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पहलगाम अटैक के बाद से Nifty Defence Index 30% चढ़ा, GRSE शेयर 80% उछला; क्या करें निवेशक

पहलगाम अटैक के बाद से Nifty Defence Index 30% चढ़ा, GRSE शेयर 80% उछला; क्या करें निवेशक

Last Updated on May 29, 2025 22:22, PM by Pawan

हाल के दिनों में डिफेंस स्टॉक्स ने निवेशकों का खासा ध्यान खींचा। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद 7-8 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़े भू-राजनीतिक तनाव के बीच डिफेंस स्टॉक्स की खरीद में नई दिलचस्पी देखने को मिली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से, निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स में लगभग 31% का उछाल आया है।

इस अवधि के दौरान भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के शेयरों में 28% की वृद्धि हुई और इसने 393.50 रुपये प्रति शेयर का रिकॉर्ड उच्च स्तर देखा। इस बीच, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के शेयरों में तो 80% तक का उछाल दिखा। शेयर का एनएसई पर 52 वीक का नया हाई 3,147 रुपये है, जो 29 मई 2025 को क्रिएट हुआ।

इसी तरह 22 अप्रैल से 29 मई 2025 तक पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलोजिज के शेयर ने 53 प्रतिशत, बीईएमएल और कोचीन शिपयार्ड के शेयर ने 33 प्रतिशत, मझगांव डॉक शिप​बिल्डर्स का शेयर 36 प्रतिशत, भारत डायनैमिक्स का शेयर लगभग 40 प्रतिशत तक की तेजी देखी।

FY17 से FY24 के बीच रक्षा उत्पादन लगभग दोगुना हुआ

वित्त वर्ष 2017 और वित्त वर्ष 2024 के बीच भारत में रक्षा उत्पादन लगभग दोगुना होकर 1.27 लाख करोड़ रुपये का हो गया, जबकि निर्यात लगभग 15 गुना बढ़कर 21 हजार करोड़ रुपये का हो गया। ग्रो एसेट मैनेजमेंट कंपनी के सीईओ वरुण गुप्ता का कहना है कि आज निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स में लिस्टेड कंपनियों के पास 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संयुक्त ऑर्डर बुक है। वित्तीय स्थिति में सुधार, ऑर्डर बुक में वृद्धि और मजबूत पॉलिसीज की मदद से इसे सपोर्ट मिला है। द वेल्थ कंपनी एसेट मैनेजमेंट के मैनेजिंग पार्टनर प्रसन्ना पाठक ने कहा कि मेक इन इंडिया, रक्षा खरीद प्रक्रिया, सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची, प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी पर फोकस करना और आधुनिकीकरण और प्रौद्योगिकी में प्रगति जैसे नीतिगत उपाय रक्षा क्षेत्र में विकास और निवेश के प्रमुख चालक हैं।

क्या डिफेंस स्टॉक्स में उछाल जारी रहेगा?

विशेषज्ञों को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में भू-राजनीतिक तनाव कम होने से डिफेंस स्टॉक्स में गिरावट आएगी और वे कंसोलिडेट होंगे। इनमें से कई शेयर पहले 10-15 PE मल्टीपल्स पर कारोबार कर रहे थे, लेकिन अब 40-50 PE मल्टीपल्स पर कारोबार कर रहे हैं। इसलिए हो सकता है कि भविष्य के रिटर्न, अर्निंग्स में ग्रोथ से प्रेरित हों। पाठक का कहना है कि वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए, यह उम्मीद की जाती है कि रक्षा क्षेत्र कम से कम अगले 2-3 वर्षों तक सुर्खियों में रहेगा और वर्तमान मल्टीपल्स के बरकरार रहने की संभावना है।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

विशेषज्ञ डिफेंस सेक्टर को लॉन्ग टर्म की कहानी के रूप में देखते हैं, लेकिन खुदरा निवेशकों को सावधान रहने की सलाह है। गुप्ता ने इस कहानी का हिस्सा बनने के लिए विवेकपूर्ण तरीके के रूप में SIP की सिफारिश की। पाठक ने कहा कि खुदरा निवेशकों को सेक्टोरल फंड में निवेश करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि पोर्टफोलियो एक ही सेक्टर या थीम पर केंद्रित होता है। ऐसे फंड/इंडेक्स का रिटर्न केवल कुछ स्टॉक्स के प्राइस मूवमेंट पर बहुत अधिक निर्भर करता है। इन सेक्टर्स में उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहता है।

सेक्टर/थीमेटिक फंड्स में निवेश करने में टाइमिंग का जोखिम होता है, जिससे एंट्री और एग्जिट की टाइमिंग महत्वपूर्ण हो जाती है। बेलापुरकर का सुझाव है कि केवल उन निवेशकों को इन फंड्स में निवेश करना चाहिए, जो अंडरलाइंग स्टॉक्स पर फंडामेंटल व्यू रख सकते हैं। अधिकांश निवेशकों के लिए डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स में निवेश करना बेहतर है।

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