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NSE IPO Update: कहां तक पहुंची IPO की बात…? SEBI चीफ ने फिर से दिया हिंट- एक्सपायरी बदलने पर भी आया अपडेट | Zee Business

NSE IPO Update: कहां तक पहुंची IPO की बात…? SEBI चीफ ने फिर से दिया हिंट- एक्सपायरी बदलने पर भी आया अपडेट | Zee Business

Last Updated on May 22, 2025 15:08, PM by

 

NSE IPO Update: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के बहु प्रतीक्षित IPO पर सुगबुगाहट लगातार बनी हुई है. आईपीओ कब तक आएगा, इसे लेकर मार्केट रेगुलेटर SEBI चीफ तुहिन कांत पांडे की ओर से फिर से बयान आया है. एक इवेंट में उन्होंने कहा कि NSE के IPO से जुड़े पुराने लंबित मामलों को सुलझाने के लिए SEBI और NSE मिलकर काम कर रहे हैं. नियामक का दावा है कि NSE IPO से जुड़े विवादों का समाधान जल्द किया जाएगा.

NSE ने एक्सपायरी बदलवाने के लिए दी है अर्जी

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, NSE ने इंडेक्स एक्सपायरी को मंगलवार कराना चाहता है, और इसे लेकर सेबी के पास अर्जी दी है, लेकिन सूत्रों की मानें तो अर्जी को SEBI ने फिलहाल होल्ड पर रख दिया है. SEBI का कहना है कि जब तक एक्सपायरी को लेकर सर्कुलर जारी नहीं किया जाता, तब तक इस तरह की कोई एप्लीकेशन मान्य नहीं मानी जाएगी. उम्मीद की जा रही है कि आने वाले 1-2 दिनों में SEBI इस विषय पर सर्कुलर जारी कर सकता है.

इस पूरे घटनाक्रम पर NSE के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष चौहान ने कहा है कि एक्सचेंज वही करेगा जो SEBI निर्देश देगा. आशीष चौहान के मुताबिक, फिलहाल एक्सपायरी को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है.

और क्या बोले सेबी चीफ?

इसी बीच, सेबी चीफ तुहिन कांत पांडे ने एक कैपिटल मार्केट कॉन्फ्रेंस में देश की पूंजी बाज़ार व्यवस्था पर महत्वपूर्ण बातें कहीं. उन्होंने कहा कि भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था को कर्ज के लिए सिर्फ बैंकों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. पिछले तीन सालों में पूंजी बाजार से करीब ₹93 लाख करोड़ जुटाए गए हैं, और एवरेज डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़कर ₹1 लाख करोड़ तक पहुंच गया है.

SEBI प्रमुख ने यह भी कहा कि भारत में रिटेल निवेशकों की भागीदारी अमेरिका जैसे विकसित बाजारों की तुलना में अभी भी कम है, लेकिन बीते कुछ वर्षों में इसमें तेज़ी से वृद्धि हुई है. फिलहाल यूनिक रिटेल इन्वेस्टर्स की संख्या बढ़कर 13 करोड़ हो चुकी है. उन्होंने कहा कि रेगुलेशन को सरल बनाना और अनुमोदन की प्रक्रिया को तेज करना SEBI की प्राथमिकताओं में शामिल है. इसी दिशा में पब्लिक इश्यू की टाइमलाइन को भी घटाया गया है.

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