Last Updated on May 25, 2025 11:43, AM by
Stock Market Next Move: इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार की दिशा कई अहम वृहद आर्थिक आंकड़ों की घोषणा, वैश्विक संकेतों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियों से निर्धारित होगी. विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका में बढ़ते कर्ज, बॉन्ड प्रतिफल और वैश्विक अनिश्चितता के बीच निवेशक सतर्क रह सकते हैं.
बीते सप्ताह बाजार में कमजोरी देखी गई. बीएसई सेंसेक्स 609.51 अंक या 0.74% गिरकर बंद हुआ, वहीं एनएसई निफ्टी 166.65 अंक या 0.66% कमजोर पड़ा. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी और एफपीआई की निकासी ने बाजार पर दबाव डाला है. इसके साथ ही वैश्विक आर्थिक घटनाक्रमों का भी असर रहा.
यहां पर होगी निवेशकों की नजर
इस सप्ताह निवेशकों की नजर 28 मई को जारी होने वाले औद्योगिक उत्पादन और विनिर्माण उत्पादन के आंकड़ों पर रहेगी. इसके अलावा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के आंकड़े भी महत्वपूर्ण होंगे, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाएंगे. साथ ही, मानसून की प्रगति की जानकारी भी बाजार की चाल को प्रभावित कर सकती है.
फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक के ब्योरे और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता जैसे वैश्विक कारक भी इस सप्ताह चर्चा में रहेंगे. इस बीच, मई के डेरिवेटिव अनुबंधों का निपटान और कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों का अंतिम दौर बाजार पर असर डालेगा. इस सप्ताह बजाज ऑटो, अरविंदो फार्मा, और आईआरसीटीसी जैसी बड़ी कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं.
RBI का ये फैसला भी बाजार को देगा हिम्मत
इस सप्ताह एक और बड़ी खबर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड देना है. यह 2023-24 की तुलना में 27.4% अधिक है और इससे सरकार को बढ़ते रक्षा खर्च और राजकोषीय दबाव को संभालने में मदद मिलेगी. विशेषज्ञों के अनुसार, निकट भविष्य में बाजार में एकीकरण और सतर्कता का दौर रह सकता है. निवेशकों का ध्यान अब आर्थिक आंकड़ों और वैश्विक घटनाओं पर केंद्रित रहेगा.