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इक्विटी और म्यूचुअल फंड के दौर में फिक्स्ड डिपॉजिट में क्यों करना चाहिए इन्वेस्टमेंट? ये है वो 5 कारण

इक्विटी और म्यूचुअल फंड के दौर में फिक्स्ड डिपॉजिट में क्यों करना चाहिए इन्वेस्टमेंट? ये है वो 5 कारण

Last Updated on May 26, 2025 4:28, AM by Pawan

Fixed Deposit: हाल के समय में सभी लोग कम समय में ज्यादा पैसा कमाने की चाह में है। कोई इक्विटी मार्केट, कोई म्यूचुअल फंड में पैसा लगा रहा है तो कोई फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस कर रहा है। इन सभी निवेश उपायों के बीच पारंपरिक रूप से निवेश के तरीके फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की प्रासंगिकता काफी कम हो गई है। हालांकि FD भारतीय निवेशकों के लिए सबसे आसान विकल्प रहा है। वैसे चाहे आप एक कंजर्वेटिव निवेशक हों या एक सामान्य बचतकर्ता, सभी को अपने इनवेस्टमेंट में FD को शामिल करना बहुत जरूरी है क्योंकि यह निवेश को संतुलित करता है। ये है वो 5 कारण जो ये बताते है कि फिक्स्ड डिपॉजिट का आपके इन्वेस्टमेंट का हिस्सा क्यों होना चाहिए।

पूंजी की सुरक्षा

फिक्स्ड डिपॉजिट का सबसे बड़ा बेनिफिट आपकी पूंजी की सुरक्षा है। स्टॉक या म्यूचुअल फंड की कीमत बाजार के मूड के अनुसार ऊपर और नीचे होती है, जबकि FD आपके पूंजी के लिए फिक्स रिटर्न और सुरक्षा प्रदान करते हैं। FD पारंपरिक निवेशकों, पेंशनभोगियों या किसी भी व्यक्ति के लिए एक बढ़िया विकल्प हैं जो अपनी पूंजी का कुछ हिस्सा सुरक्षित रखना चाहते हैं। बता दें कि प्रति बैंक, प्रति खाता 5 लाख रुपये तक की राशि को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा कवर किया जाता है, जो FD अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है।

फिक्स और सुरक्षित रिटर्न

जब आप फिक्स्ड डिपॉजिट रखते हैं तो आपको एक निश्चित अवधि के भीतर मिलने वाली राशि की गारंटी होती है। ब्याज दरें निवेश के समय निर्धारित की जाती हैं, जो आपको बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाती हैं। अपनी पूंजी पर मिलने वाले रिटर्न का अनुमान लगाकर आप अपने निवेश में FD को शामिल करते हुए भविष्य की लागत योजना के लिए पहले से ही तैयार रह सकते है। चाहे वह बच्चे की शिक्षा के लिए पैसे जुटाना हो, छुट्टी के लिए बचत करना हो सभी के लिए FD एक सेफ इनवेस्टमेंट प्लान है।

अपने जरूरत के हिसाब से करें इनवेस्टमेंट प्लानिंग

 

फिक्स्ड डिपॉजिट में कई तरह के इनवेस्टमेंट प्लान होते है। FD में कुछ दिनों से लेकर कई वर्षों तक की अवधि तक के प्लान होते हैं। इससे आप अपनी जरूरतों के हिसाब से अपने निवेश की प्लानिंग कर सकते हैं। हालांकि आपको समय से पहले निकासी पर जुर्माना देना पड़ सकता है। वैसे FD पर अधिकांश बैंकों से आंशिक निकासी या ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिलती है, जो आपको अपने पूरे निवेश को प्रभावित किए बिना आपातकालीन स्थिति में लिक्विडिटी प्रदान करती है।

डायवर्सिफाई के लिए बेस्ट विकल्प है FD

एग्रेसिव निवेशकों के लिए उनके निवेश को डायवर्सिफाई करना अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है। FD इक्विटी या रियल्टी जैसे जोखिम भरे निवेशों को संतुलन बनाने का कम करते हैं। मंदी के बाजारों के दौरान FD फिक्स रिटर्न प्रदान करते हैं, जिसका उपयोग आप अपने पोर्टफोलियो में होने वाले कहीं और के नुकसान को बचाने के लिए कर सकते है।

टैक्स में बचत करने के साथ लोन कोलैटरल में भी है उपयोगी

कुछ फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे पांच साल की लॉक-इन अवधि वाले टैक्स-सेवर FD, आयकर अधिनियम की धारा 80C (अधिकतम ₹1.5 लाख प्रति वर्ष) के तहत कटौती के लिए पात्र हैं। हालांकि ब्याज से होने वाली इनकम कर योग्य होगी, फिर भी ऐसे FD आपकी टैक्स बेनिफिट रणनीति का हिस्सा बने रह सकते हैं। इसके साथ ही FD को पर्सनल लोन या ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए कोलैटरल के रूप में गिरवी रखा जा सकता है। इससे जरूरत पड़ने पर कम ब्याज दर पर उधार की सुविधा मिलती है।

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