Last Updated on May 30, 2025 15:07, PM by
Share Market: शेयर बाजार में शुक्रवार 30 मई को सपाट शुरुआत के बाद दोपहर तक गिरावट तेज हो गई। कमजोर ग्लोबल संकेतों और अमेरिका में टैरिफ को लेकर फिर से उभरी चिंताओं के चलते सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख इंडेक्सों में गिरावट देखी गई। ऑटो, मेटल और आईटी शेयरों में बिकवाली ने बाजार को नीचे खींचा। वहीं निवेशक GDP आंकड़ों के आने से पहले सतर्क दिखे। दोपहर 12 बजे के करीब, बीएसई सेंसेक्स 323.39 अंक गिरकर 81,308 पर के स्तर पर कारोबार कर रहे थे। वहीं एनएसई निफ्टी 79.25 अंक या 0.32% फिसलकर 24,754.35 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। कारोबार के दौरान निफ्टी एक समय 24,717.40 के स्तर तक पहुंच गया था।
अमेरिका में फिर बढ़ा टैरिफ का साया
शेयर बाजार में आज की कमजोरी के पीछे सबसे बड़ी वजह अमेरिका से जुड़ी एक कानूनी खबर रही। अमेरिका की फेडरल अपील कोर्ट ने गुरुवार को विदेशी आयात पर आपातकालीन शक्तियों के तहत टैरिफ लगाने की अस्थायी रूप से इजाजत दे दी, जिससे ग्लोबल तनाव फिर से बढ़ गया। अमेरिकी कोर्ट के इस फैसले से टैरिफ को लेकर असमंजस बना हुआ है और ग्लोबल बाजारों पर दबाव बढ़ा है।
निवेशक को भारत के GDP आंकड़ों का इंतजारा
इसके अलावा शेयर बाजार में सतर्कता इसलिए भी है क्योंकि भारत सरकार आज मार्च तिमाही और पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के GDP (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट) के आंकड़े जारी करने वाली है। इन आंकड़ों से आर्थिक ग्रोथ की गति को लेकर निवेशकों को अहम संकेत मिलने की उम्मीद है।
ग्लोबल मार्केट्स से कमजोर संकेत
ग्लोबल बाजारों की बात करें, तो एशियाई बाजारों में भी कमजोरी देखने को मिली। जापान का निक्केई 225, दक्षिण कोरिया का कोस्पी, शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग सभी लाल निशान में कारोबार करते दिखे। इससे पहले वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स में भी कमजोरी देखी गई थी।
इन शेयरों में दिखी सबसे ज्यादा हलचल
निफ्टी पर आज कारोबार के दौरान बजाज ऑटो, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, श्रीराम फाइनेंस, टेक महिंद्रा और महिंद्रा एंड महिंद्रा में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली और ये 3% तक लुढ़क गए। वहीं दूसरी ओर बजाज फिनसर्व, कोल इंडिया, लार्सन एंड टुब्रो (L&T), अपोलो हॉस्पिटल्स और HDFC बैंक में 0.5% तक की हल्की तेजी देखने को मिली।
ब्रॉडर मार्केट का हाल
हालांकि ब्रॉडर मार्केट ने थोड़ा लचीलापन दिखाया है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स दोपहर तक लगभग सपाट रहा, वहीं स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 0.11% की मामूली गिरावट देखी गई। BSE पर 1,845 शेयर गिरावट में रहे, जबकि 1,436 शेयरों में बढ़त और 135 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
आईटी शेयरों पर इस वजह से दबाव
अमेरिकी अदालत के फैसले से भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों में भारी दबाव देखा गया। TCS, Infosys, HCL Tech समेत लगभग प्रमुख लार्जकैप आईटी शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। भारतीय आईटी कंपनियों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा अमेरिकी बाजार से आता है।
एक्सपर्ट्स की राय
जियोजित फाइनेंशयिल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वी के विजयकुमार ने बताया, “FII और DII की स्थिर फंडिंग के चलते बाजार अभी तक संभला हुआ है।” उन्होंने कहा, “निकट भविष्य में भी कंसॉलिडेशन का दौर जारी रहने की संभावना है। निवेशकों को दो प्रमुख ट्रेंड को ध्यान में रखना चाहिए- भारतीय इकोनॉमी से जुड़े संकेत मजबूत हैं और उनमें सुधार हो रहा है, लेकिन यह मजबूती अभी तक कॉरपोरेट अर्निंग्स में दिखाई नहीं दे रही है। यही कारण है कि बाजार एक रेंज में ही बना हुआ है
