रैक्स की को-लोकेशन कैपेसिटी है। एक्सचेंज का इरादा जून के अंत तक 300 अतिरिक्त रैक जोड़ने का है। अगले दो साल में NSE चरणबद्ध तरीके से 2,000 और रैक जोड़ने की योजना बना रहा है।

NSE ऑफिस, बीकेसी के अंदर नए स्थान पर शिफ्ट

 

अपनी को-लोकेशन सर्विसेज को आगे बढ़ाने के लिए, NSE ने अपने ऑफिस को मुंबई में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के अंदर एक नए स्थान पर शिफ्ट कर दिया है। वहीं बीकेसी में स्थित ऐतिहासिक एक्सचेंज प्लाजा ऑफिस को अब अधिक रैक को एकोमोडेट करने के लिए डेटा सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। एनालिस्ट कॉल के दौरान NSE के CFO इयान देवूजा ने कहा था कि अगर सभी 2,000 रैक बनाई जाती हैं, तो अनुमान है कि लागत लगभग 520-550 करोड़ रुपये होगी। लेकिन यह एक चरणबद्ध अवधि में होगा।

BSE 3-4 महीनों में जोड़ेगा 200 और रैक

BSE भी को-लोकेशन रैक के लिए अधिक स्थान बनाने पर फोकस कर रहा है। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि BSE को-लोकेशन रैक को एकोमोडेट करने के लिए अधिक रियल एस्टेट की तलाश कर रहा है। करीब तीन साल पहले, मुंबई में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के ऐतिहासिक रोटुंडा हॉल के एक कोने को को-लोकेशन रैक के लिए अधिक स्थान बनाने के लिए बंद कर दिया गया था। ग्राउंड फ्लोर पर पट्टे पर दिया गया एक हिस्सा भी रैक के लिए अतिरिक्त स्थान बनाने के लिए वापस ले लिया गया है। वर्तमान में, BSE के पास 300 रैक हैं और एक्सचेंज अगले 3-4 महीनों में 200 और जोड़ने की योजना बना रहा है।

BSE के एमडी और सीईओ सुंदररामन आर कह चुके हैं, “…इस समय, यह एक अच्छी संख्या है, जो 15 केवीए और 6 केवीए के मिक्स के साथ लगभग 500 रैक है, संभवतः हमारे पास मौजूद उत्पादों की संख्या को देखते हुए लगभग 650 रैक के बराबर है।”

अभी रैक के लिए BSE और NSE कितना लेते हैं चार्ज

क्वार्टर रैक के लिए BSE का चार्ज 3 लाख रुपये सालाना है। आधे रैक के लिए एक्सचेंज 6 लाख रुपये सालाना लेता है। 6kVA के पूरे रैक की कीमत 12 लाख रुपये सालाना है और 15 kVA रैक की कीमत 25 लाख रुपये सालाना तक हो सकती है। पिछले साल मई में, BSE ने लगभग सभी कैटेगरीज के लिए अपने रैक चार्जेस में भारी बढ़ोतरी की थी।

इसके विपरीत, NSE ने अपने चार्ज में कमी की है और नए चार्ज इस साल 1 अप्रैल से लागू हैं। NSE के फुल रैक चार्ज को 12 लाख रुपये से घटाकर 9 लाख रुपये सालाना कर दिया गया है। हाफ रैक के लिए चार्ज को पहले के 6 लाख रुपये से घटाकर 4.50 लाख रुपये कर दिया गया है। क्वार्टर रैक चार्ज को पहले के 3 लाख रुपये से घटाकर 2.25 लाख रुपये कर दिया गया है।

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