Last Updated on May 25, 2025 15:49, PM by
Layoff News: माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, एमेजॉन और क्राउडस्ट्राइक जैसी दिग्गज कंपनियों में भी छंटनी की तलवार चल रही है। टेक इंडस्ट्री रेवेन्यू की सुस्त ग्रोथ, लगातार जारी मैक्रोइकॉनॉमिक अनिश्चितता, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ते प्रभाव में छंटनी की बड़ी लहर से गुजर रही है। छंटनी के आंकड़ों को ट्रैक करने वाली Layoffs.fyi के मुताबिक 130 से अधिक कंपनियों में 61 हजार से अधिक टेक वर्कर्स की छंटनी हो चुकी है। इसमें से अकेले 6 हजार एंप्लॉयीज की छंटनी तो माइक्रोसॉफ्ट ने की जिसने वर्ष 2023 के बाद से सबसे बड़ा लेऑफ किया।
Layoff News: बड़ी-बड़ी कंपनियों में भी जॉब सिक्योरिटी नहीं
आमतौर पर माना जाता है कि बड़ी कंपनियों में जॉब सिक्योरिटी रहती है लेकिन इस साल 130 से अधिक कंपनियों में 61 हजार से अधिक एंप्लॉयीज की छंटनी में 6 हजार तो अकेले माइक्रोसॉफ्ट से ही निकाले गए। इस कटौती का ऐलान कंपनी ने 13 मई को किया था और इससे कई देशों और विभागों के एंप्लॉयीज प्रभावित हुए। सिर्फ वाशिंगटन (अमेरिका) में ही करीब 2 हजार एंप्लॉयीज की छुट्टी की गई। माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक उसने यह छंटनी मैनेजमेंट को स्थिर करने और प्रशासनिक लोगों से ऊपर इंजीनियरिंग टैलेंट को प्रमुखता देने के लिए की है।
गूगल की बात करें तो वर्ष 2023 के बाद से यह 12 हजार एंप्लॉयीज की छुट्टी कर चुकी है। इस साल मई की शुरुआत में इसने एडवरटाइजिंग पार्टनरशिप और सेल्स का काम देखने वाले करीब 200 एंप्लॉयीज की छुट्टी की। एमेजॉन की बात करें तो इसने अपने डिवाइसेज और सर्विसेज डिविजन से 100 एंप्लॉयीज को निकाल दिया। साइबरसिक्योरिटी फर्म क्राउडस्ट्राइक ने भी पिछले हफ्ते लॉन्ग टर्म प्रॉफिटेबिलिटी पर फोकस बढ़ाने का हवाला देते हुए 5 फीसदी एंप्लॉयीज की छंटनी का ऐलान किया।
IBM में छंटनी के साथ-साथ हायरिंग भी
हर कंपनी अलग-अलग स्ट्रैटेजी के तहत छंटनी का रास्ता अपना रही है लेकिन यह स्पष्ट है कि एआई और आर्थिक चुनौतियां टेक इंडस्ट्री को नया आकार दे रही हैं। आईबीएम में भी छंटनी हुई लेकिन हायरिंग भी हुई है। आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा ने हाल ही में वाल स्ट्रीट जर्नल के साथ इंटरव्यू में खुलासा किया था कि पहले जो काम सैकड़ों एचआर मिलकर करते थे, उनकी जगह अब एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि कंपनी का वर्कफोर्स कम नहीं हुआ क्योंकि प्रोग्रामिंग और सेल्स में हायरिंग भी हुई। यह दिखाता है कि कंपनी ऑटोमेशन और ग्रोथ के बीच कैसे बैलेंस बना रही है और जहां जरूरत है, वहां हायरिंग की जा रही है।